सोशल मीडिया पर खालिस्तान समर्थकों के जुलूस का एक वीडियो वायरल है. वीडियो में एक झांकी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुतले को पिंजरे में कैद देखा जा सकता है. इसके साथ दावा किया जा रहा है कि कनाडा में खालिस्तानी समर्थकों ने अरविंद केजरीवाल को जमानत मिलने की खुशी में रैली निकाली. इस रैली की झांकी में पीएम मोदी के पुतले को सलाखों में कैद दिखाया गया. इसके साथ ही उनके विरोध में नारे भी लगाए गए.
बूम ने पाया कि वायरल दावा गलत है. यह वीडियो कनाडा के माल्टन में 5 मई 2024 को निकाले गए 'नगर कीर्तन जुलूस' के दौरान का है. इसका अरविंद केजरीवाल की रिहाई से कोई संबंध नहीं है.
आपको बताते चलें कि कथित शराब घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 50 दिनों की न्यायिक हिरासत के बाद उन्हें बीते 10 मई को एक जून तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी है. केजरीवाल को मिली इस जमानत से जोड़ते हुए यह असंबंधित वीडियो वायरल है.
लगभग 40 सेकंड का यह वीडियो किसी जुलूस का है, जहां सैकड़ों की संख्या में लोग दिखाई दे रहे हैं. कुछ लोगों के हाथ में खालिस्तान के झंडे भी हैं. वीडियो में एक वाहन के पीछे पिंजरे में पीएम मोदी का पुतला जंजीरों से बंधा देखा जा सकता है, इसपर लगे पोस्टर में अंग्रेजी में 'Canada's Citizen Court to Sentence Modi. Crime: Assassination of Nijjar' लिखा है. वीडियो में पीछे से मोदी विरोधी और खालिस्तान समर्थित नारे भी लग रहे हैं.
फेसबुक पर वीडियो को शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, 'कनाडा में खालिस्तानी सिखों ने अरविंद केजरीवाल को जमानत मिलने की खुशी में एक रैली निकाली, जिसमें प्राइम मिनिस्टर मोदीजी को जेल की सलाखों के अंदर दिखाया गया और मोदी को गाली सहित नारा लगाया, बन कर रहेगा खालिस्तान के नारे लगाये, केजरीवाल खालिस्तान सिख आतंकवादियों की पसंद क्यों है?'
पोस्ट का आर्काइव लिंक.
फैक्ट चेक
वायरल वीडियो को गौर से देखने पर हमने पाया कि इसमें @mani86137 नाम की एक टिकटॉक आईडी मेंशन थी. हम VPN की मदद से इस आईडी तक पहुंचे, वहां लगभग एक सप्ताह पहले का अपलोड किया गया यही वीडियो मिला. कैप्शन में इसे माल्टन के 2024 के नगर कीर्तन का बताया गया था.
आगे हमने माल्टन में आयोजित इस नगर कीर्तन से संबंधित मीडिया रिपोर्ट्स की तलाश की. 7 मई 2024 की 'द प्रिंट' की रिपोर्ट में बताया गया कि कनाडा के एक 'सिख नगर कीर्तन जुलूस' में प्रधानमंत्री मोदी को कैदी के रूप में दिखाते हुए एक झांकी निकाली गई. जिसके बाद भारत ने हिंसा के इसतरह के महिमामंडन की कड़ी निंदा की. प्रिंट की इस रिपोर्ट में वायरल वीडियो से मिलती-जुलती तस्वीर देखी जा सकती है.
7 मई के एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, ओंटारियो गुरुद्वारा कमेटी द्वारा 5 मई को आयोजित इस परेड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अलगाववादी नारे और झांकियां लगाई गई थीं. आजतक की रिपोर्ट में बताया गया कि पीएम मोदी के इसतरह के झांकी पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, 'कनाडा में चरमपंथी तत्वों ने हमारे नेताओं की हिंसक झाकियां निकालीं, हमने इसपर कड़ा विरोध जताया है. हिंसा का महिमामंडन किसी भी सभ्य समाज का हिस्सा नहीं होना चाहिए.'
इसके अलावा हमें हिंदुस्तान टाइम्स के यूट्यूब चैनल पर भी इससे संबंधित एक वीडियो रिपोर्ट मिली, 8 मई के इस वीडियो के डिस्क्रिप्शन में भी बताया गया कि 5 मई को आयोजित माल्टन में प्रधानमंत्री मोदी को जंजीरों में जकड़े और पिंजरे में बंद दिखाने वाली झांकी पर भारत ने कनाडा के जस्टिन ट्रूडो सरकार की आलोचना की. इसमें भी वायरल वीडियो के विजुअल्स स्पष्ट देखे जा सकते हैं.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल के आधिकारिक एक्स हैंडल पर इससे संबंधित जारी किया गया बयान देखा जा सकता है.
Our response to media queries regarding the float in the Nagar Kirtan parade in Malton, Canada:https://t.co/WpT3vOkNLJ pic.twitter.com/SW99t2QaD7
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) May 7, 2024
पोस्ट का आर्काइव लिंक.
अब आते हैं वायरल दावे पर, जैसा कि यह स्पष्ट है कि वीडियो कनाडा में आयोजित 5 मई के नगर कीर्तन जुलूस का है, जबकि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत 10 मई को मिली है. इससे साफ है कि वीडियो को गलत तरीके से केजरीवाल की जमानत से जोड़ा जा रहा है. इस परेड की आयोजक ओंटारियो गुरुद्वारा कमेटी के इंस्टाग्राम पर भी इससे संबंधित एक पोस्ट मौजूद है, जिसमें इस आयोजन की तारीख 5 मई बताई गई थी, जो माल्टन से शुरू होगी और रेक्सडेल में समाप्त होगी.
असल में नगर कीर्तन की इस झांकी में जून 2023 में खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का जिक्र करते हुए पीएम मोदी को सजा देने की बात है. जिसकी मौत के बाद भारत और कनाडा के बीच राजनयिक विवाद पैदा हो गया था, तब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था.