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फैक्ट चेक

'वी वांट खालिस्तान' की असंबंधित तस्वीर किसान आंदोलन से जोड़कर वायरल

बूम ने पाया कि यह तस्वीर 2013 की है, जब ऑपरेशन ब्लूस्टार की 29वीं वर्षगांठ पर खालिस्तानी समर्थकों ने अमृतसर में प्रदर्शन किया था.

By - Jagriti Trisha |
Published -  23 Feb 2024 6:35 PM IST
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    वी वांट खालिस्तान की असंबंधित तस्वीर किसान आंदोलन से जोड़कर वायरल

    सोशल मीडिया पर खालिस्तान की मांग का समर्थन करती एक पुरानी तस्वीर मौजूदा किसान आंदोलन से जोड़कर वायरल है. बूम ने अपनी जांच में पाया कि यह तस्वीर 2013 की है, जिसे AFP के फोटो जर्नलिस्ट नरिंद्र नानू ने क्लिक किया था. उस समय विभिन्न संगठन ऑपरेशन ब्लूस्टार की 29वीं वर्षगांठ के मौके पर अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में सिखों के लिए अलग राज्य, खालिस्तान की मांग कर रहे थे.

    वायरल तस्वीर में एक शख्स 'वी वांट खालिस्तान' की एक तख्ती लिए हुए नजर आ रहा है, तख्ती पर 'सिख यूथ फेडरेशन भिंडरावाला' भी लिखा देखा जा सकता है.

    क्यों आंदोलन कर रहे हैं किसान

    13 फरवरी से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी की मांग को लेकर पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के लगभग 200 से अधिक किसान संगठन आंदोलनरत हैं. एमएसपी के अलावा किसान संगठन कर्ज माफी और 2021 की खीरी हिंसा में न्याय की मांग कर रहे हैं. आंदोलनकारी किसान अपने ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर बैठे हैं. इसके मद्देनजर पुलिस ने दिल्ली के चारों तरफ बैरिकेडिंग कर दी है.

    रिपोर्ट्स के अनुसार, किसान और पुलिस के बीच झड़पें भी हुई हैं. इस आंदोलन के शुरू होने के बाद से ही सोशल मीडिया पर इससे जुड़ी फर्जी और भ्रामक खबरें भी लगातार शेयर की जा रही हैं, इस क्रम में यह तस्वीर भी वायरल है

    बूम ने अपनी पड़ताल के दौरान पाया कि 2020 के किसान आंदोलन के समय भी यह तस्वीर किसानों से जोड़कर ही वायरल थी.

    ऑनलाइन प्लेटफार्म एक्स पर तस्वीर को शेयर करते हुए संजय फडणवीस (@sanjayfadnavis1) ने लिखा, 'क्या ये सचमुच किसान हैं?'

    क्या ये सचमुच किसान है? pic.twitter.com/H35Mwp2m31

    — SANJAY FADNAVIS (@sanjayfadnavis1) February 21, 2024

    (आर्काइव लिंक)

    एक अन्य एक्स यूजर ने भी तस्वीर को शेयर किया है, कैप्शन में गालियों का इस्तेमाल किया गया है, इसलिए हम कैप्शन नहीं लिख रहे हैं.



    फैक्ट चेक

    वायरल तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए हमने तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज टूल की मदद से सर्च किया, इसके जरिए हमें कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं, जिनमें इस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था.

    हमने पाया कि नई और पुरानी खालिस्तान संबंधी कई रिपोर्ट्स में इसे प्रतीकात्मक तस्वीर के रूप में इस्तेमाल किया गया है. इसमें आजतक, जी न्यूज के रिपोर्ट्स शामिल हैं. इससे यह स्पष्ट था कि इस तस्वीर का हालिया किसान आंदोलन से कोई संबंध नहीं है, क्योंकि यह तस्वीर पुरानी रिपोर्ट्स में भी मौजूद है.

    आगे हमें 10 जून 2020 की ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट मिली. इसमें खालिस्तान की मांग पर एक विस्तृत रिपोर्ट की गई थी. रिपोर्ट में वायरल तस्वीर मौजूद थी, जिस तस्वीर का क्रेडिट AFP न्यूज एजेंसी के फोटो जर्नलिस्ट, नरिंदर नानु को दिया गया था.



    रिवर्स इमेज सर्च के दौरान हमें गेटी इमेज की वेबसाइट पर भी यह तस्वीर मिली, इसमें इस तस्वीर के साथ पूरी जानकारी भी मौजूद थी. इसके अनुसार, यह तस्वीर 6 जून 2013 को ली गई थी, जब प्रो-खालिस्तानी सिख संगठन, ऑपरेशन ब्लूस्टार की 29वीं वर्षगांठ पर अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में इकट्ठा हुए थे. सभी ने खालिस्तान की मांग उठाने वाले जरनैल सिंह भिंडरावाले के समर्थन में तख्तियां ले रखी थीं.



    क्या है खालिस्तान की मांग

    खालिस्तान का मतलब है, 'द लैंड ऑफ खालसा', इसके तहत सिख के लिए अलग राज्य, खालिस्तान की मांग की जाती रही है.पहली बार 1940 में इस शब्द का ज़िक्र हुआ था. असल में 1929 में ही शिरोमणि अकाली दल के तारा सिंह ने सिखों के लिए अलग देश बनाने की मांग की थी. उसके बाद जरनैल सिंह भिंडरावाला ने इस मांग को और आगे बढ़ाया था. 1984 में ऑपरेशन ब्लूस्टार के दौरान भिंडरावाले समेत कई उग्रवादी मारे गए थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक,आज भी खालिस्तान की मांग को लेकर कई अलगाववादी ग्रुप्स एक्टिव हैं, जिसके ज्यादातर लोग कनाडा में रहते हैं.

    पुष्टि के लिए हमने फोटोग्राफर नरिंदर नानु से भी संपर्क किया, जवाब मिलने पर रिपोर्ट को अपडेट कर दिया जाएगा.

    Tags

    Farmers protestFarmers BillPunjabKhalistanFact CheckFAKE NEWS
    Read Full Article
    Claim :   'वी वांट खालिस्तान' की तख्ती लिए हुए व्यक्ति की तस्वीर हालिया किसान आंदोलन की है.
    Claimed By :  संजय फडणवीस (@sanjayfadnavis1) का एक्स हैंडल
    Fact Check :  Misleading
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