फैक्ट चेक

त्रिपुरा की साम्प्रदायिक हिंसा बताकर वायरल दो तस्वीरें पुरानी हैं

बूम ने पाया कि वायरल तस्वीरों में एक कोलकाता की और दूसरी त्रिपुरा की ही एक अन्य पुरानी राजनीतिक हिंसा की तस्वीर है.

By - Devesh Mishra | 1 Nov 2021 6:54 PM IST

त्रिपुरा की साम्प्रदायिक हिंसा बताकर वायरल दो तस्वीरें पुरानी हैं

सोशल मीडिया पर दो तस्वीरें शेयर कर ये दावा किया जा रहा है कि वो हालिया त्रिपुरा हिंसा की हैं. वायरल तस्वीरों में से एक में कई गाड़ियों मे भयंकर आग लगी है जबकि एक अन्य तस्वीर में भगवा झंडों के साथ एक विशाल रैली निकल रही है.

सोशल मीडिया पर काफ़ी वायरल इस 'CCTV फ़ुटेज' का सच क्या है

Indian Express की एक ख़बर के मुताबिक़ बांग्लादेश में दुर्गा पूजा के दौरान हिंदू अल्पसंख्यकों के साथ हुई साम्प्रदायिक हिंसा की प्रतिक्रिया स्वरूप त्रिपुरा में हिंदुत्ववादी संगठनों ने विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया था. 21 अक्टूबर को गोमती जिसे के उदयपुर में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प भी हुई. रिपोर्ट के मुताबिक़ प्रदर्शनकारियों ने मुस्लिम बहुल इलाक़ों में घरों, दुकानों और मस्जिद में तोड़फोड़ की है.

दिल्ली में जली हुई क़ुरान की पुरानी तस्वीरें त्रिपुरा बताकर वायरल

फ़ेसबुक पर एक यूज़र ने तस्वीरें शेयर करते हुए कैप्शन लिखा

'ये जलती दहकती तस्वीरें तालिबान की नही है, बल्कि लोकतांत्रिक देश भारत के भाजपा शासित राज्य त्रिपुरा की है ! जहां पिछले 11 दिनों से आतंक का पर्याय बन चुके छदम राष्ट्रवादी भगवा ब्रिगेड के तालिबानियों ने मुस्लिमों की मस्जिदों और निजी संपतियों को जलाकर भस्म कर दिया है।। हिंदुओं की कट्टरता हिंदुओं का मुद्दा है, मुस्लिमों का नहीं, और मुस्लिमों की कट्टरता मुस्लिमों का मुद्दा है, हिन्दुओं का नहीं । यह सर्व विदित है कि धार्मिक रूप से कट्टर सड़ा हुआ समाज कभी भी आर्थिक रूप से और बौद्धिक रूप से विकास नहीं कर सकता..।। अगर कट्टरपंथी छद्म हिंदूवादी संगठन अपने राजनीतिक लाभ के लिए हिंदू जनता को कट्टर बना रहे है तो ये हिंदुओं का पतन है...।।


(पोस्ट यहाँ देखें)

 एक और यूज़र ने इसे शेयर कर कैप्शन लिखा 'ये तस्वीर तालिबान का नही बल्कि लोकतांत्रिक देश भारत का है ! या अल्लाह त्रिपुरा के मुसलमानो की हिफाज़त फरमा


(पोस्ट यहाँ देखें)

Full View

फ़ैक्ट-चेक

बूम ने वायरल तस्वीरों की सच्चाई जानने के लिये रिवर्स इमेज सर्च किया तो पाया कि ये दोनों ही तस्वीरें पुरानी हैं और इनका त्रिपुरा की हालिया हिंसा के कोई संबंध नहीं है.

IMAGE 1: जलती हुई कार

बूम ने जब इस तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च किया तो News 18 की 8 September 2021 की एक ख़बर में ये तस्वीर मिली. बूम ने पाया कि ये तस्वीर सितंबर महीने में त्रिपुरा व वामपंथी पार्टियों और भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच हुई राजनीतिक झड़प और हिंसा की है.

क्या महाराष्ट्र के अमरावती में बम ले जाते हुए दो आतंकवादी पकड़े गए? फ़ैक्ट चेक

ख़बर के मुताबिक़ CPI(M) की यूथ विंग DYFI ने रोज़गार के सवाल पर एक रैली निकाली थी जिसे भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने रोकने की कोशिश की. इसके बाद हुई नोंकझोंक और बहस में मारपीट भी हुई जिसमें दोनों तरफ़ के लोग घायल हुए. लेकिन बाद में कथित तौर पर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने CPI(M) के Bhagirath Bhavan और Dasaratha Bhavan पार्टी ऑफिस में आग लगा दी.


TMC के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी ने भी इस हिंसा की तस्वीरें अपने ट्विटर अकाउंट से शेयर की थीं.

इस तस्वीर का प्रयोग यहाँ, यहाँ इन रिपोर्टों में भी किया गया है.

Image 2: भगवा झंडे की भीड़

हमने दूसरी वायरल तस्वीर को जब रिवर्स इमेज सर्च किया तो पाया कि ये तस्वीर कोलकाता में राम नवमी की रैली की है. Hindustan times के 25 मार्च 2018 के एक आर्टिकल में से तस्वीर लगी हुई है. इस ख़बर की हेडलाइन है 'राम नवमी की रैली: बंगाल के भीतर तनाव व्याप्त.'

यूपी के बदायूं में जनाज़े का वीडियो त्रिपुरा में विरोध रैली के रूप में वायरल

फ़ोटो के कैप्शन में लिखा है 'विश्व हिंदू परिषद के समर्थक 25 मार्च 2018 को कोलकाता के जादवपुर इलाक़े में राम नवमी के दिन रैली निकालते हुए.'



Tags:

Related Stories