सोशल मीडिया पर मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दावे से एक वीडियो वायरल है, जिसमें ज्ञानेश कुमार को अमित शाह को शॉल पहनाने के बाद उनके पैरों की तरफ झुकते हुए देखा जा सकता है. वीडियो के साथ यूजर्स चुनाव आयोग की साख पर सवाल उठा रहे हैं.
बूम ने जांच में पाया कि वायरल वीडियो वास्तविक नहीं है. इसे केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय के दो वर्ष पुराने कार्यक्रम से जुड़ी तस्वीर का संदर्भ लेकर बनाया गया है.
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे आने के बाद कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों से जुड़े लोग और कुछ पत्रकार चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल उठा रहे हैं. इसी संदर्भ में वीडियो को शेयर किया जा रहा है.
क्या है वायरल दावा ?
फेसबुक यूजर ने इस वीडियो को शेयर किया है, जिस पर लिखे टेक्स्ट में चुनाव आयोग को बिकाऊ बताया गया है. आर्काइव लिंक
इंस्टाग्राम पर भी यह वीडियो वायरल है. आर्काइव लिंक
पड़ताल में क्या मिला :
वायरल वीडियो के कीफ्रेम को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें अमित शाह के साथ ज्ञानेश कुमार की तस्वीर मिली जिसमें वह शाह को शॉल पहनाकर सम्मानित कर रहे हैं. जांच में हमें मालूम हुआ कि ज्ञानेश कुमार मुख्य चुनाव आयुक्त बनने से पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय में अपर सचिव और केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय में सचिव रह चुके हैं. यूट्यूब पर संबंधित कीवर्ड से सर्च करने पर हमें तस्वीर से संबंधित कार्यक्रम का वीडियो मिला.
2023 में आयोजित कार्यक्रम का संदर्भ लेकर बनाई गई है वीडियो
केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय ने 8 नवंबर 2023 को जैविक उत्पादों के संवर्धन पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया था. इस कार्यक्रम में ज्ञानेश कुमार ने केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह का शॉल पहनाकर स्वागत किया था. उस समय ज्ञानेश कुमार सहकारिता मंत्रालय में सचिव थे. वीडियो में ज्ञानेश कुमार, अमित शाह के पैरों पर नहीं झुक रहे हैं.
वायरल वीडियो को इसी कार्यक्रम से जुड़ी तस्वीर का संदर्भ लेकर बनाए जाने की संभावना है. वायरल वीडियो में अमित शाह और ज्ञानेश कुमार का बॉडी मूवमेंट बेहद कृत्रिम मालूम पड़ रहा है.
हमने वायरल वीडियो के कीफ्रेम को एआई डिटेक्टर टूल WasItAI और SeightEngine पर चेक किया. दोनों ही टूल्स ने वीडियो के एआई जनरेटेड होने की प्रबल संभावना बताई है.
WasItAI का परिणाम
Sightengine का परिणाम


