सोशल मीडिया पर एक्टर शाहरुख खान का एक वीडियो वायरल है जिसमें वह चिकित्सक दीपक चोपड़ा द्वारा विकसित जोड़ों के दर्द से राहत दिलाने की नई तकनीक का प्रचार करते नजर आ रहे हैं.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो फेक हैं. वायरल वीडियो में AI जनरेटेड वॉइस का इस्तेमाल किया गया है.
वायरल वीडियो की शुरुआत में शाहरुख खान को कहते हुए सुना जा सकता है, 'मुझे पता है कि पूरा भारत मुझे सुनता है. जो लोग जोड़ों के दर्द से पीड़ित है उनके लिए आज मेरे पास अच्छी खबर है. आप शायद सोचते हैं कि आपका दर्द बुढ़ापे की सजा है, जीवन का एक हिस्सा है जिसे सहने करने की आवश्यकता है. शायद आप खुद को बताते हैं कि आपने पहले ही सब कुछ आजमा लिया है. गोलियां, मलहम, लोक उपचार, लेकिन कुछ भी मदद नहीं करता है. हर दिन आप महसूस करते हैं कि दर्द आपके आंदोलनों को कैसे बाधित करता है.'
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर वायरल वीडियो को शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, 'क्या आप घुटने के दर्द से छुटकारा पाना चाहते हैं, भारत में रहते हैं और 40 साल से अधिक पुराने हैं? आप इस इच्छा को पूरा करने से पहले ही एक कदम दूर हैं, क्योंकि आपको बहुत ही वीडियो मिल गया है, जिसे देखने के बाद आप एक अभिनव विधि के बारे में जानेंगे जो आपको घुटने के दर्द से छुटकारा दिलाने में मदद करेगी. देखने का आनंद लें.' (पोस्ट का आर्काइव लिंक)
फैक्ट चेक: वायरल वीडियो में AI जनरेटेड वॉइस है
बूम ने शाहरुख खान के वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए जब वीडियो को AI डिटेक्टर टूल Hivemoderation.com से सर्च किया तो हमें वीडियो की वॉइस के एआई जनरेटेड होने की संभावना 99.9 फीसदी बताई गई.
इसके अलावा AI डिटेक्टर टूल Truemedia.org से जांच करने पर वायरल वीडियो की वॉइस AI जनरेटेड होने की संभावना 100 फीसदी जताई गई.
साथ ही जब हमने वीडियो के अलग-अलग कीफ्रेम को गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया तो हमें Locarno Film Festival के यूट्यूब चैनल पर शाहरुख खान का मूल वीडियो मिला. इसी वीडियो की क्लिप को एडिट कर वायरल वीडियो के साथ शेयर किया जा रहा है.
बता दें कि बूम इससे पहले भी दर्द की दवा का प्रचार करते अमिताभ बच्चन, अंजना ओम कश्यप, योगी आदित्यनाथ, शर्मिला टौगोर और अरविंद केजरीवाल आदि के डीपफेक वीडियो का फैक्ट चेक कर चुका है.
कौन हैं दीपक चोपड़ा
वेबसाइट Deepakchopra.com के मुताबिक, वह चोपड़ा फाउंडेशन के संस्थापक है जो कल्याण और मानवतावाद पर रिसर्च करने वाली संस्था है. इसके अलावा वह चोपड़ा ग्लोबल के संस्थापक भी हैं जो एक स्वास्थ्य कंपनी है. साथ ही वह 90 से अधिक किताबों के लेखक हैं, जिसका 43 से अधिक भाषाओं में अनुवाद किया जा चुका है.