आर्थराइटिस के इलाज का प्रचार करते योगी आदित्यनाथ और देवी शेट्टी का वीडियो डीपफेक है
बूम ने अपनी जांच में पाया कि पत्रकार रजत शर्मा, योगी आदित्यनाथ और सर्जन देवी शेट्टी का वायरल वीडियो एडिटेड है. इसमें AI जनरेटेड वॉइस का इस्तेमाल किया गया है.
![आर्थराइटिस के इलाज का प्रचार करते योगी आदित्यनाथ और देवी शेट्टी का वीडियो डीपफेक है आर्थराइटिस के इलाज का प्रचार करते योगी आदित्यनाथ और देवी शेट्टी का वीडियो डीपफेक है](https://hindi.boomlive.in/h-upload/2024/10/21/1034789-yogi-0055.webp)
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सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है जिसमें पत्रकार रजत शर्मा, उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सर्जन देवी शेट्टी 'घुटने के दर्द' से छुटकारा दिलाने की नई तकनीक पर बात कर रहे हैं.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो फेक है. वायरल वीडियो में AI जनरेटेड वॉइस का इस्तेमाल किया गया है.
वायरल वीडियो की शुरुआत में रजत शर्मा को कहते हुए सुना जा सकता है, 'नमस्कार, प्रिय दर्शकों, आज का मुद्दा चिकित्सा की दुनिया में एक वास्तविक सफलता के बारे में है, जिसने भारत को एक ऐसे देश के रूप में गौरवान्वित किया, जो दुनिया की पहली दवा बनाने में सक्षम था, जो स्थाई रूप से गठिया और जोड़ों के दर्द से राहत देता है.'
रजत शर्मा आगे कहते हैं, 'हम आपको एक ऐसी विधि के बारे में बताएंगे जिसने संयुक्त उपचार के तरीके को बदल दिया है. देवी शेट्टी द्वारा विकसित यह विधि इतनी सफल हो गई है कि 17 अक्टूबर 2024 को भारत के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने डाइक्लोफिनेक, पेरासिटामोल और ट्रामाडोल जैसी खतरनाक दवाओं से फार्मेसियों के पूर्ण शुद्धीकरण पर एक फरमान जारी किया है. यह अब आवश्यक नहीं है. डॉ शेट्टी के क्रांतिकारी नए दृष्टिकोण के लिए धन्यवाद. उन्हें आध्यात्मिक नेता, सम्मानित योगी आदित्यनाथ द्वारा भी अनुमोदित किया गया था, जिन्होंने अपने लिए इस तकनीक का अनुभव किया था. यह कैसे काम करता है, यह जानने के लिए बने रहे.'
सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक पर वायरल वीडियो को शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, 'क्या आप घुटने के दर्द से छुटकारा पाना चाहते हैं, भारत में रहते हैं और 40 साल से अधिक पुराने हैं? आप इस इच्छा को पूरा करने से पहले ही एक कदम दूर हैं, क्योंकि आपको बहुत ही वीडियो मिल गया है, जिसे देखने के बाद आप एक अभिनव विधि के बारे में जानेंगे जो आपको घुटने के दर्द से छुटकारा दिलाने में मदद करेगी. देखने का आनंद लें!' (पोस्ट का आर्काइव लिंक)
फैक्ट चेक: वायरल वीडियो में AI जनरेटेड वॉइस है
बूम ने वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए जब वीडियो को AI डिटेक्टर टूल Hive Moderation से सर्च किया हमें वीडियो की वॉइस के एआई जनरेटेड होने की संभावना 97.8 फीसदी बताई गई.
इसके अलावा AI डिटेक्टर टूल Truemedia.org से जांच करने पर वायरल वीडियो की वॉइस AI जनरेटेड होने की संभावना 100 फीसदी जताई गई.
वायरल वीडियो में योगी आदित्यनाथ की इस्तेमाल की गई क्लिप के मूल वीडियो को यहां देखा जा सकता है. मूल वीडियो में योगी आदित्यनाथ 'अग्निवीर योजना' के बारे में बात करते हुए नजर आ रहे हैं.
बता दें कि बूम इस तरह के वीडियो का फैक्ट चेक पहले भी कर चुका है जिसमें अलग-अलग सेलिब्रिटी को इस तकनीक का प्रचार करते हुए दिखाया गया था.