जोड़ों के दर्द की दवा का प्रचार करते अमिताभ बच्चन का वीडियो फेक है
बूम ने अपनी जांच में पाया कि पत्रकार रजत शर्मा और अमिताभ बच्चन का वायरल वीडियो एडिटेड है. इसमें AI जनरेटेड वॉइस का इस्तेमाल किए जाने की संभावना है.
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है जिसमें पत्रकार रजत शर्मा, अभिनेता अमिताभ बच्चन, चिकित्सक दीपक चोपड़ा द्वारा विकसित 'जोड़ों के दर्द' से छुटकारा दिलाने की नई तकनीक पर बात कर रहे हैं.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो फेक हैं. वायरल वीडियो में AI जनरेटेड वॉइस का इस्तेमाल किए जाने की संभावना है.
वायरल वीडियो की शुरुआत में रजत शर्मा को कहते हुए सुना जा सकता है, 'यह सफलता एक बार फिर भारतीय चिकित्सा को विश्व पटल पर आगे बढ़ा रही है. अब भारतीय निवासी केवल 24 घंटों में जोड़ों के दर्द से हमेशा के लिए छुटकारा पा सकता है. प्रिय अमिताभ, हमें इस नई तकनीक का उपयोग करने के अपने अनुभव के बारे में बताएं, जिसकी बदौलत भारत में 700 हजार से अधिक लोग पहले ही जोड़ों के दर्द को अलविदा कह चुके हैं, जिनमें मैं भी शामिल हूं.'
इसके जवाब में अमिताभ बच्चन को कहते हुए सुना जा सकता है, 'मैं पिछले 10 वर्षों से जोड़ों के दर्द से पीड़ित हूं और मैं दर्द निवारक दवाओं से बहुत थक गया था, जिनसे केवल थोड़े समय के लिए ही फायदा होता था. लेकिन सौभाग्य से मेरे सम्मानित मित्र दीपक चोपड़ा ने सुझाव दिया कि मैं उनका नया तरीका आजमाऊं और परिणाम आश्चर्यजनक रहे और दर्द पांच मिनट के भीतर दूर हो गया.'
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर इस वीडियो को शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, 'हैलो, प्रिय दर्शक! क्या आपके पास आज 4 मिनट मुफ्त हैं? यदि हां, तो मैं वादा करता हूं कि मैं इसे आपके लाभ के लिए खर्च करूंगा. मैं आपको दिखाऊंगा कि कैसे आप 48 घंटों में एक बार और सभी के लिए जोड़ों के दर्द और परेशानी से छुटकारा पा सकते हैं.' (पोस्ट का आर्काइव लिंक)
फैक्ट चेक: वायरल वीडियो में AI जनरेटेड वॉइस है
बूम ने वायरल दावे की पड़ताल के लिए जब वीडियो के अलग-अलग कीफ्रेम को गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया तो हमें न्यूज चैनल IndiaTV के यूट्यूब चैनल पर 12 अप्रैल 2014 को अपलोड किया गया इसका मूल वीडियो मिला.
इस मूल वीडियो के 13:41 मिनट पर वायरल क्लिप को देखा जा सकता है. इस वीडियो में पत्रकार रजत शर्मा और अमिताभ बच्चन फिल्म 'भूतनाथ रिटर्न्स' के बारे में बात कर रहे हैं.
इसके बाद हमने वायरल वीडियो की जांच AI डिटेक्टर टूल Truemedia.org से की तो हमें वीडियो की वॉइस के एआई जनरेटेड होने की संभावना 100 फीसदी बताई गई.
इसके अलावा AI डिटेक्टर टूल loccus.ai से भी जांच करने पर वायरल वीडियो की वॉइस AI जनरेटेड होने की संभावना जताई गई.
कौन हैं दीपक चोपड़ा
वेबसाइट Deepakchopra.com के मुताबिक, वह चोपड़ा फाउंडेशन के संस्थापक है जो कल्याण और मानवतावाद पर रिसर्च करने वाली संस्था है. इसके अलावा वह चोपड़ा ग्लोबल के संस्थापक भी हैं जो एक स्वास्थ्य कंपनी है. साथ ही वह 90 से अधिक किताबों के लेखक हैं, जिसका 43 से अधिक भाषाओं में अनुवाद किया जा चुका है.