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फ़ैक्ट चेक

सरस्वती पूजा से जुड़े इस वायरल वीडियो का सच क्या है?

बूम ने पड़ताल में पाया कि वायरल दावे फ़र्ज़ी हैं जो इस वीडियो को हाल का बताकर कहते हैं कि पश्चिम बंगाल में पहले सरस्वती पूजा बैन थी.

By - Saket Tiwari | 19 Feb 2021 11:56 AM GMT

जनवरी 2020 का एक वीडियो जिसमें कुछ लड़के और एक महिला एक पुजारी के साथ खींचातानी कर रहे हैं, फ़र्ज़ी दावों के साथ वायरल हैं.

दावा है कि ममता बनर्जी ने पहले सरस्वती पूजा बैन की थी पर अब चुनाव के कारण इसे दोबारा से शुरू करवाया गया है. आगे दावा किया गया है कि बैन के कारण बंगाल में पुजारियों की कमी के कारण लोग अब पुजारियों को खींच खींच के पूजा करवाने ले जा रहें हैं.

बूम ने पाया कि वायरल हो रहा वीडियो जनवरी 2020 से इंटरनेट पर मौजूद है. हालांकि इसमें दिख रहे लोग पुजारी के साथ खींचतान ज़रूर कर रहे हैं पर पश्चिम बंगाल में सरस्वती पूजा बैन नहीं की गयी थी.

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फ़ेसबुक पर पोस्ट किए गए इस वीडियो के साथ लिखा है: "एक साल पहले ममता बनर्जी ने सरस्वती पूजा पर रोक लगा दिया था अब चुनाव की वजह से खुद सरस्वती पूजा करवा रही है तो पूजा करवाने के लिये बंगाल में पंडित जी की इतनी कमी हो गई की पंडित जी के लिए खिंचा तानी होने लगा वाह रे सेकुलर ममता दीदी."

इसी के साथ वीडियो के ऊपर, "पहले लगा लोगों ने चोर पकड़ा, बाद में समझ में आया लोगों ने स्वरस्वती पूजा के लिए पंडितजी पकड़ा, बंगाल में स्वरस्वती पूजा की संख्या ज्यादा होने के कारण पुजारी मिलना मुश्किल होता जा रहा है," लिखा है.

पोस्ट नीचे देखें और इसका आर्काइव्ड वर्शन यहां देखें.


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यही वीडियो इस दावे के साथ भी शेयर किया जा रहा है 'पहले लगा लोगों ने चोर को पकड़ा , बाद मे समझ आया सरस्वती पूजा के लिये लोगो ने पंडित जी को पकड़ा है बंगाल मे सरस्वती पूजा की संख्या जयादा होने के कारण पुजारी मिलना मुश्किल होता जा रहा है।' यहां भी दावा भ्रामक है.

Full View

फ़ैक्ट चेक

बूम ने वायरल वीडियो की कीफ़्रेम के साथ खोज की. हमें पिछले साल 31 जनवरी 2020 को इंडियन एक्सप्रेस द्वारा प्रकाशित एक लेख मिला. इसमें बताया गया है कई बसंत पंचमी के मौके पर पश्चिम बंगाल में देवी सरस्वती की पूजा की जाती है. राज्य में यह बड़े आयोजनों में से एक है. इस मौके पर पुजारियों की बेहद मांग होती है. वायरल वीडियो दिखाता है कि कैसे लोग एक पुजारी को कोलकाता के बेहला इलाके में पूजा करने के लिए मना रहे हैं.


हमनें इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित स्क्रीनशॉट्स की तुलना वर्तमान में वायरल वीडियो से की. दोनों एक ही वीडियो हैं.


क्या पश्चिम बंगाल में सरस्वती पूजा बैन थी?

बूम ने खोज की और पाया कि सरस्वती पूजा पश्चिम बंगाल में कभी बैन नहीं थी. खोज के दौरान हमें पिछले कुछ सालों में सरस्वती पूजा पर रिपोर्ट्स देखीं. वायरल दावे के उलट पश्चिम बंगाल में इस अवसर को त्यौहार के रूप में मनाया जाता है. सालों से लोग धूमधाम से इसका आयोजन कर रहे हैं.

पिछले सालों - 2018, 2019, 2020, और 2021 - में सरस्वती पूजा पर रिपोर्ट्स के मुताबिक़ कोई बैन नहीं है. पहले भी नहीं था. हालांकि 2020 में कुछ विद्यालयों में कथित झगड़े और टकराव हुए थे परन्तु बैन जैसा कोई सरकारी आदेश नहीं था. पिछले साल सरस्वती पूजा, नबी दिवस के साथ आयी थी जिससे कुछ जगहों पर साम्प्रदायिक तनाव की स्थिति उत्पन्न हुई थी.

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