फैक्ट चेक

गोरखपुर में पुलिस लाठीचार्ज का पुराना वीडियो संभल हिंसा से जोड़कर वायरल

बूम ने पाया कि वायरल वीडियो दिसंबर 2019 में एंटी सीएए आंदोलन के दौरान का है, जब गोरखपुर के नखास चौक पर भीड़ का प्रदर्शन उग्र हो गया था.

By - Rohit Kumar | 26 Nov 2024 5:50 PM IST

UP Sambhal police lathicharge on mob video

सोशल मीडिया पर लोगों की बेकाबू भीड़ पर पुलिस के लाठीचार्ज का एक वीडियो वायरल है. यूजर इस वीडियो को उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा से जोड़कर शेयर कर रहे हैं. 

बूम ने जांच में पाया कि वायरल वीडियो दिसंबर 2019 में सीएए विराधी आंदोलन के दौरान का है. गोरखपुर के नखास चौक पर प्रदर्शन कर रही भीड़ उग्र हो गई थी इस दौरान भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को आंसू गैस और लाठीचार्ज का प्रयोग करना पड़ा था.

गौरतलब है कि बीते रविवार 24 नवंबर को यूपी के संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई, जिसमें अब तक चार लोगों की मौत की पुष्टि हुई है.

एक्स पर एक यूजर ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, 'संभल में @Uppolice की बर्बरता इस वीडियो में देखिए. प्रदर्शनकारी किसी पर पथराव नहीं कर रहे थे, हिंसा नहीं कर रहे थे. ना किसी के हाथ में कोई डंडा कोई हथियार कोई ईंट पत्थर दिखाई से रहा. इसके बावजूद पुलिस ने लाठी बरसा दी. हिंसा ऐसे ही नहीं हुई. हिंसा कराई गई है? @India_NHRC @indSupremeCourt इसका संज्ञान लीजिए.'

(आर्काइव लिंक)

फेसबुक पर भी इसी दावे से यह वीडियो वायरल है. 


(आर्काइव लिंक)

फैक्ट चेक


बूम ने दावे की पड़ताल के लिए वायरल वीडियो को गूगल लेंस से सर्च किया. हमें सोशल मीडिया पर कुछ पुराने पोस्ट मिले. फेसबुक पर सुरेश चव्हाणके नाम के एक यूजर ने 22 जनवरी 2020 को यह वीडियो शेयर किया था. इसके साथ ही पोस्ट के कैप्शन में वीडियो के लिए 'उत्तरप्रदेश में NRC विरोध रैली का जिक्र किया'.

इसके अलावा एक्स पर एक अन्य यूजर ने वायरल वीडियो को गोरखपुर में सीएए विरोधी आंदोलन के वक्त का बताया.



हमने इससे संकेत लेते हुए संबंधित कीवर्ड के साथ गूगल पर अडवांस सर्च टूल से पड़ताल की. हमें यूपी के गोरखपुर में एंटी सीएए प्रोटेस्ट के दौरान हुए लाठीचार्ज से जुड़ी कई मीडिया रिपोर्ट मिलीं, जिनमें वायरल वीडियो से मिलते जुलते दृश्य शामिल थे. 

लाइव हिंदुस्तान की 20 दिसंबर 2019 की रिपोर्ट के मुताबिक, गोरखपुर में जुमे की नमाज के बाद घंटाघर स्थित जामा मस्जिद से निकले कुछ लोग हाथ में काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन कर रहे थे. प्रदर्शनकारी नखास चौक के पास पहुंचे थे, तभी वहां किसी ने पत्‍थर चला दिया था.

इसके बाद भीड़ की ओर से नखास खूनीपुर रोड और नखास रेती रोड पर दोनों तरफ से पथराव शुरू हो गया. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस का इस्‍तेमाल किया.

लाइव हिंदुस्तान और Dynamite News की वीडियो रिपोर्ट में उस वायरल वीडियो के एक दृश्य को दूसरे एंगल से देखा जा सकता है. 





न्यूज रिपोर्ट में बताई गई जगह और वायरल वीडियो में दिख रही दुकानों की लोकेशन को हमने गूगल मैप पर सर्च किया तो पाया कि यह गोरखपुर का ही वीडियो है.



दिसंबर 2019 में नागरिकता संशोधन विधेयक संसद से पास हुआ था जिसके बाद देश के अलग-अलग हिस्सों में इसे लेकर विरोध प्रदर्शन हुए थे. इस कानून में बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान से दिसंबर 2014 से पहले आए धार्मिक अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का प्रावधान है.

संभल में मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा

संभल में 19 नवंबर को सीनियर एडवोकेट वकील विष्णु शंकर जैन ने सिविल जज की कोर्ट में मामला दायर किया था, जिसमें उन्होंने शाही जामा मस्जिद की जगह हरिहर मंदिर होने का दावा किया था. इस पर कोर्ट ने सर्वे के आदेश देकर 29 नवंबर 2024 तक रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया.

आज तक की रिपोर्ट के अनुसार, 24 नवंबर 2024 को मस्जिद में सर्वे के दौरान कोर्ट के आदेश का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हो गई. इस दौरान उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव किया और 7 वाहनों को आग के हवाले कर भी दिया था. संभल हिंसा में पुलिस प्रशासन ने अब तक चार की मौत की पुष्टि की है. 

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