सोशल मीडिया पर ईशा फाउंडेशन के संस्थापक और सदगुरु के नाम से मशहूर जग्गी वासुदेव की एक तस्वीर खूब वायरल हो रही है जिसमें वह एक महिला को अपने जांघ पर आलिंगन की मुद्रा में बैठाये हुए हैं. सोशल मीडिया यूज़र्स तस्वीर पर तंज करते हुए जग्गी वासुदेव के चरित्र पर संदेह के साथ इस तस्वीर को शेयर कर रहे हैं.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल तस्वीर जून 2018 से है और इसके साथ किया जा रहा दावा भ्रामक है.
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फ़ेसबुक पर एक यूज़र ने तस्वीर शेयर करते हुए लिखा,'अत्यंत संस्कारी बाबा जी...'
फ़ेसबुक पर इसी दावे से यह तस्वीर एक अन्य यूज़र ने भी शेयर की है जिसे यहाँ देखा जा सकता है.
ट्विटर पर भी इसी तरह व्यंग के साथ यह तस्वीर शेयर की गयी है.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने सबसे पहले वायरल तस्वीर को को गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया तो 18 अप्रैल 2020 की फ़ेसबुक पर इसी तस्वीर के साथ एक पोस्ट मिली. पोस्ट में महिला को जग्गी वासुदेव 'सदगुरु' की बेटी राधे जग्गी बताया गया था.
आगे और अधिक सर्च करने पर जग्गी वासुदेव 'सदगुरु' के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर 17 जून 2018 का एक ट्वीट मिला जिसमें यही तस्वीर थी. ट्वीट के कैप्शन में लिखा था,'मुझे अपने पिता के साथ एक घंटा बिताने का सौभाग्य मिला और उन्होंने मुझे बताया है कि आज फादर्सडे है.'
पड़ताल करने पर सदगुरू के इंस्टाग्राम अकाउंट पर उन्होंने राधे जग्गी के साथ ‘सेव सॉइल’ अभियान के दौरान एक वीडियो इंटरव्यू किया है जिसके कैप्शन में स्पष्ट लिखा है कि सदगुरु ने अपनी बेटी राधे के साथ अपनी डाइट शेयर की. वीडियो में दिख रही महिला का चेहरा वायरल तस्वीर में दिख रही महिला के समान देखा जा सकता है.
बूम ने और अधिक स्पष्ट करने के लिए ईशा फाउंडेशन के कोयंबटूर ऑफिस से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि वायरल तस्वीर में दिख रही महिला सदगुरु की बेटी राधे जग्गी हैं और यह तस्वीर काफ़ी पुरानी है.
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