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बिहार में वोटर अधिकार यात्रा के दावे से महाराष्ट्र में हुई धार्मिक परंपरा का वीडियो वायरल

बूम ने पाया कि यह वीडियो जुलाई 2025 में महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में हुई एक धार्मिक यात्रा का है. इसका बिहार में हो रही वोटर अधिकार यात्रा से कोई संबंध नहीं है.

By -  Rohit Kumar |

27 Aug 2025 4:26 PM IST

सड़क पर एक विशाल जनसमूह को दिखाने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. यूजर इसे लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के नेतृत्व में बिहार में हो रही 'वोटर अधिकार यात्रा' का बताकर शेयर कर रहे हैं.

बूम ने जांच में पाया कि यह वीडियो जुलाई 2025 का महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले के शेगांव में हुई एक धार्मिक यात्रा का है, जबकि बिहार में राहुल गांधी के नेतृत्व में हो रही वोटर अधिकार यात्रा 17 अगस्त 2025 से शुरु हुई थी.

गौरतलब है कि बिहार में वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल नवंबर 2025 को समाप्त हो रहा है. साल के अंत तक विधानसभा के चुनाव होने हैं. चुनाव से पहले राहुल गांधी ने चुनाव आयोग और बीजेपी पर पिछले चुनावों में वोट चोरी करने का गंभीर आरोप लगाया है और इसी मुद्दे के साथ राहुल गांधी के नेतृत्व में विपक्ष बिहार में 15 दिवसीय वोटर अधिकार यात्रा निकाल रहा है. इसी संदर्भ में इस वीडियो को शेयर किया जा रहा है.

सोशल मीडिया पर क्या है वायरल?

फेसबुक पर एक यूजर (आर्काइव लिंक) ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, ‘वोटर अधिकार यात्रा में उमड़ा जनसैलाब’. इंस्टाग्राम (आर्काइव लिंक) पर भी यह वीडियो इसी दावे से वायरल है.

दावे की पड़ताल

बूम ने दावे की पड़ताल के लिए वीडियो के कुछ कीफ्रेम को गूगल लेंस से सर्च किया. हमें Divya Varhad Marathi नाम के एक यूट्यूब पर चैनल पर 1 Aug 2025 को शेयर की गई यह वीडियो क्लिप मिली. हमें इस चैनल पर इस यात्रा से संबंधित एक 9 मिनट लंबा वीडियो भी मिला.

इस वीडियो के विवरण में बताया गया कि यह खामगांव और शेगांव के बीच निकली पालकी यात्रा का वीडियो है. वीडियो में मराठी में बोलते हुए संत गजनान महाराज का नाम लिया गया.

इन्हीं संकेतों के आधार पर हमने इस बारे में गूगल पर सर्च किया तो पाया कि महाराष्ट्र राज्य के बुलढाणा जिले के शेगांव में संत गजानन महाराज का एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, जहां उनकी समाधि और भव्य मंदिर संस्थान है.

शेगांव के गजानन महाराज संस्थान द्वारा हर वर्ष धार्मिक उत्सव और आषाढ़ी एकादशी पर  गजानन महाराज की पालकी यात्रा होती है, जिसमें लाखों की संख्या में भक्त शामिल होते हैं. यह यात्रा लगभग 60 से 65 दिनों में पूरी होती है, जो अक्सर जून के पहले सप्ताह से शुरू होकर अगस्त के अंत तक समाप्त होती है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की 3 जून 2025 की रिपोर्ट में बताया गया कि बुलढाणा के शेगांव में संत गजानन महाराज की 56वीं वार्षिक पालकी यात्रा की शुरुआत की गई. इस यात्रा में 700 से अधिक वारकरी (भक्त), भजन मंडल, घोड़े और वारकरी परंपरा के प्रतीकात्मक तत्व शामिल हुए जो पंढरपुर की ओर यात्रा पर निकले.

यूट्यूब चैनल Ucnnewslive की 31 जुलाई 2025 की वीडियो रिपोर्ट में इन्हीं विजुअल के साथ बताया गया कि आषाढ़ी एकादशी के दौरान भगवान विट्ठल रुक्मणी के दर्शन के लिए संत गजानन महाराज की पालकी श्रीगांव से पंडरपुर गई थी. यात्रा 61 दिनों की पद यात्रा पूर्ण कर अपने घर यानी शेगांव के लिए रवाना हुई.

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