पूर्व चीफ़ जस्टिस रंजन गोगोई (CJI Ranjan Gogoi) के पैरोडी (Parody) ट्विटर हैंडल से किया गया ट्वीट का स्क्रीनशॉट काफ़ी ज़्यादा वायरल है. यूज़र्स ट्विटर हैंडल को असल मानते हुए वायरल ट्वीट को ख़ूब शेयर कर रहे हैं. ट्वीट में राष्ट्रपति शासन लगाने (President Rule) की बात कहने वालों से संगठित होकर पलटवार और अपने धर्म एवं राष्ट्र की रक्षा करने का आह्वान किया गया है.
बूम ने पाया कि ट्विटर हैंडल @THEGOGAI एक पैरोडी अकाउंट है, जो पूर्व चीफ़ जस्टिस रंजन गोगोई के नाम से बनाया गया है. जस्टिस गोगोई के नाम से पहले भी ऐसे फ़र्ज़ी और पैरोडी अकाउंट से ट्वीट वायरल हो चुके हैं. तब हमने जस्टिस गोगोई से संपर्क किया था, जिसमें उन्होंने बताया था कि वह ट्विटर पर मौजूद नहीं हैं.
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वायरल में ट्वीट में लिखा है, "अभी जो लोग "राष्ट्रपति शासन लगा दो, राष्ट्रपति शासन लगा दो" चिल्ला रहे हैं उन्हें मैं बता दूं कि अगर ऐसे ही हालात बने रहे तो वो दिन दूर नहीं जब राष्ट्रपति भी उनका ही होगा. फिर क्या करोगे? इसलिए बेहतर है कि स्वयं संगठित होकर पलटवार करो और अपने धर्म एवं राष्ट्र की रक्षा करो."
फ़ेसबुक पर ट्वीट के स्क्रीनशॉट को शेयर करते हुए एक यूज़र ने कैप्शन में लिखा, "जिसे कोरोना में खुदा न मिला, वो काफिरों में खुदा ढूँढता है. मजार, मस्जिद, सड़कों पर खुदा न मिला, फिर काफिरों के दिलों में क्या ढ़ूढ़ता है. कुरान, अजान, आयतों में खुदा न मिला , फिर लाऊडस्पीकरों में क्या ढ़ूढ़ता है. वो शेरियत की औलाद है, और कुछ काफिरों को लगता है कि वो संविधान में खुदा ढूँढता है."
पोस्ट यहां और आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.
आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.
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फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल ट्वीट की वास्तविकता जानने के लिए सबसे पहले ट्विटर पर @THEGOGAI हैंडल को खोजा. हमने पाया कि प्रोफाइल फोटो पर पूर्व चीफ़ जस्टिस रंजन गोगोई की तस्वीर है, जबकि नाम 'रंजन गोगई' लिखा है.
अकाउंट के बायो सेक्शन में जस्टिस गोगोई के बारे में जानकारी दी गई है, जिसमें लिखा है, "संसद सदस्य, सुप्रीम कोर्ट में पूर्व जज, 46 वें चीफ़ जस्टिस ऑफ़ इंडिया. पैरोडी, फैन पेज."
इसके अलावा यूट्यूब चैनल का लिंक भी दिया गया है, जिसपर क्लिक करने पर 'Thegogai' नाम से एक यूट्यूब चैनल का पेज खुलकर आता है. हमने पाया कि चैनल पर कुल 4 वीडियोज़ अपलोड की गई हैं, जोकि सत्ताधारी दल बीजेपी समर्थित हैं.
ट्विटर हैंडल खंगालने पर हमने पाया कि अधिकतर ट्वीट सांप्रदायिक, सत्ताधारी दल समर्थित और विपक्ष विरोधी हैं. हमने पाया कि वायरल ट्वीट 6 मई, 2021 को किया गया था.
बूम पहले भी जस्टिस गोगोई के नाम से पनपे कई ट्विटर हैंडल की जांच कर चुका है. हमने इस संदर्भ में जस्टिस गोगोई से बात भी की थी, जिसमें उन्होंने बताया था कि वह ट्विटर पर मौजूद नहीं है.
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