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फैक्ट चेक

पुजारियों को लेकर राहुल गांधी का आधा-अधूरा बयान भ्रामक दावे से वायरल

बूम ने अपनी जांच में पाया कि 8 अगस्त को हुए राहुल गांधी के प्रेस कांफ्रेंस के लंबे वीडियो के एक हिस्से को एडिट कर भ्रामक दावा किया जा रहा है.

By -  Runjay Kumar |

10 Jan 2023 4:47 PM IST

बीजेपी आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी का सात सेकेंड का एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें वे कहते हुए दिख रहे हैं कि "ये देश तपस्वियों का है.. ये देश पुजारियों का नहीं है, इस देश की सच्चाई यही है". वीडियो को इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि "उन्होंने यह बयान देकर देश के पुजारियों का अपमान किया है".

हालांकि बूम ने अपनी जांच में पाया कि 8 अगस्त को हुए राहुल गांधी के प्रेस कांफ्रेंस के लंबे वीडियो के छोटे हिस्से को एडिट कर भ्रामक दावा किया जा रहा है. वीडियो में उन्होंने कांग्रेस को तपस्या का संगठन तो बीजेपी को पूजा का संगठन बताते हुए यह बयान दिया था.

भाजपा नेता अमित मालवीय ने इस वीडियो को अपने ट्विटर अकाउंट से शेयर करते हुए कैप्शन दिया है, "अब इनको पुजारियों से भी तकलीफ़ है".


कई अन्य भाजपा नेताओं ने भी इसी तरह के कैप्शन के साथ इस वीडियो को अपने वेरिफ़ाईड ट्विटर अकाउंट से शेयर किया है, जिसे आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.


फ़ैक्ट चेक

बूम ने वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए संबंधित कीवर्ड की मदद से न्यूज़ रिपोर्ट को खोज़ा तो हमें आजतक की वेबसाइट पर 8 जनवरी 2023 को प्रकाशित न्यूज़ रिपोर्ट मिली, जिसमें राहुल गांधी के इस बयान का जिक्र था. न्यूज़ रिपोर्ट के अनुसार राहुल गांधी ने हरियाणा में कुरुक्षेत्र के समाना में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मीडिया को संबोधित करते हुए यह बयान दिया था.

इसके बाद हमने कांग्रेस पार्टी के आधिकारिक यूट्यूब अकाउंट पर उक्त प्रेस कांफ्रेंस के वीडियो को खंगाला तो हमें 8 जनवरी 2023 को प्रीमियर किया गया यह वीडियो मिला.


वीडियो को पूरा देखने पर हमने पाया कि उन्होंने एक पत्रकार के सवाल के जवाब में कांग्रेस को तपस्या का संगठन एवं बीजेपी को पूजा का संगठन बताया था. साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि आरएसएस और बीजेपी जबरदस्ती लोगों से अपनी पूजा करवाना चाहती है. इसके बाद जब एक अन्य पत्रकार ने उनसे उनके इसी बयान का संदर्भ देते हुए पूछा कि क्या अब राहुल गांधी तपस्वी हो गए हैं तो तब उन्होंने यह बयान दिया कि "ये देश तपस्वियों का है पुजारियों का नहीं है, इस देश की सच्चाई यही है".

अब पूरी जानकारी विस्तार से…

जांच के दौरान यूट्यूब पर मौजूद वीडियो के करीब 24 मिनट पर हमने पाया कि एक पत्रकार ने राहुल गांधी से हरियाणा की राजनीति को लेकर सवाल पूछा, जिसके बाद राहुल गांधी ने पहले तो संगठन का मुद्दा होने का हवाला देते हुए खुद जवाब देने से इनकार किया और संगठन के नेताओं से यह सवाल पूछने की बात कही. हालांकि तुरंत बाद ही जवाब देते हुए उन्होंने यह बताने की कोशिश की कि अन्य दलों की तुलना में आरएसएस और भाजपा से उनकी लड़ाई राजनीतिक नहीं बल्कि विचारधारा की है.

आगे राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा की वजह से कांग्रेस कार्यकर्ताओं के मनोबल बढ़ने का हवाला देते हुए कहा कि "कांग्रेस तपस्या का संगठन है. इसको आप तपस्या में लगाते हैं तो एनर्जी बढ़ती है. बीजेपी पूजा का संगठन है. उसको अगर आप पूजा में लगाएंगे तो उसमें ताकत आती है. पूजा दो तरीके की होती है. पूजा सामान्यतः होती है कि मैं भगवान के पास जाता हूं और कुछ मांगता हूं. मगर जो पूजा करता है, पहल उसी की होती है".

इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि "आरएसएस की पूजा अलग है. वो चाहता है कि ज़ोर ज़बरदस्ती से उनकी पूजा हो. मोदी जी चाहते हैं कि जोर जबरदस्ती से उनकी पूजा हो और देश में सब लोग उनकी पूजा करें. उसका जवाब सिर्फ़ तपस्या ही हो सकता है. इसलिए यह यात्रा सफल है और इसमें सिर्फ कांग्रेस ही नहीं बल्कि लाखों लोग तपस्या कर रहे हैं. ये ही यात्रा का संदेश है. साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी यह कहती है कि इस देश में तपस्या, स्किल और काम की इज्ज़त होनी चाहिए. लेकिन बीजेपी कहती है कि तपस्या की कोई इज्ज़त नहीं होनी चाहिए, जो हमारी पूजा करेगा उसकी इज्ज़त होगी".

आगे वीडियो के 37वें मिनट पर हमने पाया कि एक पत्रकार ने राहुल गांधी के तपस्या वाले बयान का ही हवाला देते हुए पूछा कि क्या अब आप तपस्वी हो गए हैं? तो राहुल गांधी ने जवाब देते हुए कहा कि " मैं तपस्वी था, अब भी तपस्वी हूं. ये देश तपस्वियों का देश है. हिंदुस्तान में ऐसा कोई भी किसान, मजदूर नहीं होगा जो मुझसे कम चला होगा. कोई इसकी बात क्यों नहीं करता है? क्योंकि हम तपस्या की इज्ज़त नहीं करते हैं, लेकिन मैं करता हूं. यही बदलाव लाना है. ये देश तपस्वियों का है. ये देश पुजारियों का नहीं है. इस देश की सच्चाई यही है. अगर इस देश को सुपरपॉवर बनना है तो तपस्वी एवं उपत्पादक की इज्ज़त करनी होगी".

नहीं, वीडियो में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपने पिता के साथ नहीं दिख रही हैं

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