सोशल मीडिया पर राहुल गाँधी की एक तस्वीर जिसमें दो अन्य व्यक्ति भी दिख रहे हैं इस दावे से वायरल है कि राहुल गाँधी के साथ हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर डाक्यूमेंट्री बनाने बीबीसी के प्रोड्यूसर हैं. आगे कहा जा रहा है कि 6 महीने पहले राहुल गाँधी यूके क्यों गए थे इसका मतलब अब समझ आ रहा है. तस्वीर को शेयर इस मंतव्य से किया जा रहा है जैसे पीएम मोदी पर बनी इस डाक्यूमेंट्री के निर्माण में राहुल गाँधी की कोई भूमिका है.
दरअसल पिछले सप्ताह 17 जनवरी 2023 को ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (बीबीसी) ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर केंद्रित एक डॉक्यूमेंट्री रिलीज़ की है जिसमें उनके राजनितिक सफर को दिखाया गया और उनके शासनकाल में हुई घटनाओं में उनकी भूमिका को कवर करने की कोशिश की गयी है. डाक्यूमेंट्री को भारत सरकार ने 'प्रोपोगंडा पीस' बताते हुए सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हटाने का आदेश दिया और आगे से इसको किसी भी रूप में प्रसारित करने पर रोक लगा दी. इसको लेकर भारत सरकार ने आपातकालिक प्रावधानों का इस्तेमाल किया.
दूसरी ओर विपक्षी नेताओं ने सरकार के इस कदम की आलोचना की. वहीं अनेक भारतीय विश्वविद्यालयों में छात्रों ने डाक्यूमेंट्री के स्क्रीनिंग की कोशिश की लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन और पुलिस द्वारा इसे रोका गया जिसको लेकर विवाद की स्थिति बनी. पीएम मोदी के समर्थक डाक्यूमेंट्री को उनकी छवि ख़राब करने की एक विदेशी साजिश बता रहे हैं और इस डाक्यूमेंट्री के पीछे राहुल गाँधी का हाथ होने के सन्दर्भ में इस तस्वीर को शेयर कर रहे हैं.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा फ़र्ज़ी है. तस्वीर में राहुल गाँधी के साथ तस्वीर में ब्रिटेन के पूर्व में विपक्ष के नेता रहे जेरेमी कॉर्बिन और इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा हैं.
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फ़ेसबुक पर एक यूज़र ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा,'अब आप जानते हैं कि बीबीसी ने उस डाक्यूमेंट्री को क्यों बनाया और किसने इसे फण्ड किया है'.
ट्विटर पर भी यह तस्वीर इसी दावे के साथ वायरल है.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने सबसे पहले वायरल तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया तो 24 मई 2022 की हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट में यही तस्वीर मिली. रिपोर्ट के मुताबिक राहुल गाँधी उस वक्त लन्दन के दौरे पर गए थे. तस्वीर के बीच में खड़े व्यक्ति को जेरेमी कोर्बिन बताया गया जो ब्रिटैन की लेबर पार्टी के पूर्व में प्रमुख रहे और वहां के संसद सदस्य हैं. जबकि दायीं ओर खड़े व्यक्ति का नाम सैम पित्रोदा है जो इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष हैं. कॉर्बिन, जिन्होंने ब्रिटेन में 2015 से 2020 तक लेबर पार्टी के लीडर और विपक्ष के नेता के रूप में कार्य किया, अक्सर भारत की अपनी आलोचना के बारे में मुखर रहे हैं.
आउटलुक इंडिया की 25 मई 2022 की रिपोर्ट के अनुसार बीजेपी ने इस मुलाकात पर राहुल गाँधी और कांग्रेस को भारत विरोधी शक्तिओं के साथ खड़े होने के लिए घेरा था.
इसको लेकर हाल ही में सैम पित्रोदा ने स्पष्टीकरण देते हुए ट्वीट किया और बीच में खड़े व्यक्ति को जेरेमी कोर्बिन बताया और इस बात का स्पष्ट रूप से खंडन किया कि वह बीबीसी से किसी तरह जुड़े हुए हैं.
हालाँकि राहुल गाँधी की जेरेमी कोर्बिन से मुलाकात को लेकर बीजेपी नेताओं ने राहुल की बहुत आलोचना की थी और एंटी हिन्दू व एंटी इंडिया विचार के साथ खड़े होने का आरोप लगाया था. प्रत्युत्तर में कांग्रेस ने पीएम मोदी के साथ जेरेमी कोर्बिन की तस्वीर शेयर कर पलटवार किया था.
उपरोक्त किसी भी रिपोर्ट में राहुल गाँधी की बीबीसी के प्रोड्यूसर के साथ मुलाकात का जिक्र नहीं था.
बीबीसी के मुताबिक प्रधानमंत्री पर आधारित डाक्यूमेंट्री के प्रोड्यूसर रिचर्ड कुकसन और इसके कार्यकारी निर्माता (एग्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर) माइक रेडफोर्ड हैं.
आगे हमने जेरेमी कोर्बिन का बीबीसी से कोई सम्बन्ध है इसको लेकर पड़ताल की तो हमें कोई रिपोर्ट नहीं मिली. इंडियन एक्सप्रेस की 25 जनवरी 2022 की रिपोर्ट में बताया गया है कि 2019 के आम चुनावों के दौरान लेबर पार्टी के पूर्व प्रमुख जेरेमी कॉर्बिन के समर्थकों ने बीबीसी पर बोरिस जॉनसन का पक्ष लेने का आरोप लगाया था.
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