शुक्रवार को पंजाब केसरी समूह के पंजाबी अख़बार जगबानी ने कुछ तस्वीरों के एक आधार ख़बर प्रकाशित की, जिसमें यह दावा किया कि "पंजाब पुलिस ने पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई द्वारा पंजाब में खालिस्तानी मुद्दे को हवा देने के लिए भेजे गए एक मुस्लिम शख्स को पकड़ लिया. उक्त शख्स ने पगड़ी पहन सिखों का रूप धारण किया हुआ था".
ख़बर के साथ मौजूद तीन फ़ोटो में से एक फ़ोटो में दो पुलिसकर्मी पगड़ी पहने एक व्यक्ति को कॉलर पकड़ खींचते हुए नज़र आ रहे हैं. दूसरे फ़ोटो में एक पुलिस कर्मी को उस व्यक्ति की पगड़ी उतारकर खींचते हुए देखा जा सकता है.
हालांकि बूम ने अपनी जांच में पाया कि जगबानी ने जिन फ़ोटो के आधार पर फ़र्ज़ी सिख पकड़े जाने का दावा किया है, वह दरअसल 2011 में पंजाब के मोहाली में वेटेनरी कर्मियों द्वारा किए गए प्रदर्शन के दौरान का है.
जगबानी ने पंजाबी हेडिंग जिसका हिंदी अनुवाद है “पाकिस्तान अब मुसलमानों को सिख बनाकर भेज रहा पंजाब” के साथ यह ख़बर प्रकाशित की है. इस ख़बर में बताया गया है कि “पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई अपने देश के मुसलमानों को सिखों वाली पगड़ी पहनाकर पंजाब में खालिस्तानी मुद्दे को हवा देने के लिए भेज रही है. लेकिन पंजाब पुलिस ने पाकिस्तान की यह चाल भी नाकाम कर दी और ऐसे ही एक फ़र्ज़ी सिख को पकड़ लिया, जो पगड़ी पहनकर घूम रहा था. हालांकि ख़बर में घटना वाले स्थान का जिक्र नहीं किया गया है”.
जगबानी ने यह ख़बर फ़रार खालिस्तानी समर्थक व वारिस पंजाब दे के मुखिया अमृतपाल सिंह से जोड़कर प्रकाशित की है. क्योंकि यह ख़बर उस ख़बर के साथ प्रकाशित की गई है, जिसमें जगबानी ने यह दावा किया है कि “आईएसआई अमृतपाल सिंह को पाकिस्तान ले जाने की कोशिश कर रही है”.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने साल 2019 में नागरिकता संशोधन कानून विरोधी प्रदर्शन के दौरान वायरल तस्वीर से जुड़े वीडियो का फ़ैक्ट चेक किया था. तब वीडियो को इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा था कि “यह मुस्लिम व्यक्ति सिख बनकर दंगा करने की कोशिश कर रहा था”.
हमने वीडियो की पड़ताल के लिए रिवर्स इमेज सर्च का सहारा लिया तो हमें सिखनेट की वेबसाइट पर इससे जुड़ी रिपोर्ट मिली थी. रिपोर्ट के अनुसार, यह वाकया मार्च 2011 का है. जब पंजाब के मोहाली स्थित क्रिकेट स्टेडियम के पास नौकरी से हटाए गए वेटनेरी कर्मी (पशु चिकित्सा कर्मी) शांतिपूर्वक धरना दे रहे थे.
इस दौरान कुछ पुलिसकर्मियों ने एक सिख नौजवान को खींचते हुए उसकी पगड़ी जबरदस्ती उतार दी थी. रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि मोहाली फेज 8 के तत्कालीन एसएचओ कुलभूषण ने एसपी प्रीतम सिंह के आदेश पर यह किया था. बाद में दोनों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था.
रिपोर्ट में घटना से जुड़ा वीडियो भी मौजूद था, जिसमें पुलिसकर्मियों को सिख नौजवान को जबरदस्ती खींचते हुए और उसकी पगड़ी उतारते हुए देखा जा सकता है. यह वीडियो एक यूट्यूब चैनल पर 30 मार्च 2011 को अपलोड किया गया था.
जांच में हमें इससे जुड़ी रिपोर्ट टाइम्स ऑफ़ इंडिया और इंडियन एक्सप्रेस की वेबसाइट पर भी मिली थी.
टाइम्स ऑफ़ इंडिया की वेबसाइट के अनुसार साल 2011 के मार्च के अंतिम सप्ताह में मोहाली में छंटनी किए गए ग्रामीण पशु चिकित्सा कर्मियों और जिला पुलिस के बीच हिंसक झड़प हो गई थी. छंटनी किए गए चिकित्सा कर्मी स्थाई नौकरी की मांग कर रहे थे. रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि यह प्रदर्शन मोहाली में भारत-पाकिस्तान के बीच होने वाले क्रिकेट मैच से पहले हुआ था.
वहीं इंडियन एक्सप्रेस की वेबसाइट पर मौजूद रिपोर्ट में भी यही जानकारी दी गई थी. रिपोर्ट के अनुसार, सैंकड़ों की संख्या में छंटनी किए गए पशु चिकित्सा कर्मी स्थाई नौकरी की मांग को लेकर मोहाली स्थित क्रिकेट स्टेडियम की तरफ बढ़ रहे थे. लेकिन पुलिस ने आगे बढ़ने से प्रदर्शनाकरियों को रोक लिया था और हिरासत में ले लिया था.
हमने इस दौरान यह भी पता करने की कोशिश की, कि क्या हाल के दिनों में पंजाब पुलिस ने ऐसा कोई व्यक्ति भी पकड़ा है जो फ़र्ज़ी सिख बनकर घूम रहा था. लेकिन हमें ऐसी कोई विश्वसनीय रिपोर्ट नहीं मिली. हमने इसके लिए पंजाब पुलिस से भी संपर्क करने की कोशिश की है, उनका जवाब आने पर स्टोरी को अपडेट कर दिया जाएगा.