सोशल मीडिया पर खालिस्तान समर्थक व ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह की एक तस्वीर काफ़ी वायरल हो रही है, जिसमें वो संयुक्त अरब अमीरात के अबुधाबी में स्थित प्रसिद्ध शेख जायद मस्जिद में खड़े नज़र आ रहे हैं.
हालांकि बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल तस्वीर एडिटेड है. अमृतपाल सिंह के लिंक्डइन अकाउंट पर मौजूद तस्वीर को एडिट कर और उसमें शेख़ जायद मस्जिद की तस्वीर को अलग से जोड़कर शेयर किया जा रहा है.
बीते 18 मार्च को पंजाब पुलिस ने जालंधर के शाहकोट इलाके में खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के काफ़िले को रोक दिया था और उनके कुछ साथियों को गिरफ़्तार कर लिया था. बाद में पुलिस ने यह दावा किया कि अमृतपाल सिंह वहां से फ़रार हो गए. पुलिस बीते 5 दिनों से अमृतपाल सिंह की तलाश कर रही है. पुलिस ने उनके कई साथियों को गिरफ़्तार किया है, जिसमें से पांच पर पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून की धारा लगाई गई है.
टीवी पैनलिस्ट डॉ सैयद रिजवान अहमद ने अपने ट्विटर अकाउंट से अंग्रेज़ी कैप्शन के साथ इस तस्वीर को शेयर किया है, जिसका हिंदी अनुवाद है “पंजाब का धोखेबाज, न तो सिख और न ही भारतीय”.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल तस्वीर की पड़ताल के लिए रिवर्स इमेज सर्च का सहारा लिया तो हमें अमृतपाल सिंह का लिंक्डइन प्रोफाइल मिला. हमने पाया कि लिंक्डइन पर मौजूद प्रोफाइल फ़ोटो को ही एडिट कर वायरल किया जा रहा है, क्योंकि वास्तविक तस्वीर का बैकग्राउंड अलग है. साथ ही वायरल तस्वीर में अमृतपाल सिंह के बाल वाले हिस्से को भी एडिट किया गया है. आप नीचे मौजूद तस्वीर में भी यह अंतर साफ़ देख सकते हैं.
इस दौरान हमने यह भी वेरिफ़ाई किया कि रिवर्स इमेज सर्च में मिला लिंक्डइन प्रोफाइल वारिस पंजाब दे के मुखिया अमृतपाल सिंह का ही है. लिंक्डइन प्रोफाइल पर मौजूद जानकारियों के अनुसार, वे 2012 से दुबई में संधू कार्गो ट्रांसपोर्ट नाम की कंपनी का काम देख रहे हैं. इसके अलावा उन्होंने होली हार्ट पब्लिक स्कूल और कपूरथला के लार्ड कृष्णा पॉलिटेक्निक कॉलेज से पढ़ाई की है.
बूम ने जब करीब दो सप्ताह पहले अमृतपाल सिंह का इंटरव्यू किया था, तब उन्होंने स्कूली और कॉलेज की शिक्षा से जुड़ी जानकारी दी थी. अमृतपाल सिंह ने बताया था कि “उनकी दसवीं तक की पढ़ाई उनके गांव के पास ही स्थित होली हार्ट पब्लिक स्कूल में हुई. उसके बाद उन्होंने 2008 में कपूरथला के लार्ड कृष्णा पॉलिटेक्निक में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में दाखिला लिया लेकिन अपनी पढ़ाई नहीं पूरी कर पाए और फ़िर 2012 में दुबई चले गए. दुबई जाकर उन्होंने पारिवारिक ट्रांसपोर्ट बिजनेस को संभालना शुरू किया और ऑफिस मैनेज करने लगे”.
हमारी अभी तक की जांच से यह साफ़ हो गया कि अमृतपाल सिंह के लिंक्डइन अकाउंट पर मौजूद तस्वीर को ही एडिट करके वायरल किया जा रहा है.
जांच में हमने यह भी पता करने की कोशिश की, कि वायरल तस्वीर में अमृतपाल सिंह के पीछे मौजूद ईमारत कौन सी है. हमने पाया कि यह संयुक्त अरब अमीरात के अबुधाबी में मौजूद शेख़ जायद मस्जिद है. फ़ोटो में दिख रहे गुंबद वाले हिस्से को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें शेख़ जायेद मस्जिद की कई सारी तस्वीरें मिली, जो वायरल तस्वीर से मेल खा रही थी.
बूम ने बीतें दिनों भी एक तस्वीर का फ़ैक्ट चेक किया है. उक्त तस्वीर में अमृतपाल सिंह की पुरानी फ़ोटो को एक ऐप के माध्यम से एडिट करके शेयर किया जा रहा है. आप हमारी वह रिपोर्ट यहां क्लिक कर पढ़ सकते हैं