सोशल मीडिया पर यूज़र्स कांग्रेस नेता प्रियांक खड़गे का कानून प्रवर्तन अधिकारियों को संबोधित करते हुए एक वीडियो साझा किया जा रहा है और उन पर "अपनी शक्ति का दुरुपयोग" करने और "अवैध गोहत्या को बढ़ावा देने" का आरोप लगाया जा रहा है.
बूम ने पाया कि वीडियो के लंबे संस्करण में खड़गे को गौरक्षकों के खिलाफ बोलते हुए और कानून का पालन करना क्यों महत्वपूर्ण है, दिखाया गया है.
कर्नाटक के ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री प्रियांक खड़गे, जो कालाबुरागी जिले के प्रभारी भी हैं, ने 22 जून, 2023 को कानून प्रवर्तन अधिकारियों को संबोधित किया और कालाबुरागी में गौरक्षकों को रोकने के लिए सख्त दिशानिर्देश लागू करने की बात कही.
ह्यूमन राइट्स वॉच के अनुसार, मई 2015 से दिसंबर 2018 के बीच भारत के 12 राज्यों में गौरक्षा के कारण 44 लोगों की मौत हो गई और 280 लोग घायल हुए हैं. इस अभियान में मुख्य रूप से दक्षिणपंथी व्यक्ति शामिल हैं, जो आमतौर पर हिंदू समूहों से जुड़े होते हैं, जो मुस्लिम और दलित व्यक्तियों पर अवैध पशु वध का आरोप लगाते हैं और गौरक्षा की आड़ में उन पर हमला करते हैं.
वीडियो में खड़गे को कन्नड़ में इस मामले के बारे में बोलते हुए दिखाया गया है और ट्विटर पर बीजेपी कर्नाटक द्वारा कैप्शन में लिखा है, "भारतीय संविधान का अनुच्छेद 48 स्पष्ट रूप से जानवरों के वध पर प्रतिबंध लगाता है, खासकर सार्वजनिक स्थानों पर. हालांकि, प्रियांक खड़गे न केवल अपनी शक्ति का दुरुपयोग कर रहे हैं बल्कि अवैध गोहत्या को बढ़ावा दे रहे हैं और पुलिस अधिकारियों पर इसका विरोध करने वाले को गिरफ्तार करने का दबाव भी बना रहे हैं. स्व-घोषित संविधान विशेषज्ञ सिद्धारमैया को यह बताना चाहिए कि क्या यह बाबा साहेब के भारतीय संविधान का उल्लंघन है या नहीं. यदि नहीं, तो दोनों को भारतीय संविधान पढ़ने की आवश्यकता है.''
आर्काइव वर्जन यहां देखें
भगवा क्रांति नामक एक यूज़र ने भी ट्वीट करते हुए लिखा, 'कर्नाटक: अगर कोई बकरीद के दौरान गायों को बचाने और नैतिक पुलिसिंग करने आए, तो उन्हें लात मारो और जेल में डाल दो: प्रियांक खड़गे (कांग्रेस प्रमुख के बेटे)'.
(आर्काइव लिंक)
दक्षिणपंथी न्यूज़ आउटलेट ऑपइंडिया ने भी खड़गे के खिलाफ इसी तरह के आरोप लगाए और अपनी रिपोर्ट में कई भ्रामक सोशल मीडिया पोस्ट इस्तेमाल किए.
यह पोस्ट फेसबुक पर कांग्रेस को हिंदू विरोधी पार्टी बताते हुए शेयर किया जा रहा है.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने अपनी जांच में पाया कि जिस वीडियो में खड़गे गौरक्षकों के बारे में बोल रहे हैं, उसे अधूरा काटकर बिना संदर्भ के शेयर किया गया है.
कन्नड़ में खड़गे की 30 सेकंड की क्लिप का अनुवाद हिंदी में इस प्रकार है, "देखिए बकरी ईद अब आ रही है. कानून के अनुसार, (सभी पीएसआई और डीएसपी, सर्कल इंस्पेक्टर कृपया सुनें)... ये लोग जो गौ रक्षा कर रहे हैं, कह रहे हैं कि हम इस दल से हैं, उस दल से हैं, उन्हें नहीं पता कि किसान कितना परेशान हो रहे हैं. उन्हें लात मारो और सलाखों के पीछे डाल दो.”
हमने इस क्लिप के लम्बे वर्जन को खोजा तो 22 जून को न्यूज फर्स्ट कन्नड़ द्वारा अपलोड किया गया दो मिनट का वीडियो मिला.
क्लिप के पहले 30 सेकंड वायरल वीडियो से बिल्कुल मेल खाते हैं, हालांकि, उसके बाद के वीडियो के हिस्से को बीजेपी कर्नाटक हैंडल द्वारा काट दिया गया है. वीडियो में 35 सेकण्ड्स के बाद खड़गे ने अपना बयान जारी रखा और कानून का पालन करने के महत्व के बारे में बात की और बताया कि जिन लोगों के पास जरुरी अनुमतियां और दस्तावेज हैं, उन्हें परेशान नहीं किया जाना चाहिए. वह जिले में उत्पीड़न के इस पैटर्न की शुरुआत के लिए पिछली सरकार को भी दोषी मानते हैं. वह आगे कहते हैं कि गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त लोगों को पकड़ने में कुछ भी गलत नहीं है.
कन्नड़ से उनके बयान का अनुवाद इस प्रकार है, "(कानून) बहुत स्पष्ट है. पशुओं का ट्रांसपोर्टेशन, चाहे वह शहर की सीमा के भीतर हो या ग्रामीण क्षेत्रों में, यदि उनके पास अनुमति या जरुरी दस्तावेज हैं, तो उत्पीड़न रोकें. क्या आप अपना काम उन्हें (गौरक्षकों) को देने के बाद पुलिस थाने में बैठेंगे?" यह नया उत्पीड़न पिछली सरकार के शासनकाल के दौरान शुरू किया गया है. पिछली बार गुलबर्गा में, इन लोगों ने घरों का दौरा किया और किसानों के जानवरों को उठाया. कानून के अनुसार कार्य करें. और फिर ये सेनाएं जो रातो-रात पैदा हो जाती हैं... अगर इनमे से कोई कानून अपने हाथ में लेता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. अगर कोई अवैध रूप से जानवरों की तस्करी कर रहा है, चाहे वह पशुधन हो या कोई अन्य जानवर, इससे इनकार नहीं किया जा सकता है. लेकिन सारी अनुमतियाँ होने के बाद भी अगर कोई दूसरा परेशान कर रहा है तो आप उनसे पूछें, वे ऐसा करने वाले कौन होते हैं?”
खड़गे ने बीजेपी के आरोपों का भी जवाब दिया और कहा, "जो शख्स बीजेपी का सोशल मीडिया संभाल रहा है उसे बर्खास्त कर देना चाहिए. क्योंकि वह साफ तौर पर कन्नड़ नहीं समझता है."
उन्होंने कहा, "मैंने बहुत स्पष्ट रूप से कहा है कि किसी भी प्रकार से कानून को हाथ में लेना बर्दाश्त नहीं किया जा जाएगा. हम कानून का पालन करने जा रहे हैं, और अगर बीजेपी को कानून का पालन करने में कोई समस्या है, तो उन्हें परिणाम भुगतने होंगे." जिला प्रभारी के रूप में, यह सुनिश्चित करना मेरा कर्तव्य था कि कानून का पालन किया जाए और वो नहीं जानते भाजपा को इससे कोई समस्या क्यों है.
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