सोशल मीडिया पर पुलिसकर्मियों और मुस्लिम समुदाय के लोगों का एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है. वीडियो में पुलिसकर्मी मुस्लिम समुदाय के लोगों को गिरफ्तार कर ले जाते हुए दिखाई दे रहे है. सोशल मीडिया पर वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में सड़क पर जाम लगाने के कारण पुलिस ने कार्रवाई की है.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो उत्तर प्रदेश के इटावा का, मार्च 2020 का है. तब पुलिस ने मस्जिद में नमाज पढ़ रह लोगों पर लॉकडाउन में बाहर निकलने के कारण कार्रवाई की थी.
गौरतलब है कि दिल्ली के इंद्रलोक में 8 मार्च 2024 को सड़क पर नमाज अदा कर रहे मुस्लिम लोगों के साथ एक पुलिसकर्मी ने लात मारते हुए बदसलूकी की थी. घटना का वीडियो वायरल होने के बाद दिल्ली पुलिस ने कार्रवाई करते हुए पुलिसकर्मी को सस्पेंड कर दिया था.
फेसबुक यूजर ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'कैसें उत्तर प्रदेश में सड़क जाम करने पे कुटाई होती है.'
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स और यूट्यूब पर भी यह वीडियो इसी दावे से वायरल है.
आर्काइव पोस्ट देखें.
फैक्ट चेक
बूम ने दावे की पड़ताल के लिए वीडियो को ध्यान से देखा तो पाया कि वीडियो में दिख रहे सभी पुलिसकर्मियों ने काले कलर मास्क पहना हुआ था. इससे संकेत मिलता है कि वीडियो हाल का नहीं बल्कि कोरोना महामारी के समय का है.
हमने वीडियो की पड़ताल के लिए इनविड टूल की मदद से वायरल वीडियो के कीफ्रेम को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें 'NYOOOZ UP- Uttarakhand' नाम के यूट्यूब चैनल पर इसका न्यूज वीडियो मिला. 27 मार्च 2020 को अपलोड किए गए इस वीडियो में 2 मिनट 2 सेकंड से इस वायरल वीडियो वाले हिस्से को देखा जा सकता है.
वीडियो रिपोर्ट के अनुसार, यूपी के इटावा में लॉकडाउन के दौरान मस्जिद में नमाज पढ़ रहे लोगों पर पुलिस ने कार्रवाई की थी.
इंडिया पोस्ट न्यूज नाम के लोकल यूट्यूब चैनल पर भी इस घटना का वीडियो देखा जा सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक इटावा में पुलिस ने लॉक डाउन एवं धारा 144 का उल्लंघन करने पर मुस्लिम समाज के कुछ लोगों पर कार्रवाई की थी. पुलिस ने मस्जिद से जुमे की नमा पढ़ रहे 7 लोगो को गिरफ्तार कर मुकदमा दर्ज किया था.
एबीपी न्यूज ने भी 27 मार्च 2020 की इस घटना को रिपोर्ट किया था.
दरअसल देश में मार्च 2020 में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए पीएम मोदी ने 24 मार्च को रात 12 बजे से अगले 21 दिन यानी 14 अप्रैल तक के लिए पूरे देश में लॉकडाउन लगाने का ऐलान किया था. देश में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए घरों से निकलने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया था.
हमारी पड़ताल से स्पष्ट है कि लॉकडाउन का उल्लघंंन करने पर पुलिस की कार्रवाई का पुराना वीडियो वर्तमान का बताकर गलत संदर्भ के साथ वायरल किया जा रहा है.