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फ़ैक्ट चेक

प्लेकार्ड पकड़े युवती की फ़ोटोशॉप्ड तस्वीर सांप्रदायिक दावे से वायरल

इस प्लेकार्ड के माध्यम से एक समुदाय विशेष को निशाना बनाकर उनकी जनसंख्या पर तंज किया जा रहा है.

By - Sachin Baghel | 15 July 2022 12:00 PM GMT

सोशल मीडिया पर एक तस्वीर ख़ूब वायरल है जिसमें एक युवती प्लेकार्ड पकड़े खड़ी है. इस प्लेकार्ड के माध्यम से एक समुदाय विशेष को निशाना बनाकर उनकी जनसंख्या पर तंज किया जा रहा है कि दूसरे समुदाय के लोग अधिक बच्चे पैदा कर हमारे घरों पर कब्ज़ा करने की योजना बना रहे हैं और हम पैसा कमाने में ही लगे रहते हैं.

वायरल तस्वीर के प्लेकार्ड पर लिखा है, "हम 10-10 रुपये जोड़कर घर बनाने की सोच रहे हैं और वे 10-10 पैदा करके हमारे घर पर कब्जा करने की सोच रहे हैं."

हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और आरएसएस चीफ़ मोहन भागवत के आबादी से जुड़े बयानों के बाद जनसंख्या का मुद्दा फिर से जीवित हो गया.

बूम ने पाया वायरल तस्वीर फ़ोटोशॉप्ड है. असल तस्वीर यौन हिंसा पीड़ितों के लिए किये गए फ़ोटोग्राफ़ी अभियान के तहत ली गई तस्वीरों में से एक है.

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फ़ेसबुक पर एक यूज़र ने 'जय श्री राम' लिखते हुए तस्वीर पोस्ट की है. 


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फ़ेसबुक पर यह तस्वीर पिछले बहुत समय से व्यापक स्तर पर वायरल है. इन तस्वीरों पर आए कमेन्ट पढ़ कर स्पष्ट हो जाता ही की ये एक समुदाय विशेष को निशाना बना कर प्रसारित की जा रहीं हैं. 


फ़ैक्ट चेक 

बूम ने वायरल तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च किया है तो टोरंटो स्टार नामक वेबसाईट पर एक तस्वीर मिली. इस तस्वीर में जो युवती दिख रही है वही हू-ब-हू वायरल तस्वीर में हैं बस प्लेकार्ड अलग है. नीचे हमने दोनों तस्वीरों की तुलना की है. 


टोरंटो स्टार के आर्टिकल के अनुसार फ़ोटोग्राफ़र ग्रेस ब्राउन ने प्रोजेक्ट अन्ब्रैकेबल नामक एक फ़ोटोग्राफ़ी अभियान के तहत यौन हिंसा से पीड़ित लोगों की तस्वीर खींचना शुरू किया था. उनके इस प्रोजेक्ट को तमाम मीडिया आउटलेट्स ने कवर किया है जिसमें Huffpost, The Guardian आदि प्रमुख हैं. 

हमें उनके प्रोजेक्ट अनब्रेकेबल के इंस्टाग्राम पेज पर भी यह तस्वीर मिली. 


हमारी जांच से स्पष्ट हो जाता है कि वायरल तस्वीर एडिटेड है. असल तस्वीर में युवती के प्लेकार्ड को फ़ोटोशॉप्ड की मदद से बदलकर नया रूप दे दिया गया है. 

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