सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक महिला रोते हुए अपनी बात कह रही है. महिला पाकिस्तान में ईसाईयों पर धार्मिक रूप से हो रहे हमले की तुलना भारतीय राज्य मणिपुर में जारी सामुदायिक हिंसा से कर रही है. वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि यह महिला पाकिस्तान वायुसेना के विंग कमांडर व पायलट मर्विन लेस्ली मिडलकोट की बेटी है. आगे कहा जा रहा है कि विंग कमांडर ने भारत के ख़िलाफ़ 1965 और 1971 के युद्ध में हिस्सा लिया था और हिन्दुओं के ख़िलाफ़ लड़ने के कारण इस महिला को अपने पिता पर गर्व था.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा ग़लत है. वीडियो में नज़र आ रही महिला मर्विन लेस्ली मिडलकोट की बेटी नहीं बल्कि प्रसिद्ध पाकिस्तानी सामाजिक कार्यकर्ता गज़ाला शफ़ीक़ हैं.
गौरतलब है कि मुस्लिम भीड़ ने बुधवार को इस्लामिक कट्टरपंथियों ने पूर्वी पाकिस्तान के फैसलाबाद के जारनवाला ज़िले में ईसाई समुदाय पर हमला कर दिया. इस हमले में कई चर्चों में तोड़फोड़ और आगजनी की गयी. रॉयटर्स की 17 अगस्त 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, इस्लामिक कट्टरपंथियों ने दो ईसाई सदस्यों पर कुरान का अपमान करने का आरोप लगाते हुए गिरिजाघरों सहित कई घरों में आग लगा दी जिसके कारण पीड़ितों को अपने घरों को छोड़ना पड़ा. कुछ आरोपियों को वीडियो के आधार पर पहचान करते हुए गिरफ़्तार किया गया है.
कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस हमले के विरोध और आरोपियों की गिरफ़्तारी की मांग करते हुए प्रदर्शन भी किया. वायरल वीडियो ऐसे ही किसी प्रदर्शन का है.
ट्विटर पर अरुण पुदुर नामक वेरीफ़ाइड यूज़र ने वीडियो ट्वीट करते हुए हुए लम्बा-सा दावा किया कि यह महिला पाकिस्तान वायुसेना के विंग कमांडर व पायलट मर्विन लेस्ली मिडलकोट की बेटी है और ईसाईयों ने भारत विभाजन और पकिस्तान बनने का समर्थन किया था.
आगे दावा किया जा रहा है कि ईसाईयों ने भारत का विभाजन और पाकिस्तान के निर्माण को समर्थन दिया है और आज जब मुस्लिम पाकिस्तान में पवित्र बाइबिल को जला रहे हैं और चर्च को तोड़ रहे हैं तब यह लोग रों रहे हैं. इनके कर्मों के कारण यह सब हो रहा है इसलिए सनातनियों को इनसे सहानुभूति रखने की कोई जरुरत नहीं है.(आर्काइव ट्वीट लिंक)
इसी तरह के दावे से अन्य ट्वीट यहाँ देखें.
यह वीडियो बूम को व्हाट्सएप हेल्पलाइन पर भी फैक्ट चेक करने के दावे से प्राप्त हुआ.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने सबसे पहले वायरल वीडियो से क्रीफ्रेम निकालकर सर्च किया तो 16 अगस्त 2023 का एक में यही वीडियो मिला. ट्वीट का कैप्शन है 'फैसलाबाद हमले के खिलाफ कराची में नागरिक समाज का विरोध प्रदर्शन, पास्टर गज़ाला शफ़ीक़ का सवाल, पाकिस्तान को भारत क्यों बनाया जा रहा है?'
वीडियो में पास्टर गज़ाला शफ़ीक़ कह रही है कि "क्या हम पाकिस्तानी नहीं हैं? आप पाकिस्तान को भारत क्यों बना रहे हैं? पाकिस्तान में मणिपुर जैसी स्थिति क्यों बनाई जा रही है?".
इस ट्वीट से मदद से लेते हुए हमने पास्टर गजाला शफीक के बारे में सर्च किया तो फ़ेसबुक पर इस नाम की वेरीफ़ाइड प्रोफाइल मिली. इसी प्रोफाइल पर हमें 17 अगस्त 2023 का पोस्ट किया हुआ वायरल वीडियो मिला.
पास्टर गज़ाला शफ़ीक़ की फ़ेसबुक प्रोफाइल के अनुसार वह मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं और पाकिस्तान के कराची शहर में रहतीं हैं. वह ट्रान्सजेंडर्स के लिए पहले चर्च की संस्थापक और पास्टर हैं. उनके फ़ेसबुक प्रोफाइल पर फैसलाबाद के जारनवाला में ईसाई समुदाय पर हमले के सम्बन्ध में एक प्रेस कांफ्रेंस का पोस्ट मिला. इस प्रेस कांफ्रेंस में गज़ाला शफ़ीक़ को भी बोलते देखा जा सकता है.
पास्टर गज़ाला शफ़ीक़ का ट्विटर अकाउंट खोजा तो उसपर भी उन्होंने खुद को मानवाधिकार कार्यकर्ता बताया है. प्रोफाइल पर ईसाईयों पर हमले को लेकर अनेक ट्वीट मिले.
इसके बाद बूम ने पाकिस्तान वायुसेना के विंग कमांडर व पायलट मर्विन लेस्ली मिडलकोट की बेटी को लेकर सर्च किया तो 'डॉन' अखबार में 12 दिसम्बर 2021 का विंग कमांडर मर्विन लेस्ली मिडलकोट को लेकर संस्मरण आलेख मिला. इस लेख के अनुसार, उनकी एकलौती संतान लेस्ली एन मिडलकोट हैं. यह लेख उनकी यादों के आधार पर ही लिखा गया है.
लेस्ली एन मिडलकोट को लेकर सर्च किया तो एक यूट्यूब वीडियो मिला. 12 नवम्बर 2020 के इस इंटरव्यूनुमा वीडियो में वह अपने स्कूल के दिनों को याद करती हुई अपनी पिता मर्विन लेस्ली मिडलकोट के बारे में बताती हैं. वीडियो का शीर्षक 'लेस्ली एन मिडलकोट, शहीद पाकिस्तानी लड़ाकू पायलट विंग कमांडर की बेटी' है.
इस इंटरव्यू का लम्बा वर्जन यहाँ भी देखा जा सकता है.
नीचे हमने गज़ाला शफ़ीक़ और लेस्ली एन मिडलकोट की तस्वीरों की तुलना की है
उपरोक्त पड़ताल से स्पस्ट होता है कि वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा ग़लत है.
ये वायरल वीडियो जयपुर में ट्रेन हत्याकांड के विरोध में आयोजित जुलूस का नहीं है