ये वायरल वीडियो जयपुर में ट्रेन हत्याकांड के विरोध में आयोजित जुलूस का नहीं है
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो इन्टरनेट पर 11 जून 2023 से मौजूद है जबकि जयपुर में ट्रेन हत्याकांड के विरोध में जुलूस 05 अगस्त 2023 को आयोजित हुआ था.
सोशल मीडिया पर भीड़ का एक वीडियो राजस्थान की राजधानी जयपुर का बताकर काफ़ी वायरल हो रहा है. हिन्दुओं से अपील करते हुए वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि यह लोग जयपुर-मुंबई ट्रेन में जो तीन मुस्लिमों की हत्या हुई थी, उसी के विरोध में जयपुर में प्रोस्टेट कर रहे हैं. आगे दावा करते हुए कहा जा रहा है कि अगर यह भीड़ हिंदूओं के घर में घुसेगी तो कोई भी नहीं बचेगा क्योंकि यह लोग मारने में विश्वास रखते है.
गौरतलब है कि 31 जुलाई 2023 को रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के एक कांस्टेबल ने महाराष्ट्र के पालघर रेलवे स्टेशन के पास जयपुर-मुंबई सेंट्रल एक्सप्रेस ट्रेन में एक सहायक उप-निरीक्षक और तीन मुस्लिमों सहित चार लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी. घटना में एक मृतक राजस्थान का रहने वाला था. 06 अगस्त 2023 की मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस हत्याकांड के विरोध में बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय ने जयपुर में जुलूस निकाला था. इसी सन्दर्भ में वायरल वीडियो शेयर किया जा रहा है.
सोशल मीडिया यूज़र्स वीडियो को वास्तविक मानते हुए हिन्दुओं को सतर्क होने के साथ एकजुट होने की अपील कर रहे हैं.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो राजस्थान के जयपुर में ट्रेन हत्याकांड के विरोध में निकाले गए जुलूस का नहीं है. यह इंटरनेट पर जून 2023 से ही मौजूद है.
ट्विटर पर एक यूज़र ने वीडियो को जयपुर में मुस्लिमों के जुलूस का बताते हुए लिखा है, "अपनी आँखों को खोल कर देख लो हिंदूओ जो अभी तक सोये हुए हो यह लोग ट्रेन में जो तीन मुस्लिमों की हत्या हुई थी। उसी के विरोध में जयपुर में प्रोस्टेट कर रहे हैं अगर यह भीड़ हिंदूओं के घर में घुसेगी तो क्या होगा कोई भी नहीं बचेगा क्योंकि यह लोग काटने में विश्वास रखते है मौका है जागो."
ट्विटर पर अन्य कई यूज़र्स ने इसी दावे के साथ वीडियो को शेयर किया है.
बूम को यह वीडियो उपरोक्त दावे के साथ व्हाट्सएप हेल्पलाइन पर फ़ैक्ट चेक करने के अनुरोध के साथ प्राप्त हुआ.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने सबसे पहले वायरल वीडियो से कीफ्रेम निकालकर गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया तो यूट्यूब पर 30 जून 2023 को अपलोड किया हुआ एक शॉर्ट्स वीडियो मिला. इस शॉर्ट्स में वायरल वीडियो में दिख रहे दृश्य भी देखे जा सकते हैं.
आगे और सर्च करने पर 11 जून 2023 का एक ट्वीट मिला जिसके साथ ये वायरल वीडियो शेयर किया गया है. ट्वीट में बताया गया कि यह वीडियो 10 साल बाद 'जमात-ए-इस्लामी बांग्लादेश' को ओपन गैदरिंग की इजाजत मिलने के बाद ढाका में आयोजित जुलूस का है. आर्काइव वर्जन यहां देखें.
11 जून 2023 का एक फ़ेसबुक पोस्ट मिला जिसमें वायरल वीडियो के समान वीडियो शेयर की गई है. प्रोफाइल पर खुद को बांग्लादेश के ढाका का बताने वाले इस यूज़र ने वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, 'अल्हम्दुलिल्लाह,,, कई सालों के बाद बांग्लादेश जमात-ए-इस्लाम मार्च को इजाजत दी गई. नारा ए तकबीर अल्लाहु अकबर'.
पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें.
बांग्लादेश के एक अन्य फ़ेसबुक यूज़र ने भी इस वीडियो को 11 जून 2023 को शेयर किया है.
11 जून 2023 की मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जमात-ए-इस्लामी बांग्लादेश ने ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस (डीएमपी) की मौखिक अनुमति मिलने पर 10 साल में पहली बार ढाका में 10 जून 2023 को एक रैली आयोजित की. हालांकि, पुलिस ने कई शर्तों पर पार्टी को मौखिक अनुमति दी थी. जमात ने भी शर्तों का पालन करते हुए सड़क पर रैली नहीं निकाली. राजधानी के इंस्टीट्यूशंस ऑफ इंजीनियर्स बांग्लादेश (आईईबी) में आयोजित रैली में बड़ी संख्या में पार्टी के नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए.
इस सन्दर्भ में WION की वीडियो रिपोर्ट भी उपलब्ध है. सम्भवत: वायरल वीडियो इसी रैली से सम्बंधित हो सकती है. बूम इसकी आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं करता है. हालांकि, उपरोक्त पड़ताल से यह स्पष्ट है कि वायरल वीडियो का जयपुर में ट्रेन हत्याकांड के विरोध में निकाले गए जुलूस से कोई सम्बन्ध नहीं है.
(बूम बांग्लादेश टीम के इनपुट्स के साथ )
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