सोशल मीडिया पर एक वीडियो इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि पाकिस्तान नेशनल असेंबली के हिंदू सदस्य (सांसद) वहां की एसेंबली में हिंदुओं पर अत्याचार का दर्द बयां कर रहे हैं. सोशल मीडिया यूज़र्स वीडियो में दिखने वाले व्यक्ति को हिन्दू सांसद बताकर शेयर कर रहे हैं.
वीडियो में, भाषण देता दिख रहा व्यक्ति वहां के अल्पसंख्यकों के बराबरी के अधिकार और छोटी बच्चियों के जबरदस्ती धर्मान्तरण के बारे में रोष व्यक्त कर रहा है. व्यक्ति एक 12 साल की लड़की को जबरदस्ती इस्लाम अपनाने पर मजबूर करने के वाकये पर भी बोलता है.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो में नज़र आने वाला व्यक्ति पाकिस्तान की नेशनल असेंबली का हिंदू सांसद (एमपी) नहीं है, बल्कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की प्रांतीय एसेंबली का सदस्य है और वो ईसाई धर्म से ताल्लक रखते हैं.
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ट्विटर पर एक यूज़र ने वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा,'पाकिस्तान के हिंदू सांसद का नेशनल असेंबली के अंदर का वीडियो वायरल। सुनिए उनका दर्द!!!'
आर्काइव वर्जन यहाँ देखें.
फ़ेसबुक पर भी यूज़र्स ने इसे इसी तरह के दावों के साथ शेयर किया है जिसे यहाँ, यहाँ और यहाँ देखा जा सकता है.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने सबसे पहले वायरल वीडियो से स्क्रीनग्रैब निकालकर गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया तो यही वीडियो एक यूट्यूब चैनल पर 20 अगस्त 2022 को अपलोड हुआ मिला. वीडियो के डिस्क्रिप्शन में बताया गया था,'MPA तारिक मसीह गिल ने जबरन धर्मांतरण पर पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के संसद भवन में जबरदस्त भाषण दिया'.
आगे PTV Parliament नाम के एक चैनल पर 11 अगस्त 2022 को अपलोडेड लम्बी वीडियो मिली जिसमे वायरल वीडियो को हम 39 मिनट के बाद से सुन सकते हैं. वीडियो में बोलने वाले व्यक्ति को भाषण शुरू करने से पहले सभाध्यक्ष तारिक मसीह गिल नाम से सम्बोधित करते हैं. तारिक मसीह गिल ने नेशनल असेंबली द्वारा आयोजित अल्पसंख्यक सम्मेलन के दौरान यह भाषण दिया. भाषण में वह एक 12 साल की ईसाई लड़की के जबरन धर्म परिवर्तन के बारे में बताते हुए पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार के बारे में बोलते हैं.
आगे हमने जब इस आयोजन के बारे में और जानने की कोशिश की तो हमें पाकिस्तान के अखबार ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की एक रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार अगस्त 2022 में पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में एक ‘माइनॉरिटी कनेवेंशन’ का आयोजन हुआ. इस कन्वेंशन में तमाम सांसदों के अलावा अल्पसंख्यक समुदायों क़े सांसदों ने भी हिस्सा लिया.
तारिक मसीह गिल के बारे में पड़ताल करने पर पंजाब प्रोविंशियल असेंबली की आधिकारिक वेबसाइट पर हमें मालूम चला कि वह पाकिस्तानी नेशनल असेंबली के सदस्य नहीं है अपितु पंजाब प्रोविंशियल असेंबली की गैर-मुस्लिमों के लिए आरक्षित सीट से सदस्य हैं. वेबसाइट पर उनका धर्म ईसाई बताया गया है.
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