मीडिया ने बिहार के पूर्णिया में पाकिस्तानी झंडा फहराने की ग़लत ख़बर फैलाई
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो में दिख रहा झंडा इस्लामिक झंडा है न कि पाकिस्तान का झंडा जैसा कि न्यूज़ आउटलेट्स द्वारा दावा किया गया है.
गणतंत्र दिवस के जश्न के बीच बिहार के पूर्णिया ज़िले में पाकिस्तानी झंडा फहराए जाने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. मीडिया आउटलेट्स ने दावा किया कि गणतंत्र दिवस के मौक़े पर बिहार के पूर्णिया ज़िले में एक मकान की छत पर पाकिस्तान का झंडा फहराया गया.
हालांकि, बूम की जांच में मीडिया आउटलेट्स का दावा ग़लत निकला. बूम को स्थानीय पुलिस ने स्पष्ट किया कि वो एक धार्मिक झंडा है ना कि पाकिस्तानी.
न्यूज़ एजेंसी ANI ने अपने ट्वीट में दावा किया कि पूर्णिया के मधुबनी सिपाही टोला इलाके में पाकिस्तानी झंडा फहराया गया. आगे ट्वीट में मधुबनी के एसएचओ को कोट करते हुए बताया गया है कि सूचना मिलने पर हम आरोपी के घर पहुंचे. झंडा हटा दिया गया है.
ट्वीट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.
न्यूज़ 18 की रिपोर्ट में भी कहा गया कि पूर्णिया के मधुबनी सिपाही टोला इलाके में पाकिस्तानी झंडा फहराया गया.
ट्वीट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.
द न्यू इंडियन ने एक पुलिसकर्मी द्वारा झंडा उतारते दिखाते वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया कि अज्ञात व्यक्तियों द्वारा बिहार के पूर्णिया में एक घर की छत पर पाकिस्तान का राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया.
ट्वीट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.
इसके अलावा; इंडिया टीवी, टाइम्स नाउ नवभारत, ईटीवी बिहार, लाइव हिंदुस्तान, लेटेस्टली, अमर उजाला, ज़ी बिहार-झारखण्ड, फ़्री प्रेस जर्नल, ऑप इंडिया ने पूर्णिया के मधुबनी सिपाही टोला इलाक़े में मुबारकदीन नाम के व्यक्ति के घर पाकिस्तानी झंडा लगे होने के दावे से रिपोर्ट प्रकाशित की.
इसी दावे के साथ वीडियो को ट्विटर और फ़ेसबुक पर भी कई यूज़र्स ने शेयर किया है.
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फ़ैक्ट चेक
बूम ने जब पूर्णिया में पाकिस्तानी झंडा फहराए जाने की घटना के वायरल दावे की जांच शुरू की तो हमें टाइम्स ऑफ़ इंडिया की एक रिपोर्ट मिली.
इस रिपोर्ट में पूर्णिया के एसपी आमिर जावेद का एक बयान है जिसमें उन्होंने पाकिस्तानी झंडा फहराए जाने के दावे को ख़ारिज किया है.
रिपोर्ट में बताया गया है, "पुलिस के अनुसार, मोहम्मद मुबारकुद्दीन के घर पर एक धार्मिक झंडा फहराया गया था, जो स्थानीय मस्जिद के बगल में स्थित है." पुलिस ने टाइम्स ऑफ़ इंडिया को आगे बताया कि झंडा धार्मिक है और लगभग एक महीने पहले घर पर फहराया गया था.
इस पूरे प्रकरण पर अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए बूम ने SDPO सदर सुरेंद्र कुमार सरोज से संपर्क किया.
उन्होंने पाकिस्तान झंडा फहराए जाने के दावे का खंडन करते हुए कहा, “ये किसी देश का झंडा नहीं है. पुलिस विभाग ने इसका खंडन कर दिया है. ये एक इस्लामिक झंडा है.”
इसके बाद, बूम ने पूर्णिया के एक स्थानीय युवक से संपर्क किया. उन्होंने हमारे साथ उसी झंडे की तस्वीर साझा की. इसको देखने पर किसी तरह से प्रतीत नहीं होता कि यह पाकिस्तानी झंडा है.
बूम ने फिर इस झंडे की तुलना पाकिस्तानी झंडे की तस्वीर से की. इससे स्पष्ट हो जाता है कि यह झंडा एक इस्लामिक धार्मिक संप्रदाय का है न कि पाकिस्तान का. हमने पूर्णिया में फहराए गए झंडे और पाकिस्तानी झंडे के बीच तुलना की है. नीचे देखें.
इसके अलावा, हमने पाया कि यह झंडा एक इस्लामी संगठन दावत-ए-इस्लामी का प्रतिनिधित्व करता है; यहां समान पैटर्न वाले झंडों के चित्र हैं. झंडे में चाँद-तारा की आकृति सभी इस्लामी झंडों में आम बात है.
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