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फैक्ट चेक

लड़के को प्रताड़ित करती यूपी पुलिस का पुराना वीडियो भ्रामक दावे से वायरल

बूम ने पाया कि वायरल वीडियो साल 2017 का है, तब उत्तर प्रदेश के महारागंज में पुलिस ने कथित चोरी के आरोप में एक नाबालिग के साथ मारपीट की थी.

By -  Jagriti Trisha |

7 Jun 2025 3:38 PM IST

सोशल मीडिया पर एक लड़के को प्रताड़ित करती पुलिस का वीडियो हाल का बताकर वायरल हो रहा है. बूम ने फैक्ट चेक में पाया कि यह वीडियो हाल का नहीं साल 2017 का है.

तब उत्तर प्रदेश के महाराजगंज स्थित पनियरा थाने में कथित चोरी के आरोप में दो पुलिसकर्मियों ने एक लड़के के साथ बुरी तरह मारपीट की थी.

लगभग तीस सेकंड के इस वायरल वीडियो में दो पुलिसकर्मी एक लड़के को लाठी-डंडे के सहारे यातना दे रहे हैं जबकि लड़का दर्द के मारे चिल्लाता नजर आ रहा है.

सोशल मीडिया पर क्या है वायरल?

एक्स और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पुलिस की इस मारपीट के वीडियो को उत्तर प्रदेश का बताते हुए यूजर्स मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और यूपी पुलिस पर निशाना साध रहे हैं. आर्काइव लिंक.

पड़ताल में क्या मिला:

वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने इसके कुछ कीफ्रेम को रिवर्स इमेज सर्च किया और पाया कि यह वीडियो 8 साल पुराना है. 

1. वीडियो 2017 का है

रिवर्स इमेज सर्च की मदद से हमें एनडीटीवी हिंदी और एनडीटीवी इंग्लिश की नवंबर 2017 की रिपोर्ट मिली, जिसमें वायरल वीडियो के विजुअल मौजूद थे. रिपोर्ट के मुताबिक यह घटना सितंबर 2017 में उत्तर प्रदेश के महाराजगंज स्थित पनियरा थाने में हुई थी.

रिपोर्ट में महाराजगंज के तत्कालीन एएसपी के हवाले से बताया गया कि पुलिसकर्मी किशोर के पास से चोरी का सामान बरामद करने की कोशिश कर रहे थे. हालांकि उसके पास कुछ नहीं मिला जिसके बाद उसे छोड़ दिया गया. इसके अलावा संबंधित पुलिसकर्मी, सब-इंस्पेक्टर को भी निलंबित कर दिया गया. एनडीटीवी के यूट्यूब चैनल पर भी इस घटना से संबंधित वीडियो रिपोर्ट देखी जा सकती है.

2. पुलिस ने भी किया वायरल दावे का खंडन

महाराजगंज पुलिस ने अपने आधिकारिक एक्स पर वायरल वीडियो का खंडन करते हुए कहा कि साल 2017 की घटना को वर्तमान में शेयर कर अफवाह फैलाने की कोशिश की जा रही है.

तब एक महिला द्वारा उक्त व्यक्ति पर चोरी का आरोप लगाया गया था जिसके संबंध में पूछताछ के लिए उसे पनियरा थाना बुलाया गया था. इस क्लिप के सामने आने के बाद वीडियो मे दिख रहे उपनिरीक्षक व आरक्षी के विरूद्ध अभियोग पंजीकृत कर निलंबित कर दिया गया व विभागीय विधिक कार्यवाही की गई थी.

निष्कर्ष

हमारी पड़ताल में साफ है कि यूपी पुलिस द्वारा लड़के को प्रताड़ित करने का यह वीडियो हाल का नहीं बल्कि साल 2017 का है. इसे भ्रामक तरीके से वर्तमान का बताकर शेयर किया जा रहा है.



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