सोशल मीडिया पर इन दिनों सरेआम सड़क पर भीड़ द्वारा एक व्यक्ति को पीटने का वीडियो खूब वायरल हो रहा है. वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश चुनाव के परिणाम आने के बाद बीजेपी कार्यकर्ता UP में एक बेकसूर को पीटकर जीत का जश्न मनाते हुए जय श्री राम का नारा लगा रहे हैं. वीडियो को समाजवादी पार्टी की विधायक डॉ. रागिनी सोनकर ने भी ट्विटर पर शेयर किया है.
बूम ने पाया कि वीडियो 2019 का है जिसका UP चुनाव में BJP की जीत से कोई संबंध नहीं है.
पोलैंड के MP का पुराना वीडियो रूस-यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में वायरल
वीडियो को ट्विटर पर शेयर करते हुए एक यूज़र Ashish Yadav ने लिखा है,'नई सरकार बनने पर एक बेकसुर की जान लेकर बिजेपी के गुण्डों ने मनाया जश्न।'
फ़ेसबुक पर इसी वीडियो को शेयर करते हुए एक यूज़र ने एक अलग ही दावा जोड़ दिया.
भानुप्रताप सिंह कठेरिया नाम के यूज़र ने वीडियो शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा, "रोहित यादव समाजवादी मैनपुरी पर हुआ जानलेवा हमला हालात गंभीर सैफई रैफर किया. क्या यही रामराज्य है?".
पोस्ट यहां देखें.
इसके अलावा ट्विटर पर कई यूज़रों ने वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है 'नई सरकार बनने पर एक बेकसुर की जान लेकर बिजेपी के गुण्डों ने मनाया जश्न.' ट्वीट्स को आप यहाँ देख सकते हैं.
पत्रकार अजीत अंजुम के नाम से वायरल इस ट्वीट का सच क्या है?
फ़ेसबुक पर भी यही वीडियो समान दावों के साथ कई लोगों ने शेयर किया है.
फ़ैक्ट चेक
बूम इससे पहले भी इस वीडियो का अक्टूबर 2019 में फ़ैक्ट चेक कर चुका है. घटना का किसी राजनीतिक पार्टी से संबंध नहीं है. घटना बिहार की थी और मामले में कोई सांप्रदायिक ऐंगल नहीं था.
पत्रकार अभिसार शर्मा के नाम से वायरल यह ट्वीट फ़र्ज़ी है
बूम ने उस वक्त भभुआ पुलिस से संपर्क किया था जिसने कहा कि पिटाई करने वाले व्यक्ति की पहचान भवानी उर्फ शाहिद है और उसे पीटने वाले की पहचान उत्तम पटेल के रूप में हुई है.
दोनों इलाके के हिस्ट्रीशीटर हैं. पुलिस अधीक्षक दिलनवाज अहमद ने बूम को बताया था कि यह घटना सांप्रदायिक नहीं है और यह शाहिद द्वारा पटेल के एक दोस्त माधव सिंह की गोली मारकर हत्या करने के कारण हुई व्यक्तिगत लड़ाई का नतीजा थी. पुलिस ने बताया कि मृतक सिंह समेत तीनों इलाके के जाने-माने अपराधी हैं.
उस समय जागरण ने इस घटना पर खबर की थी, जिसके अनुसार यह मामला आपसी रंजिश का था.
इसी घटना को अभी उत्तर प्रदेश की बताकर वायरल किया जा रहा है. उत्तर प्रदेश पुलिस ने भी इस पर स्पष्टीकरण दिया है.