बांग्लादेश में चल रही हिंसा के बीच मुस्लिमों द्वारा गौतम बुद्ध की मूर्तियां तोड़े जाने के दावे से सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें वायरल हैं. इनमें से एक तस्वीर में एक शख्स बुद्ध की मूर्ति पर किसी हथियार से हमला करते देखा जा सकता है. वहीं अन्य तस्वीरों में बुद्ध की खंडित मूर्तियां और तहस-नहस किए गए मंदिर नजर आ रहे हैं.
बूम ने अपने फैक्ट चेक में पाया कि वायरल तस्वीरें साल 2012 की हैं, जब बांग्लादेश के रामू समेत कई जगहों पर 12 पारंपरिक बौद्ध मठों और 32 बौद्ध घरों पर हमला कर दिया गया था.
बांग्लादेश में आरक्षण प्रणाली के विरोध से भड़की हिंसा के बीच बांग्लादेश के अलग-अलग हिस्सों से लगातार हिंसा और लूटपाट की खबरें आ रही हैं. इस दौरान कई जिलों में अल्पसंख्यकों के घर, दुकान और मंदिरों पर भी हमले की घटनाएं सामने आई हैं.
थ्रेड्स पर इन तस्वीरों को शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, 'नालंदा के बाद अब बांग्लादेश में महात्मा बुद्ध की मूर्तियों को तोड़ता हुआ एक ब्राह्मण.'
पोस्ट का आर्काइव लिंक.
वहीं एक्स पर इन्हें शेयर करते हुए एक दक्षिणपंथी यूजर जितेंद्र प्रताप सिंह ने लिखा, 'बांग्लादेश में मौजूद एकमात्र बौद्ध मठ जिसे बांग्लादेश के दलितों ने बनाया था. उसे बांग्लादेश तबलीगी जमात और जमाते इस्लामी के नेताओं ने तहस-नहस कर दिया. वहां रखी गौतम बुद्ध की तमाम प्रतिमाएं तोड़ डाली.'
पोस्ट का आर्काइव लिंक.
फैक्ट चेक
रिवर्स इमेज सर्च के दौरान हमें एक्स पर जुलाई 2020 की एक पोस्ट मिली, जिसमें सभी वायरल तस्वीरें मौजूद थीं. हमने पाया कि ये तस्वीरें पुरानी हैं. इनका बांग्लादेश में जारी हिंसा से कोई संबंध नहीं है. फिर हमने इन तस्वीरों की अलग-अलग पड़ताल की.
पोस्ट का आर्काइव लिंक.
पहली तस्वीर
पहली तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें Buddhasim नाम के फेसबुक पेज पर 19 अक्टूबर 2023 की पोस्ट की गई कुछ तस्वीरें मिलीं, इसमें वायरल तस्वीर भी शामिल थी.
इस पोस्ट के बांग्ला कैप्शन में बताया गया था कि इस घटना के 11 साल पूरे हो गए. 29 और 30 सितंबर 2012 को चरमपंथियों ने एक फेसबुक पोस्ट और सांप्रदायिक उन्माद की वजह से बंगाल के रामू, उखिया और पाटिया में बौद्धों के घरों को नष्ट कर दिया. इस हमले में रामू का बौद्ध मठ भी शामिल था.
दूसरी तस्वीर
रिवर्स इमेज सर्च की मदद से दूसरी तस्वीर हमें Onlanka नाम की श्रीलंकन वेबसाइट की एक रिपोर्ट में मिली. 7 अक्टूबर 2012 की इस रिपोर्ट में बुद्ध की खंडित मूर्तियों की तस्वीर के अलावा इस घटना की और भी तस्वीरें मौजूद थीं.
इस रिपोर्ट में भी बताया गया था कि तस्वीरें 2012 में बांग्लादेश में बौद्ध गांवों और मठों पर हुए हमले की हैं.
इसके अलावा 19 अक्टूबर 2012 की डेली स्टार की रिपोर्ट में भी यह तस्वीर मौजूद है. डेली स्टार ने बांग्लादेश में बौद्धों पर हुए इस हमले पर एक विस्तृत कवर स्टोरी की थी. इसके अनुसार, 29 और 30 सितंबर की रात बांग्लादेश के रामू, टेकनाफ, पाटिया और उखिया में बौद्ध समुदाय पर सुनियोजित हमले किए गए थे. यह तस्वीर 'उत्तर मिथाचारी विक्खु सीमा बौद्ध विहार' की है.
तीसरी तस्वीर
इस तस्वीर से मिलती-जुलती तस्वीर हमें डेली स्टार की रिपोर्ट में दिखी. इसके अनुसार यह तस्वीर 'रामू सदा चित विहार' की है.
28 सितंबर 2017 की एक बांग्ला रिपोर्ट में भी यह तस्वीर मौजूद है. यह रिपोर्ट हमले की पांचवीं बरसी के मद्देनजर लिखी गई थी.
चौथी तस्वीर
हमले के बाद तहस-नहस हुए मंदिर की तस्वीर हमें Dharma.org की वेबसाइट पर मिली. ये तस्वीर 30 दिसंबर 2013 को शेयर की गई थी.
बांग्लादेश में 2012 में बौद्ध मंदिरों पर हुए हमले की कहानी
फेसबुक पर एक बौद्ध शख्स द्वारा कुरान और इस्लाम के कथित अपमान के बाद यह हिंसा भड़की. मुस्लिम प्रदर्शनकारियों ने 29 और 30 सितंबर 2012 को कॉक्स बाजार के रामू, उखिया, टेकनाफ और पाटिया स्थित बौद्ध घरों तथा मंदिरों पर हमला कर दिया. इसमें रामू के 12 पारंपरिक बौद्ध मठ शामिल थे.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, इसमें 377 नामजद और 15000 अज्ञात लोगों पर मामला दर्ज किया गया था.