HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
वीडियोNo Image is Available
HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
वीडियोNo Image is Available
फैक्ट चेक

मिस्र और इंडोनेशिया की तस्वीर भारत में रमज़ान की भीड़ बताकर वायरल

तस्वीरों को शेयर करते हुए मांग की जा रही है कि कुंभ मेला के शाही स्नान को प्रतीकात्मक घोषित करने के बाद अब रमज़ान की भीड़ पर पाबंदी लगाई जानी चाहिए.

By - Mohammad Salman | 20 April 2021 4:53 PM IST

मुस्लिम समुदाय के पवित्र महीनों में से एक रमज़ान (Ramadan 2021) में बड़ी तादाद (crowd) में नमाज़ (Namaz) अदा करते हुए दिखाती दो तस्वीरें फ़र्ज़ी दावे के साथ वायरल हो रही हैं. भारत (India) के संदर्भ में जोड़कर शेयर की गई इन तस्वीरों के साथ मांग की जा रही है कि कुंभ मेला (Kumbh Mela 2021) के शाही स्नान (shahi snan) को प्रतीकात्मक घोषित करने के बाद अब रमज़ान की भीड़ (Ban Ramzan Gatherings) पर पाबंदी लगाई जानी चाहिए.

बूम ने अपनी जांच में पाया कि दोनों वायरल तस्वीरें साल भर पुरानी है और यह भारत की नहीं बल्कि मिस्र और इंडोनेशिया की हैं.

संभल के एक मदरसे में अंतिम संस्कार के लिए जमा भीड़ का वीडियो वायरल

गौरतलब है कि देशभर में बढ़ते कोरोना मामलो के बीच हरिद्वार में चल रहे कुंभ मेले में हजारों श्रद्धालुओं के जमावड़े पर लोगों ने सवाल उठाया था. सरकार को उस समय सबसे ज़्यादा किरकिरी का सामना करना पड़ा कुंभ मेला में शामिल हुए सैकड़ों लोग कोरोना संक्रमित हो गए. पीएम मोदी ने साधु-संतो से आह्वान किया था कि कुंभ मेले के शाही स्नान को प्रतीकात्मक रखा जाये. वायरल तस्वीरें इसी प्रष्ठभूमि में शेयर की गई हैं.

ट्विटर पर त्रिवेन्द्र सिंह राठौड़ ने तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि "महामारी से बचने के लिए कुंभ के शाही इंसानी को प्रतीकात्मक घोषित करने के बाद अगले रमज़ान की भीड़ पर प्रतिबंधों को लागू करना चाहिए."

आर्काइव वर्ज़न यहां देखें. अन्य पोस्ट यहां देखें.

दिल्ली में आज रात से एक हफ़्ते का लॉकडाउन, जानिए अहम बातें

फ़ैक्ट चेक

बूम ने दोनों वायरल तस्वीरों को एक-एक करके रिवर्स इमेज पर सर्च किया तो हमें कई मीडिया रिपोर्ट्स में ये तस्वीरें मिलीं, जो बताती हैं कि ये तस्वीरें न केवल पुरानी है बल्कि इनका संबंध भारत से है ही नहीं.

पहली तस्वीर

हमनें तस्वीर को रिवर्स इमेज पर सर्च किया तो पाया कि यह तस्वीर अरब न्यूज़ की एक रिपोर्ट में प्रकाशित की गई थी. रिपोर्ट में स्पष्ट तौर पर तस्वीर के नीचे दिए गए विवरण में पढ़ा जा सकता है कि यह तस्वीर अफ़्रीकी मुस्लिम देश मिस्र (Egypt) की राजधानी काहिरा (Cairo) की ऐतिहासिक अम्र इब्न अल-आस मस्जिद की हैं, जहां ईद के मौक़े पर लोग नमाज़ अदा कर रहे हैं.


इसके अलावा, सऊदी गैज़ेट की 5 जून 2019 की रिपोर्ट में प्रकाशित इस तस्वीर के साथ कहा गया है कि मिस्र के मुसलमानों ने बुधवार को पुराने काहिरा (Cairo) के ऐतिहासिक अम्र इब्न अल-आस मस्जिद में रमज़ान के पवित्र रोज़ा ख़त्म होने पर ईद- उल- फ़ितर की नमाज़ पढ़ी. तस्वीर का श्रेय एएफ़पी को दिया गया है. हमने इस तस्वीर को गेटी इमेजेज़ पर भी पाया. इससे पुष्टि हो जाती है कि यह तस्वीर 5 जून 2019 को मिस्र के पुराने काहिरा में ईद की नमाज़ के दौरान मोहम्मद अल शाहिद ने खींची थी. 

दूसरी तस्वीर

हमनें तस्वीर को रिवर्स इमेज पर सर्च किया तो कई न्यूज़ वेबसाइट पर यह तस्वीर मिली. न्यू इंग्लैंड पब्लिक मीडिया, साउथ कैरोलिना पब्लिक रेडियो और एनपीआर वेबसाइटों पर प्रकाशित 24 अप्रैल 2020 की रिपोर्ट इस वायरल तस्वीर को देखा जा सकता है.


तस्वीर के विवरण में बताया गया है कि इंडोनेशिया में धार्मिक रूप से रूढ़िवादी प्रांत आचेह के लखोसेउमावे में मुस्लिम पुरुषों ने रमज़ान के पवित्र महीने के पहले दिन मस्जिद में नए कोरोनोवायरस प्रकोप की चिंताओं के बावजूद शुक्रवार की प्रार्थना में शामिल हुए.

फ़ेक न्यूज़ अलर्ट: पिछले हफ़्ते वायरल हुईं पांच मुख्य फ़र्ज़ी ख़बरें

Tags:

Related Stories