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फैक्ट चेक

म्यांमार में महिला को गोली मारने का पुराना वीडियो मणिपुर के फ़र्ज़ी दावे से वायरल

बूम ने जांच में पाया कि यह वीडियो म्यांमार का है, जहां नेशनल यूनिटी गवर्नमेंट के अधीन आने वाली पीपुल्स डिफेंस फ़ोर्स ने जासूसी के शक में एक महिला को गोली मार दी थी.

By -  Hazel Gandhi |

22 July 2023 9:17 AM GMT

सोशल मीडिया पर एक महिला को बेरहमी से गोली मारे जाने का वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो को मणिपुर में भड़की हिंसा का बताकर शेयर किया जा रहा है.

हालांकि, बूम ने जांच में पाया कि वायरल दावा फ़र्ज़ी है. यह वीडियो म्यांमार का है, जहां शैडो सरकार नेशनल यूनिटी गवर्नमेंट (एनयूजी) के अधीन आने वाली पीपुल्स डिफेंस फ़ोर्स ने जासूसी के शक में एक महिला को गोली मार दी थी.

बीते तीन महीने से मणिपुर हाईकोर्ट के उस आदेश के बाद से राज्य में तनावपूर्ण हालात बने हुए हैं, जिसमें सरकार को गैर जनजाति मैतेई समुदाय को जनजाति में शामिल करने का आदेश दिया गया है. इस आदेश का राज्य के नगा और कूकी जनजाति विरोध कर रहे हैं. कई जगहों पर यह विरोध हिंसा में भी बदल गया. इस हिंसा में अब तक क़रीब 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और हज़ारों लोग विस्थापित हुए हैं.

हाल ही में मणिपुर से एक दिल दहला देने वाला वीडियो सामने आया था जिसमें सैकड़ों लोगों की भीड़ दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाती हुई दिखी थी. वीडियो सामने आने के बाद दुनियाभर में इसकी निंदा की गई और पीएम मोदी को भी इसपर बयान देना पड़ा.

क़रीब 20 सेकेंड के वायरल वीडियो को मणिपुर वाले दावे से फ़ेसबुक और ट्विटर दोनों ही जगहों पर शेयर किया गया है.



फ़ेसबुक पर मौजूद वायरल दावे से जुड़े अन्य पोस्ट्स आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं

फ़ैक्ट चेक

बूम ने वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए उसके कीफ़्रेम की मदद से सर्च इंजन यांडेक्स पर रिवर्स इमेज सर्च किया तो हमें 6 दिसंबर 2022 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली. इसमें वायरल वीडियो से जुड़े दृश्य फ़ीचर इमेज के रूप में मौजूद थे.



इस रिपोर्ट के अनुसार, म्यांमार की राष्ट्रीय एकता सरकार (एनयूजी) ने सगैंग प्रांत के तमू शहर में एक महिला की गोली मारकर हत्या किए जाने की घटना की निंदा की थी. साथ ही सरकार ने इसे सैन्य नियमों का उल्लंघन बताया था और संबंधित अधिकारी को इस घटना की जांच करने का आदेश दिया था.

गौरतलब है कि एक फ़रवरी 2021 को म्यांमार की सेना(जुंटा) ने देश की सर्वोच्च नेता आंग सान सू ची को गिरफ़्तार कर देश में तख्तापलट कर दिया था. इससे पहले 2020 में हुए चुनाव में सू ची की पार्टी को मिले बहुमत को भी सेना के जनरल मिन ऑन्ग ह्लाइंग ने भी ख़ारिज कर दिया. तख्तापलट के बाद सेना ने सू ची के अलावा सत्ताधारी पार्टी के कई सांसदों को भी गिरफ़्तार करके जेल भेज दिया.

अप्रैल 2021 में जातीय विद्रोही समूहों के नेताओं और पुरानी सरकार के कुछ लोगों ने मिलकर राष्ट्रीय एकता सरकार(एनयूजी) बनाई. यह सरकार देश के विद्रोहियों वाले हिस्से से काम कर रही है और इन लोगों ने पीपुल्स डिफेंस फ़ोर्स (पीडीएफ) की भी स्थापना की है, जिसमें क़रीब 60000 से ज्यादा सैनिक हैं.

इसके बाद हमने अभी तक मिली जानकारी के आधार पर अन्य न्यूज़ रिपोर्ट्स खंगाली तो हमें 6 दिसंबर 2022 को म्यांमार नाउ की वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में भी वायरल वीडियो से जुड़े दृश्य फ़ीचर इमेज के रूप में मौजूद थे. रिपोर्ट में राष्ट्रीय एकता सरकार के रक्षा मंत्रालय के सचिव निंग हतू औंग का बयान भी मौजूद था.



निंग हतू औंग ने बताया था कि यह घटना जून महीने में भारतीय राज्य मणिपुर से लगते सीमावर्ती तमू शहर में हुई थी और इसमें दिख रहे कथित आरोपी पीपुल्स डिफेंस फ़ोर्स के तमू जिले के चौथी बटालियन से संबंधित हैं. मंत्रालय ने इस घटना की जांच करते हुए दो पुरुष और एक महिला को हिरासत में लिए जाने का भी आदेश दिया है.

रिपोर्ट में महिला की पहचान 25 वर्षीया ये मर तून के रूप में की गई थी. इसके अलावा स्थानीय पीपुल्स डिफेंस फ़ोर्स के अधिकारियों के हवाले से यह भी बताया गया था कि महिला म्यांमार सेना से संबंधित प्यू साव हती ग्रुप से भी जुड़ी हुई भी और वह एक 17वर्षीय पीडीएफ कर्मी की हत्या में भी कथित रूप से शामिल थी.

इसके अलावा रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से यह भी बताया था कि म्यांमार की सेना ने पीडीएफ कर्मियों के शिविर पर कब्जा करने के दौरान जब्त किए गए एक मोबाइल से यह वीडियो हासिल किया था. इसके बाद पहली बार यह वीडियो 19 नवंबर 2022 को एक अज्ञात फ़ेसबुक अकाउंट से पोस्ट किया गया, हालांकि उसे बाद में हटा लिया गया था. बाद में म्यांमार सेना समर्थक वाले कई टेलीग्राम चैनल पर इसे जमकर शेयर किया गया.

जांच में हमें म्यांमार की राष्ट्रीय एकता सरकार के आधिकारिक फ़ेसबुक अकाउंट पर भी 5 दिसंबर 2022 को इस घटना को लेकर किया गया एक पोस्ट मिला. इस पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि “सरकार ने इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं और यह पता करने के लिए कहा है कि क्या इसमें पीडीएफ़ कर्मी भी शामिल हैं. घटना से शामिल दोषियों के ऊपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी”.


(बूम म्यांमार के इनपुट्स के साथ)

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