सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुज़फ्फरनगर (Muzaffar Nagar) में एक बैंक के बाहर बुर्क़ा (Burqa) पहने महिलाओं की कतार दिखाती एक वीडियो क्लिप फ़र्ज़ी दावे के साथ वायरल है. दावा किया जा रहा है कि भारत सरकार (Government of India) से फ़्री में राशन (Free Ration) पाने लिए ये महिलाएं कतार में खड़ी हैं. इनकी पहचान कीजिये और आँखें खोलिए क्योंकि समय पर टैक्स (Tax) आप भरते हैं.
बूम ने पाया कि वायरल वीडियो सालभर पुराना है और इसके साथ किया जा रहा दावा फ़र्ज़ी है.
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सुदर्शन न्यूज़ चैनल के एडिटर इन चीफ़ सुरेश चव्हाणके ने ट्विटर पर वीडियो शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा, "समय पर टैक्स भरो, फ़्री में राशन की क़तार देखो, पहचानों और आँखें खोलो..."
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आचार्य विक्रमादित्य नाम के एक ट्विटर यूज़र ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि "ये काग़ज़ नही दिखाएँगे देश का विरोध करेंगे भारत माता की जय नही बोलेंगे, आतंकवादी पैदा करेंगे, पाकिस्तान ज़िंदाबाद और देश के टुकड़े तक जारी रखेंगे जंग का आवाज़ देंगे पर भारत सरकार से फ्री में राशन मिलने वाली भीड़ तो देखिए आपकी आंखें खुली की खुली रह जाएगी."
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फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल वीडियो के साथ किये जा रहे दावे की हक़ीक़त जानने के लिए अपनी जांच शुरू की. हमें अपनी जांच के दौरान न्यूज़ 18 की एक रिपोर्ट में यह वीडियो मिला.
20 अप्रैल 2020 की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर में बैंक ऑफ़ बड़ौदा के बाहर जनधन खाता धारक अपना पैसा निकालने पहुंच गए. दरअसल इन लोगों को किसी ने ग़लत जानकारी दे दी कि उनके खाते में डाले गए 500 रुपये वापस लिए जा सकते हैं.
न्यूज़ 18 की रिपोर्ट के अनुसार, अचानक उमड़ी महिलाओं की भीड़ को बैंक कर्मचारियों ने सोशल डिस्टेंसिंग के तहत कतार में दूर-दूर बिठा दिया. साथ ही यह भी समझाया कि उनके खाते में आये हुए पैसे सुरक्षित हैं. बैंक के सामने से गुज़र रहे किसी व्यक्ति ने इसकी वीडियो बनाकर शेयर कर दिया.
केंद्र सरकार द्वारा जनधन खातों में डाले गए 500 रुपये नहीं निकालने पर पैसे वापस लेने की अफ़वाह के संदर्भ में हमने खोज की. इस दौरान हमें कई मीडिया रिपोर्ट मिली, जिसमें बताया गया है कि इस अफ़वाह के कारण बड़ी संख्या में जनधन खाता धारक पैसा निकालने के लिए बैंक पहुंच रहे हैं.
न्यूज़ वेबसाइट अमर उजाला कि रिपोर्ट में बताया गया है कि महिलाओं के जनधन खातों से वापस निकालने से जुड़ी अफ़वाह को वित्त मंत्रालय ने ख़ारिज कर दिया है.
हमें वित्तीय सेवाओं के सचिव देबाशीष पंडा का एक ट्वीट मिला, जिसमें उन्होंने इस तरह कि अफ़वाहों पर विश्वास न करने की सलाह दी थी.
भ्रामक दावे से वायरल क़रीब 5 साल पुराने इस वीडियो की आखिर क्या सच्चाई है?