सोशल मीडिया पर एक मुस्लिम बुजुर्ग के साथ मारपीट का वीडियो सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल है. वायरल वीडियो को शेयर करते हुए यूजर्स इसे भारत का बता रहे हैं. साथ ही बीते 3 सितंबर को महाराष्ट्र में एक मुस्लिम व्यक्ति के साथ ट्रेन में हुई मारपीट से जोड़ रहे हैं.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो बांग्लादेश का है और वीडियो में दिख रहे बुजुर्ग शख्स बांग्लादेश स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े अब्दुर रशीद हैं.
गौरतलब है कि 5 अगस्त 2024 को शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद बांग्लादेश में उनकी पार्टी अवामी लीग और सहयोगियों पर हमले की घटनाएं सामने आई थीं. इस दौरान कई लोगों की मौत भी हुई थी.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वायरल वीडियो को शेयर करते हुए एक वेरिफाइड यूजर ने लिखा, 'महाराष्ट्र के train वाले बुजुर्ग का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि ये दूसरा video सामने आ रहा है जिसमें एक विशेष समाज का आदमी मुस्लिम बुजुर्ग को बुरी तरह पीट रहा है. क्या इस की गिरफ्तारी होगी RT करो गिरफ्तारी की मांग करो.' (पोस्ट का आर्काइव लिंक)
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर भी यह वीडियो इसी दावे के साथ वायरल है. (पोस्ट का आर्काइव लिंक)
फैक्ट चेक: वायरल वीडियो बांग्लादेश का है
सोशल मीडिया पर एक मुस्लिम बुजुर्ग को पीटने का वीडियो सांप्रदायिक दावे के साथ भारत से जोड़कर वायरल है. बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल दावा गलत है.
वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए जब हमने इसके अलग-अलग कीफ्रेम को गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया तो हमें एक बांग्लादेशी यूट्यूब चैनल पर 8 सितंबर 2024 को अपलोड किया गया यह वीडियो मिला, जिसके डिस्क्रिप्शन में बताया गया कि वायरल वीडियो बांग्लादेश के बरगुना का है. साथ ही वीडियो में दिख रहे शख्स 'बांग्लादेश मुक्ति युद्ध' के कमांडर अब्दुर रशीद हैं. उन्हें पीट रहे व्यक्ति का नाम शॉन मुल्ला है.
इससे जुड़े कीवर्ड को गूगल पर सर्च करने पर हमें बांग्लादेशी न्यूज वेबसाइट Voice7news.tv पर एक न्यूज रिपोर्ट मिली.
इस रिपोर्ट के मुताबिक, रविवार 8 सितंबर 2024 को सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में बरगुना में बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के पूर्व जिला संयोजक महबूबुल आलम फारुक मुल्ला के बेटे शॉन मुल्ला ने बरगुना जिला आयुक्त (डीसी) कार्यालय के सामने बुजुर्ग स्वतंत्रता सेनानी अब्दुर रशीद को पीटा और उन्हें अपशब्द कहे.
अब्दुर रशीद ने Voice7news.tv से बात करते हुए कहा, "एक बुजुर्ग व्यक्ति के रूप में, मुझे जिला आयुक्त के कार्यालय के सामने अपमानित किया गया. मैंने न्याय के लिए इस मामले को अल्लाह पर छोड़ दिया है."
हालांकि, इस रिपोर्ट में शॉन मुल्ला ने भी अपना पक्ष रखा है. उन्होंने कहा, "यह घटना इसलिए हुई क्योंकि रशीद ने केंद्रीय बीएनपी उपाध्यक्ष अलहाज नूरुल इस्लाम मोनी के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की थी."
बांग्लादेशी न्यूज वेबसाइट DhakaTribune.com की 8 सितंबर 2024 की रिपोर्ट के मुताबिक, यह मारपीट बांग्लादेश स्वतंत्रता सेनानियों की सूची को लेकर हुई थी.
बीएनपी के नेताओं के मुताबिक, अब्दुर रशीद की सिफारिशों की वजह से कुछ बीएनपी नेताओं का नाम स्वतंत्रता सेनानियों की लिस्ट से हटा दिया गया था, जिसे लेकर कथित तौर पर विवाद हुआ था.
शॉन मुल्ला ने DhakaTribune.com से अपना बचाव करते हुए कहा, "यह विवाद हमारी पार्टी के उपाध्यक्ष नूरुल इस्लाम मोनी के बारे में अपमानजनक टिप्पणी को लेकर शुरू हुआ. इसलिए मैंने उन्हें पीटना शुरू कर दिया."
उसने आगे कहा, "साथ ही रशीद मियां ने मेरे पिता का नाम स्वतंत्रता सेनानी की सूची में शामिल करने के लिए मुझसे 3 लाख टका लिया था. इसके अलावा वह अवामी लीग के समर्थक के रूप में भी जाने जाते हैं."
बता दें कि खालिदा जिया की अगुआई वाली बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) बांग्लादेश की एक प्रमुख राजनीतिक पार्टी है, जिसकी स्थापना बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति जियाउर रहमान ने की थी. बीएनपी की मुखिया खालिदा जिया को 5 अगस्त 2024 को शेख हसीना देश छोड़ने के बाद 6 अगस्त को रिहा कर दिया गया था. माना जाता है बांग्लादेश में हाल ही में हुए छात्र आंदोलन को भी बीएनपी का समर्थन प्राप्त था.