सोशल मीडिया पर महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर (औरंगाबाद) की घटना बताकर एक वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि एक बुर्का पहने महिला ने भगवान राम के पोस्टर पर अंडे फेंके. दक्षिणपंथी चैनल सुदर्शन न्यूज़ द्वारा ट्वीट किये गए वीडियो में एक महिला सफ़ेद कपड़ा लपेटे हुए नज़र आ रही है. वह बीच सड़क पर अपनी स्कूटी रोककर पोस्टर के पास जाती है और कुछ फेंकती हुई दिखती है. इसके बाद वह वहां से चली जाती है.
सुदर्शन न्यूज़ सहित अनेक सोशल मीडिया यूज़र्स, मुस्लिम महिला द्वारा भगवान राम का अपमान करने के दावे से वीडियो शेयर कर रहे हैं.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा सांप्रदायिक दावा ग़लत है. वीडियो में नज़र आ रही महिला हिन्दू है और उसका मानसिक संतुलन ठीक नहीं है.
सुदर्शन न्यूज़ ने वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, 'कहां से भरा जा रहा है इतना जहर? बुर्काधारी महिला को प्रभु श्रीराम से इतनी नफरत क्यों? सड़क पर स्कूटी खड़ी की और फिर प्रभु श्रीराम की तस्वीर पर अंडे फेंके, महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर की है घटना'.
वायरल वीडियो में लिखा है, 'छत्रपति संभाजीनगर में जिहादी खातून, स्कूटी रोककर श्रीराम के पोस्टर पर फेंका अंडा'.
आर्काइव लिंक
इसी दावे के साथ कई अन्य यूज़र्स ने भी ट्वीट किया है जिसे यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.
यह वीडियो इसी तरह के सांप्रदायिक दावे के साथ फ़ेसबुक पर वायरल हो रही है जिसे यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने सबसे पहले वायरल वीडियो के साथ बतायी जा रही जगह की सच्चाई की पुष्टि के लिए गूगल मैप पर सर्च किया तो यह जगह छत्रपति संभाजीनगर (औरंगाबाद ) में दर्ग रोड पर श्री राम चौक निकली. वायरल वीडियो इसी जगह का है. दोनों में समानताएं हम नीचे देख सकते हैं
बूम ने इसके बाद जब इंटरनेट पर घटना को लेकर सर्च किया तो छत्रपति संभाजीनगर के पुलिस कमिश्नर के ट्विटर हैंडल पर इस घटना को लेकर मराठी भाषा में एक प्रेस नोट मिला. प्रेस नोट में कहा गया है कि 20 मई 2023 को छत्रपति संभाजी नगर के सतारा क्षेत्र में एक महिला स्कूटी पर आयी और धार्मिक पोस्टर को खंडित करने का प्रयास किया.
महिला से पुलिस द्वारा पूछताछ करने पर उसकी पहचान 38 वर्षीय शिल्पा रामराव गरुड़ उर्फ शैलजा उदावत के रूप में हुई. वह जवाहरनगर के क्रांति चौक डाकघर में क्लर्क है और सतारा के आलोक नगर में रहती है. आगे पता चला कि पारिवारिक कारणों से महिला मानसिक रूप से अस्वस्थ (depressed) है और धार्मिक भावना भड़काने का उसका कोई इरादा नहीं था. पुलिस ने महिला के विरुद्ध धारा 295 और 427 के तहत मुकदमा दर्ज किया है.
आगे और पड़ताल करने पर छत्रपति संभाजीनगर पुलिस कमिश्नर मनोज लोहिया का इस घटना पर वीडियो भी मिला. वीडियो में पुलिस कमिश्नर ने पुष्टि की कि आरोपी महिला हिंदू थी. उन्होंने महिला के कृत्य के पीछे मानसिक अवसाद के कारणों का हवाला दिया और लोगों से सोशल मीडिया पर भ्रामक क्लिप प्रसारित करने से बचने की अपील की. उन्होंने कहा कि इस घटना का दूसरे समुदायों के लोगों से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि आरोपी के विरुद्ध उचित कार्रवाई शुरू हो गई है, और नागरिकों से अनुरोध किया है कि वे शहर को शांतिपूर्ण और सुरक्षित बनाए रखने के लिए पुलिस के साथ सहयोग करें.
उपरोक्त पड़ताल से स्पष्ट होता है कि वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा सांप्रदायिक दावा ग़लत है.
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