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फैक्ट चेक

मुंबई में मुसलमानों के शक्ति प्रदर्शन के दावे से पूर्वी तिमोर का वीडियो वायरल

बूम ने फैक्ट चेक में पाया कि वायरल वीडियो पोप फ्रांसिस के पूर्वी-तिमोर देश के दौरे के दौरान का है.

By - Rohit Kumar | 28 Sept 2024 1:16 PM IST

सोशल मीडिया पर दक्षिण पूर्व एशिया स्थित देश पूर्वी तिमोर (आधिकारिक नाम- तिमोर लेस्ते) में पोप फ्रांसिस के स्वागत में उमड़ी भीड़ का वीडियो गलत दावे से वायरल है कि मुंबई में मुसलमान अपनी ताकत दिखाने के लिए बड़ी संख्या में सड़क पर निकले हैं.

बूम ने अपनी जांच में पाया कि यह वायरल वीडियो 9 सितंबर 2024 को पूर्वी तिमोर में पोप फ्रांसिस के दौरे पर सामूहिक प्रार्थना समारोह में एकजुट हुई भीड़ का है. पोप फ्रांसिस कैथोलिक चर्च (ईसाई धर्म की एक शाखा) के 266वें पोप हैं. उनका असली नाम जॉर्ज मारियो बर्गोग्लियो है. 

गौरतलब है कि मुंबई में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के नेताओं ने 23 सितंबर को छत्रपति संभाजीनगर से लेकर मुंबई तक एक संविधान रैली निकाली थी. रैली का नेतृत्व में पूर्व सांसद इम्तियाज जलील और वारिस पाठन कर रहे थे. 

इस दौरान अल्पसंख्यकों पर विवादित टिप्पणी के लिए भाजपा विधायक नितेश राणे और हिंदू संत रामगिरी महाराज के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई. रैली की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई थीं. इसी संदर्भ में इस वीडियो को शेयर किया जा रहा है. 

एक्स पर एक यूजर ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'ये पाकिस्तान या बांग्लादेश नहीं है. ये इराक ईरान या अफगानिस्तान भी नहीं है. अपना मुंबई है, जहां मुसलमान अपनी ताकत दिखाने को सड़कों पे निकला है. सोते रहो हिंदुओं.'


(आर्काइव लिंक)

फेसबुक (आर्काइव लिंक) पर भी इसी दावे से यह वीडियो वायरल है. कई मीडिया आउटलेट (जनसत्ता और अमर उजाला) ने भी इस वीडियो क्लिप को मुंबई में AIMIM की रैली का बताया. 



फैक्ट चेक

वीडियो पूर्वी तिमोर में पोप फ्रांसिस के दौरे का है

बूम ने फैक्ट चेक में पाया कि मुंबई की सड़कों पर मुस्लिमों के विरोध प्रदर्शन के दावे से वायरल वीडियो असल में पूर्वी तिमोर देश में पोप फ्रांसिस की यात्रा का है.

बूम ने दावे की पड़ताल के लिए वायरल वीडियो के एक कीफ्रेम को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें फेसबुक पर एक यूजर द्वारा 12 सितंबर 2024 को शेयर किया गया वीडियो मिला. 

फेसबुुक यूजर ने वीडियो शेयर करते हुए पोस्ट के कैप्शन में लिखा, '100 प्रतिशत कैथोलिक मूल वाले देश तिमोर लेस्ते की ऐतिहासिक यात्रा पर पोप फ्रांसिस का स्वागत किया गया.' (अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद)

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इससे संकेत लेते हुए हमने गूगल पर मीडिया रिपोर्ट सर्च कीं तो पाया कि यह वीडियो पोप फ्रांसिस की पूर्वी तिमोर की यात्रा के दौरान का है. 2002 में इंडोनेशिया से आजादी मिलने के बाद वह इस देश का दौरा करने वाले पहले पोप थे. इस यात्रा में लगभग 6 लाख लोग शामिल हुए थे.

सीएएन की 10 सितंबर 2024 रिपोर्ट में बताया गया कि दक्षिण-पूर्व एशिया के छोटे से देश पूर्वी तिमोर में पोप फ्रांसिस का भव्य स्वागत किया गया. रिपोर्ट के अनुसार, पूर्वी तिमोर दुनिया के सबसे अधिक कैथोलिक लोगों वाले देशों में से एक है. 9 सितंबर 2024 को पोप के सामूहिक प्रार्थना समारोह में लगभग 6 लाख लोगों की भीड़ जुटी. रॉयटर्स में भी पोप की इस यात्रा की खबर देखी जा सकती है.

न्यूज एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि पूर्वी तिमोर की लगभग आधी आबादी इस प्रार्थना समारोह में शामिल हुई. यह प्रार्थना समारोह उसी मैदान पर आयोजित किया गया, जहां 35 वर्ष पहले इंडोनेशिया से स्वतंत्रता पाने के लिए राष्ट्र की लड़ाई के दौरान तत्कालीन पोप जॉन पॉल द्वितीय ने प्रार्थना की थी.'

यूएन में पूर्वी-तिमोर के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि Karlito Nunes ने भी अपने एक्स हैंडल पर इस समारोह की कुछ तस्वीरें वीडियो से शेयर कीं. इनमें से एक तस्वीर वायरल वीडियो के कीफ्रेम वाली भी है.  


Sky News Australia पर इसकी वीडियो रिपोर्ट भी देखी जा सकती है. 

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