सोशल मीडिया पर बैंक ऑफ बड़ोदा की एक ब्रांच के बाहर लम्बी कतार में बैठी मुस्लिम महिलाओं का एक वीडियो वायरल है. यूजर्स दावा कर रहे हैं कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रचार अभियान के दौरान 8500 रु हर महीना देने का वादा किया था, जिसे प्राप्त करने के लिए महिलाएं बैंक के बाहर खाता खुलवाने के लिए लाइन में बैठीं हैं.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो कोरोना-19 महामारी के दौरान का अप्रैल 2020 का है. जब उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में बैंक ऑफ बड़ौदा की एक ब्रांच के सामने मुस्लिम महिलाएं केंद्र सरकार द्वारा महिला जनधन खातों में जमा किए गए पैसों को निकालने के लिए लाइन में बैठी थीं.
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस ने महालक्ष्मी योजना के तहत गरीब परिवार की महिलाओं के खाते में सलाना एक लाख रूपये देने का वादा किया था. इसी संदर्भ में यह वीडियो गलत दावे से वायरल है.
एक एक्स यूजर ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'खटा-खट के लिये लाइन देखो? मीलॉर्ड आपको तनिक भी शर्म है, तो संज्ञान लीजिये? क्या यह धोखाधड़ी नहीं लगती आपको? कड़कड़ाती धूप में गरीब जनता 8500 रुपये लेने के लिये खाता खुलवाने लाइन लगी है?'
फैक्ट चेक
बूम ने मई 2021 में भी इस वीडियो को फैक्ट चेक किया था, तब यह इस फर्जी सांप्रदायिक दावे से वायरल हुआ था कि मुस्लिम महिलाएं सरकार से फ्री में राशन पाने लिए कतार में खड़ी हैं.
बूम ने इस वायरल दावे की पड़ताल के लिए वीडियो के कीफ्रेम को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें टीवी न्यूज चैनल न्यूज18 के यूट्यूब चैनल पर 20 अप्रैल 2020 को शेयर की गई एक वीडियो रिपोर्ट मिली. इसमें वायरल वीडियो को भी देखा जा सकता है.
इस रिपोर्ट में बताया गया कि केंद्र सरकार द्वारा महिला जनधन खाताधारकों को तीन महीने तक 500 रुपये प्रतिमाह भेजने की घोषणा के बाद महिलाओं में एक अफवाह फैल गई कि खाते से पैसा नहीं निकाला तो वापस चला जाएगा. इसके बाद यूपी के मुजफ्फरनगर में बैंक ऑफ बड़ौदा की एक ब्रांच पर मुस्लिम महिलाएं सरकार द्वारा जमा किए गए पैसों को निकालने के लिए लाइन में बैठ गईं.
अफवाह के फैलने के बाद अमर उजाला और जनसत्ता ने भी अपनी न्यूज रिपोर्ट में वित्त मंत्रालय के हवाले से बताया कि इन खातों में भेजे पैसे पूरी तरह सुरक्षित हैं. सरकार इन पैसों को वापस नहीं लेगी और कोई भी खाताधारक अपनी सुविधा एवं जरूरतों के अनुसार इसे निकाल सकता है.