बीते रविवार को गुजरात के मोरबी में हुए ब्रिज हादसे में घायल एक व्यक्ति की दो तस्वीरें सोशल मीडिया पर काफ़ी शेयर की जा रही है. एक तस्वीर में उस शख्स के पैर पर सफ़ेद पट्टी बंधी हुई है जबकि दूसरी तस्वीर में उसी पैर पर प्लास्टर लगा हुआ नज़र आ रहा है. इन दोनों तस्वीरों को इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि बीते 1 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मोरबी अस्पताल के दौरे से पहले उस शख्स के पैर पर प्लास्टर चढ़ाया गया था.
30 अक्टूबर को गुजरात के मोरबी में एक सस्पेंशन ब्रिज के टूटने की वजह से करीब 130 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी. इसमें सैंकड़ों लोग घायल भी हुए थे. घायलों को बेहतर उपचार के लिए मोरबी सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया था. हादसे के बाद मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी भी मोरबी पहुंचे थे और उन्होंने अस्पताल जाकर घायलों से मुलाक़ात की थी. इस दौरान उन्होंने वायरल तस्वीर में दिख रहे शख्स अश्विन से भी मुलाक़ात की थी.
बूम ने अपनी जांच में वायरल हो रहे दावे को भ्रामक पाया. वायरल तस्वीर में दिख रहे अश्विन ने हमें बताया कि 30 अक्टूबर 2022 की शाम को जब उन्हें अस्पताल में लाया गया तो उन्हें सिर्फ़ एक पट्टी लगाई गई थी और दर्द कम होने वाली दवा दी गई थी. बाद में 31 अक्टूबर को दर्द कम नहीं होने के बाद उसके पैर पर प्लास्टर लगा दिया गया था. हमने अश्विन द्वारा बताई गई जानकारियों को अलग-अलग साक्ष्यों से मिलान किया तो पाया कि उनके पैर पर 31 अक्टूबर 2022 को ही प्लास्टर किया गया था, ना कि 1 नवंबर 2022 को, जब पीएम मोदी ने अस्पताल का दौरा किया था.
कई पत्रकारों समेत अनेक वेरिफ़ाईड ट्विटर यूज़र्स ने दो तस्वीरों के इस कोलाज को वायरल दावे के साथ अपने अकाउंट से शेयर किया.
पत्रकार स्वाति चतुर्वेदी ने दोनों तस्वीरों के कोलाज को अंग्रेज़ी कैप्शन के साथ साझा किया, जिसका हिंदी अनुवाद है "स्थायी रोगी, कैसे एक ही शख्स पहले वाघेला और फिर मोदी से मिला? क्या यही गुजरात मॉडल है?" बता दें कि स्वाति चतुर्वेदी गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला के अस्पताल दौरे का हवाला दे रही थीं.
अभिजीत दीपके ने भी अपने ट्विटर अकाउंट से इसी तरह के दावे से दोनों तस्वीरों के वायरल कोलाज को शेयर किया. दिपके द्वारा ट्वीट किए गए कैप्शन का अनुवाद है, "मरीजों को प्रधानमंत्री मोदी के अस्पताल दौरे से पहले नया प्लास्टर चढ़ाया जा रहा है."
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल हो रहे दावे की पड़ताल के लिए अश्विन से बात की तो उन्होंने हमें 30 अक्टूबर और 31 अक्टूबर को घटित पूरा घटनाक्रम बताया. बातचीत के दौरान उन्होंने वायरल दावों को ख़ारिज करते हुए कहा कि 31 अक्टूबर को पैर में ज़्यादा दर्द होने के बाद उसी शाम को पट्टी हटाकर पैर पर प्लास्टर चढ़ाया गया था.
अश्विन ने हमें बताया कि मोरबी पुल टूटने के बाद उन्हें 30 अक्टूबर 2022 को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अस्पताल में प्रारंभिक उपचार के तौर पर उन्हें एक पेनकिलर इंजेक्शन दिया गया और पैर में जहां चोटें लगी थी, वहां ड्रेसिंग वाली पट्टी लपेट दी गई. उन्होंने हमें ये भी बताया कि उसी शाम डॉक्टर ने पैर में प्लास्टर चढ़ाने की सलाह भी दी थी लेकिन दर्द कम होने की वजह से उसने प्लास्टर नहीं चढ़वाया और बाद में उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.
उन्होंने हमारे साथ बातचीत में कहा कि "इंजेक्शन इसलिए दिया जाता है ताकि जिस व्यक्ति के पैर में किसी तरह का फ्रैक्चर हो उसे किसी तरह का दर्द न हो. इंजेक्शन में पेनकिलर होने की वजह से किसी तरह का दर्द नहीं होता है. इसलिए जब मुझे इंजेक्शन दिया गया तो मैंने किसी तरह के दर्द की शिकायत नहीं की."
अगले दिन 31 अक्टूबर 2022 को घर पर उन्हें फिर से अपने पैर में तेज दर्द महसूस हुआ और वह इसकी वजह से हिल भी नहीं पा रहे थे. "तब मुझे मेरे परिवार द्वारा अस्पताल में फिर से भर्ती कराया गया. कुछ घंटों बाद जब लगभग 4-5 बजे मैं बाथरूम गया तो फिर से दर्द होने लगा. डॉक्टरों ने पैर के चोट की जांच की और पैर पर प्लास्टर चढ़ाने की बात कही. साथ ही डॉक्टर ने कहा कि ड्रेसिंग हटाकर प्लास्टर लगाया जाएगा और इसे 15 दिनों तक रखना होगा."
हमने इस घटना से जुड़े कई अन्य वीडियो और तस्वीरों के साथ अश्विन द्वारा बताई गयीं बातों का मिलान किया तो वो तमाम बातें हमारी जांच में मिले साक्ष्यों से मेल खाती हैं. इसे आप नीचे मौजूद जानकारियों के माध्यम से बख़ूबी समझ सकते हैं.
एनडीटीवी की रिपोर्टर तनुश्री पांडे ने 31 अक्टूबर 2022 की दोपहर लगभग 2:46 बजे कुछ फ़ोटो ट्वीट की, जिसमें अश्विन के पैर पर लगी पट्टी साफ़ देखो जा सकती है.
31 अक्टूबर 2022 की रात को द लल्लनटॉप के रिपोर्टर ने मोरबी के सिविल अस्पताल का दौरा किया और प्रधानमंत्री मोदी के दौरे से पहले अस्पताल में चल रही तैयारियों को लेकर रिपोर्ट किया. इस वीडियो रिपोर्ट के शुरूआती हिस्से में 49 सेकेंड पर रिपोर्टर साफ़ साफ़ यह कहते हुए दिखाई दे रहे हैं कि अभी रात के 11 बजकर 48 मिनट हो रहे हैं. इसी रिपोर्ट में 3 मिनट 53 सेकंड पर रिपोर्टर अश्विन से बात करते हुए भी दिख रहे हैं. इस दौरान अश्विन के पैर पर चढ़ा प्लास्टर भी स्पष्ट नज़र आ रहा है.
प्रधानमंत्री मोदी ने 1 नवंबर 2022 को अस्पताल का दौरा किया और इस दौरान उन्होंने अश्विन से भी बातकर उसका हालचाल जाना. कई मीडिया आउटलेट्स ने भी प्रधानमंत्री मोदी के साथ अश्विन की मुलाक़ात वाली तस्वीरों को साझा किया. उन तस्वीरों में भी अश्विन के पैर पर लगे प्लास्टर को देखा जा सकता है.
बाद में लल्लनटॉप के रिपोर्टर अभिनव पांडे ने फिर से अश्विन से बातचीत की, जिसका वीडियो 1 नवंबर को रात 10:34 पर ट्वीट किया गया. इस वीडियो में अश्विन उन दावों को सिरे से ख़ारिज करते हुए नज़र आ रहा है कि प्रधानमंत्री के दौरे से पहले उसके पैर पर लगे ड्रेसिंग को हटाकर प्लास्टर लगा दिया गया. इस दौरान वह यह भी कहता हुआ नज़र आ रहा है कि दूसरे दिन एक्स-रे लिया गया था और डॉक्टर ने पैर पर प्लास्टर लगाने की बात कही थी.
बूम से बात करते हुए अश्विन ने यह भी कहा कि वायरल दावों के बारे में मीडियाकर्मियों द्वारा लगातार पूछे जा रहे सवाल उनकी मुश्किल को बढ़ा रहे हैं.
"मीडिया के लोग आते हैं और मुझसे पूछते हैं: "यदि आपके पैर पर छोटी पट्टी थी तो बड़ी पट्टी कैसे लग गई?" और मैं उन्हें वही कह रहा हूं कि दूसरे दिन दर्द बढ़ने के कारण इसे बदल दिया गया था. मुझे तारीख, समय, कैसे और क्या हुआ, इन सभी चीजों के बारें में कुछ भी ठीक से याद नहीं है. अस्पताल ले जाते ही मुझे पाटा (पट्टी) दिया गया था. यह घटना शाम को लगभग 6.30 बजे हुई थी. मैं अस्पताल आया और तो लाशें पड़ी हुई थीं. ट्रैफिक भी था... मेरे दोस्त ने इस हादसे में परिवार के आठ सदस्यों को खो दिया, उन्होंने कहा कि वे घर जाना चाहते हैं इसलिए हमने भी 30 अक्टूबर, 2022 की रात को वही किया. जब मैं सुबह उठा, तो मैं अपना पैर तक नहीं हिला पा रहा था और मुझे फिर से अस्पताल लाया गया. जांच के बाद मेरे पैर पर प्लास्टर चढ़ाया गया", अश्विन ने बूम को बताया.