सोशल मीडिया पर नग्न अवस्था में एक छोटे बच्चे का पुराना वीडियो काफ़ी वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ अन्य बच्चे, उसके साथ मार-पीट और गालीगलौज करते नज़र आ रहे हैं. अन्य बच्चे उस बच्चे से "जय श्री राम, पाकिस्तान मुर्दाबाद और हिंदुस्तान जिंदाबाद" जैसे नारे लगवाते हुए भी दिखाई दे रहे हैं. सोशल मीडिया पर वीडियो को वर्तमान के संदर्भ में वायरल किया जा रहा है.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो अप्रैल 2023 का है. यह वर्तमान की किसी घटना से सम्बंधित नहीं है.
फे़सबुक यूज़र ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "ये वीडियो कहा का है कौन लोग हैं पता नहीं, मुझे नहीं पता लेकिन विडियो देखकर धृणा उत्पन हो रही है एक छोटा-सा मासूम बच्चा जो धर्म के बारे में कुछ जानता नहीं उस पर धर्म के नाम पर अमानवीय अत्याचार"
प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर भी यह वीडियो इसी दावे के साथ काफ़ी शेयर किया जा रहा है.
फ़ेक्ट चेक
बूम ने वायरल दावे की पड़ताल के लिए गूगल पर दावे से सम्बंधित कीवर्ड्स के साथ सर्च किया. हमें कुछ मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं.
न्यूज़ वेबसाइट क्विंट पर अप्रैल 14, 2023 की न्यूज़ रिपोर्ट के अनुसार, इंदौर के लसूड़िया थाना क्षेत्र में स्टार चौराहे के समीप कुछ नाबालिक किशोरों द्वारा दूसरे धर्म के नाबालिक किशोर को खेलने के बहाने तालाब किनारे ले जाया गया. तालाब किनारे ले जाकर नाबालिक किशोर के कपड़े उतारे गए और उस से जबरजस्ती जय श्री राम, जय महाकाल जैसे धार्मिक नारे के साथ-साथ हिंदुस्तान जिंदाबाद और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगवाए गए.
रिपोर्ट के अनुसार घटना अप्रैल 12, 2023 की है. रिपोर्ट में इंदौर के डीसीपी सूरज वर्मा के हवाले से बताया गया, "कल लसूड़िया थाने में एक फरियादी आए थे जिन्होंने शिकायत की थी कि उनके 12 साल के बच्चे को कुछ जान पहचान के नाबालिग बच्चे एक सुनसान जगह ले गए. वहां बच्चे के कपड़े उतारकर मारपीट की गयी और बच्चों ने उसका वीडियो भी बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया था.”
क्विंट की इस रिपोर्ट में वायरल वीडियो का एक कीफ्रेम भी देखा जा सकता है.
घटना की इस रिपोर्ट को द इण्डियन एक्सप्रेस, फ्री प्रेस जर्नल और न्यूज़ 24 पर भी देखा जा सकता है.
द इण्डियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, इस घटना के सम्बंध में आरोपी नाबालिगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने के लिए सजा), 294 (किसी भी सार्वजनिक स्थान पर अश्लील कृत्य), और 506 (आपराधिक धमकी) के साथ-साथ किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण अधिनियम, 2000) के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है.
पुलिस कमिश्नर इंदौर ने भी अपने अधिकारिक एक्स अंकाउट पर इस घटना के सम्बंध में पोस्ट कर बताया था, "उक्त प्रकरण में थाना लसूड़िया में गंभीर धाराओं मे अपराध पंजीबद्ध कर बाल अपचारियों को पुलिस अभिरक्षा में लेकर वैधानिक कार्यवाही की गई है"
घटना नाबालिग बच्चों से जुड़ी होने के कारण पुलिस ने लिखा कि, "घटना में सभी मासूम बच्चे होने से सोशल मीडिया पर पहचान उजागर न हो इसलिए वीडियो को वायरल न करने की हिदायत दी जाती है."
बिहार के औरंगाबाद में कार पार्किंग को लेकर हुईं हत्याएं सांप्रदायिक दावे से वायरल