बिहार के औरंगाबाद में कार पार्किंग को लेकर हुईं हत्याएं सांप्रदायिक दावे से वायरल
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल दावा भ्रामक है. हिंसा में एक हिन्दू सहित कुल चार व्यक्तियों की मौत हुई है. इसमें कोई साम्प्रदायिक एंगल नहीं है.
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें कुछ लोग सड़क पर गिरे हुए लोगों के साथ बुरी तरह मारपीट करते हुए नज़र आ रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि बिहार के औरंगाबाद में भीड़ ने चार मुस्लिमों की पीट-पीट कर हत्या कर दी और एक हिन्दू व्यक्ति मोहित शर्मा को छोड़ दिया है. सोशल मीडिया यूज़र्स दावे को सही मानते हुए कह रहे हैं कि भीड़ ने मुस्लिम नाम सुनकर ही हत्या की है.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक है. मारपीट वाहन पार्किंग को लेकर हुई थी जिसमें एक हिन्दू व्यक्ति की भी मौत हुई है. इसमें कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है.
कार पार्किंग को लेकर उपजे विवाद में कार में सवार एक युवक ने पिस्तौल से गोली चला दी जिसमें स्थानीय हिंदू बुजुर्ग की मौत हो गई. इसके बाद गुस्साई भीड़ ने कार में सवार कुल 5 में से 3 युवकों को पीट-पीटकर मौत के घाट उतर दिया. तीनों मुस्लिम युवक थे. वहीं कार में सवार बचे हुए एक हिंदू और एक मुस्लिम युवक घायल हो गये जिनका इलाज चल रहा है.
फ़ेसबुक पर एक यूज़र ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "बिहार के औरंगाबाद में मॉब लिंचिग का एक नया मामला सामने आया है। जहां पर भीड़ ने चार मुसलमानो को लाठी और डंडों से पी"ट पी"ट कर ह"त्या कर दी और एक हिंदी नाम मोहित शर्मा पूछ कर छोड़ दिया। यहां एक बात तो पक्की हो गई की भीड़ ने मुसलमान नाम सुन कर ही ह"त्या की... #Aurangabad #बिहार मुसलमान खामोशी से अपने मौत का इंतजार कर रहा है चुप रहिए नंबर आप का भी आएगा."
इसी दावे से वीडियो को अनेक यूज़र्स ने शेयर किया है. यहां, यहां और यहां देखें.
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर भी कई यूज़र्स ने इस वीडियो के दृश्यों को सांप्रदायिक एंगल से शेयर किया है. पत्रकार कविश अज़ीज़ ने इस घटना के तीन अलग-अलग वीडियो पोस्ट किये हैं जिन्हें यहां देखा जा सकता है.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने सबसे पहले वायरल दावे से सम्बंधित कीवर्ड्स से सर्च किया तो इस मामले को लेकर कई मीडिया रिपोर्ट्स सामने आयीं. 17 जनवरी 2024 की बीबीसी हिंदी की इस मामले पर विस्तृत रिपोर्ट के अनुसार, बिहार के औरंगाबाद में नवीनगर थाने के तेतरिया चौक पर सोमवार को पार्किंग से शुरू हुए विवाद में तीन युवकों की हत्या कर दी गई थी जबकि दो घायल हुए हैं. एक बुज़ुर्ग की भी गोली लगने से मौत हो गई थी.
आगे घटना का कारण औरंगाबाद सदर के एसडीपीओ अमानुल्लाह ख़ान के हवाले से बताते हुए रिपोर्ट में लिखा है कि यह विवाद उस वक़्त शुरू हुआ जब पलामू से कार पर आ रहे पाँच युवकों ने अपनी कार एक दुकान के सामने खड़ी कर दी. कार खड़ी होने से इस पतली सड़क पर जाम लगने लगा. इसी कारण स्थानीय दुकानदारों और लोगों ने उन्हें गाड़ी हटाने को कहा. इस बात पर दोनों पक्षों के बीच तेज़ बहस होने लगी.
स्थानीय पुलिस के हवाले से रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि इसी बीच एक युवक ने कार से देसी पिस्टल निकालकर गोली चला दी. यह गोली पास में मौजूद एक बुज़ुर्ग रामशरण चौहान को लग गई. इससे उनकी मौत हो गई. इसके बाद गुस्साए ग्रामीणों ने सबसे पहले गोली चलाने वाले युवक की पिटाई शुरू कर दी, भीड़ की मारपीट में जब उसकी मौत हो गई तो लोगों ने उसके शव को पास के नहर में फेंक दिया. इधर स्थानीय लोगों की भीड़ ने कार में सवार अन्य युवकों की भी पिटाई शुरू कर दी. जिसमें दो युवकों की मौत हो गयी.
अमर उजाला की 15 जनवरी 2024 की और एबीपी लाइव की 17 जनवरी 2024 की रिपोर्ट में भी इस घटना का कारण पार्किंग विवाद को लेकर बताया गया. जिसमें एक बुजुर्ग रामशरण चौहान सहित सहित तीन अन्य युवकों की हत्या हो गई. अमर उजाला की रिपोर्ट में तीन मृतक युवकों के नाम अरमान, चमन मंसूरी, मोजाहिद बताए गए हैं, वहीं एक 60 वर्षीय मृतक का नाम रामशरण चौहान बताया गया है. एक अन्य युवक मो. वकील की हालत गंभीर बताई गई है.
एबीपी लाइव की रिपोर्ट में पुलिस कार्यवाही को लेकर बताया गया है कि पुलिस ने तकनीकी साक्ष्य के आधार पर घटना में शामिल छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है एवं अन्य अभियुक्तों की पहचान कर गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है. गिरफ्तार आरोपितों की पहचान आलोक चौहान, सुजीत चौहान, मुकेश चौहान, सूरजलाल चौहान, दशरथ चौहान और दिनेश राम के रूप में की गई है.
उपरोक्त किसी भी रिपोर्ट में इस घटना में किसी भी तरह का सांप्रदायिक एंगल का जिक्र नहीं है. इंडिया टीवी की रिपोर्ट में मौजूद घटना का एक वीडियो, वायरल वीडियो के समान है.
इसके बाद बूम ने स्थानीय पुलिस स्टेशन नवीनगर थाने से संपर्क किया. वहां के एसएचओ (SHO) मनोज कुमार पांडेय ने घटना में किसी भी तरह का सांप्रदायिक एंगल होने के दावे को खारिज करते हुए बताया कि "तेतरिया चौक पर एक कार को गलत साइड पर खड़ा करने को लेकर विवाद हुआ जिसमें कुल चार व्यक्तियों की मौत हो गयी और दो व्यक्तियों का इलाज चल रहा है. मृतकों में तीन कार सवार हैं और एक स्थानीय बुजुर्ग हैं. कार सवार मृतक मुस्लिम और स्थानीय बुजुर्ग हिन्दू समुदाय से थे."
आगे और विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा, "कार में कुल पांच युवक सवार थे जिनमें चार मुस्लिम और एक हिन्दू था. गलत साइड कार खड़ी करने पर एक स्थानीय मछली विक्रेता से विवाद होने लगा. इस बीच कार में सवार एक युवक ने पिस्तौल से गोली चला दी जो मौके पर मौजूद एक स्थानीय बुजुर्ग को लगी, जिससे उनकी मृत्यु हो गयी. इससे गुस्साए लोगों ने कार में सवार युवकों की पिटाई शुरू कर दी जिसमें पुलिस पहुंचने से पहले तीन मुस्लिम युवकों की मौत हो गयी. वहीं एक मुस्लिम और एक हिंन्दु युवक का अस्पताल में इलाज जारी है. इस मामले में आरोपियों की गिरफ़्तारी भी हो चुकी है."
उपरोक्त पड़ताल से स्पष्ट होता है कि वायरल दावा भ्रामक है. घटना में किसी भी तरह का कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है.
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