मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने और उनके साथ दरिंदगी करने के मामले से जोड़कर एक तस्वीर वायरल हो रही है. तस्वीर में मौजूद दो लोग राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ड्रेस पहने नज़र आ रहे हैं. तस्वीर को शेयर करते हुए यह दावा किया जा रहा है कि “ये दोनों लोग मणिपुर में हुई निंदनीय घटना के आरोपी हैं”.
हालांकि, बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल दावा पूरी तरह से फ़र्ज़ी है. तस्वीर में दिख रहे शख्स मणिपुर भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष चिदानंद सिंह एवं उनके बेटे सचिनंद हैं.
बीते तीन महीने से मणिपुर हाईकोर्ट के उस आदेश के बाद से राज्य में तनावपूर्ण हालात बने हुए हैं, जिसमें सरकार को गैर जनजाति मैतेई समुदाय को जनजाति में शामिल करने का आदेश दिया गया है. इस आदेश का राज्य के नगा और कूकी जनजाति विरोध कर रहे हैं. कई जगहों पर यह विरोध हिंसा में भी बदल गया. इस हिंसा में अब तक क़रीब 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और हज़ारों लोग विस्थापित हुए हैं.
हाल ही में मणिपुर से एक दिल दहला देने वाला वीडियो सामने आया था जिसमें सैकड़ों लोगों की भीड़ दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाती और उनके साथ दरिंदगी करती हुई दिखी थी. वीडियो सामने आने के बाद दुनियाभर में इसकी निंदा की गई और पीएम मोदी को भी इसपर बयान देना पड़ा. पुलिस इस मामले में अबतक 6 आरोपियों को गिरफ़्तार कर चुकी है.
पूर्व राज्यसभा सांसद सुभाषिनी अली ने भी वायरल तस्वीर को अंग्रेज़ी और हिंदी में लिखे कैप्शन के साथ शेयर किया है. कैप्शन में उन्होंने लिखा है, “ये मणिपुर के आरोपी हैं और इन्हें कपड़ों से पहचाना से जा सकता है”.
हालांकि बाद में उन्होंने इस ट्वीट को ग़लत बताते हुए माफ़ी मांग ली.
इसके अलावा यह तस्वीर फ़ेसबुक पर भी इन्हीं दावों के साथ शेयर की गई हैं.
वायरल तस्वीर से जुड़े अन्य पोस्ट्स आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल तस्वीर और उसके साथ किए जा रहे दावे की पड़ताल के लिए संबंधित कीवर्ड से ट्विटर सर्च किया तो हमें 23 जुलाई 2023 को किया गया एक ट्वीट मिला. इस ट्वीट में बताया गया था कि तस्वीर में दिख रहे दोनों व्यक्ति मणिपुर के भाजपा नेता चिदानंद सिंह और उनके 14 वर्षीय बेटे हैं. ट्वीट में चिदानंद सिंह का ट्विटर अकाउंट भी मौजूद था.
इसलिए हमने चिदानंद सिंह के ट्विटर अकाउंट को खंगाला तो पाया कि उन्होंने भी एक ट्वीट के रिप्लाई में लिखा था कि यह फ़ोटो मेरे और मेरे बेटे की है.
इसके अलावा उन्होंने एक ट्वीट में मणिपुर पुलिस को लिखा एक पत्र भी शेयर किया, जिसमें उन्होंने इस मामले में शिकायत दर्ज कर कार्रवाई करने की मांग की थी. साथ ही उन्होंने इस मामले में दर्ज हुई एफ़आईआर भी शेयर की थी.
मणिपुर पुलिस को लिखे पत्र में चिदानंद सिंह ने लिखा था कि “कुछ सोशल मीडिया अकाउंट्स मेरे फ़ेसबुक पेज पर मौजूद बेटे के साथ वाली मेरी तस्वीर को डाउनलोड कर इस दावे से शेयर कर रहे हैं कि 4 मई को हुई निंदनीय घटना में ये दोनों शामिल हैं. जबकि इस घटना से मेरे या मेरे परिवारवालों का कोई संबंध नहीं है. इसलिए इस मामले में उचित कार्रवाई की जाए”.
जांच में हमें चिदानंद सिंह के फ़ेसबुक अकाउंट से 17 अक्टूबर 2022 को किया गया वह पोस्ट भी मिला, जिसमें वायरल तस्वीर मौजूद थी. वायरल तस्वीर के साथ मौजूद कैप्शन के अनुसार, यह तस्वीर 16 अक्टूबर को इम्फाल में आरएसएस द्वारा आयोजित किए गए पथ संचलन के दौरान की है.
इसके बाद हमने चिदानंद सिंह से भी संपर्क किया तो उन्होंने वायरल दावों का खंडन करते हुए कहा कि “यह तस्वीर मेरी और मेरे बेटे की है. यह तस्वीर पिछले साल 16 अक्टूबर को विजयादशमी के उपलक्ष्य में आरएसएस द्वारा इम्फाल में आयोजित किए गए पथ संचलन कार्यक्रम के दौरान की है”. इस दौरान उन्होंने हमें मणिपुर पुलिस को लिखा वह पत्र और एफ़आईआर कॉपी भी भेजी, जो ऊपर मौजूद है.
इस दौरान हमें मणिपुर पुलिस के ट्विटर अकाउंट से 23 जुलाई को इस संबंध में किया गया ट्विटर थ्रेड भी मिला. ट्विटर थ्रेड में लिखा गया था कि “साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन को एक राजनीतिक दल के कार्यकर्ता की शिकायत प्राप्त हुई है कि कुछ लोग उनकी और उनके बेटे की तस्वीर को दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने के मामले से संबंधित होने के दावे से शेयर कर रहे हैं. इस मामले में शिकायत दर्ज कर ली गई है और आरोपियों की पहचान कर उन्हें गिरफ़्तार करने का प्रयास किया जा रहा है”.
जांच में हमने कई न्यूज़ रिपोर्ट्स भी खंगाली, लेकिन हमें ऐसी कोई न्यूज़ रिपोर्ट्स नहीं मिली जिसमें चिदानंद सिंह और उनके बेटे का वायरल वीडियो के मामले में शामिल होने का जिक्र हो.
इसके अलावा जांच में हमने मणिपुर पुलिस से भी संपर्क किया, तो उन्होंने हमें बताया कि “अभी तक दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने के मामले में 6 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. गिरफ़्तार किए गए सभी आरोपी अभी पुलिस हिरासत में हैं और अभी तक की जांच के अनुसार ये सब किसी ख़ास राजनीतिक दल या संगठन से नहीं जुड़े हैं”.
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