सोशल मीडिया पर न्यूज चैनल आजतक का एक वीडियो वायरल है जिसमें एक उर्दू अखबार के हवाले से दावा किया गया है कि महाराष्ट्र में मुस्लिम उलेमा ने मुसलामानों का वोट पाने के लिए महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी गठबंधन के सामने पांच सूत्री मांग रखी है जिसे उद्धव ठाकरे और शरद पवार ने मान लिया है.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि न्यूज चैनल आजतक के दावे से वायरल वीडियो फेक है. मुस्लिम उलेमा ने महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी गठबंधन से कोई मांग नहीं की है.
वायरल वीडियो की शुरुआत में सुना जा सकता है, 'आज महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ा मोड़ आता हुआ दिखाई दे रहा है. एक उर्दू अखबार में छपी रिपोर्ट के अनुसार मुस्लिम उलेमा, यानी इस्लामिक विद्वानों की एक महत्वपूर्ण संगठन, जो शरियत कानून पर विशेषज्ञता रखता है, ने महाविकास अघाड़ी गठबंधन नेताओं के सामने पांच अहम शर्ते रखी हैं.'
इसमें दावा किया गया है कि मुस्लिम उलेमा की पांच सूत्री मांग में शामिल है- किसी मुस्लिम नेता को उपमुख्यमंत्री बनाया जाए, नवगठित मंत्रिमंडल में 25% मंत्री मुस्लिम होने चाहिए, महाविकास अघाड़ी वक्फ बोर्ड के खिलाफ भाजपा सरकार की कथित साजिश पर स्पष्ट रुख अपनाए, सरकार को महाराष्ट्र में उर्दू स्कूलों और मदसरों को विशेष वित्तीय सहायता प्रदान करनी चाहिए और मुस्लिम समुदाय को आरक्षण दिया जाना चाहिए.
गौरतलब है कि निर्वाचन आयोग ने बीते 22 अक्टूबर को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तारीख का ऐलान कर दिया था. महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग 20 नवंबर को होगी जबकि चुनाव परिणाम 23 नवंबर को आएंगे.
सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर वायरल वीडियो को शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, 'सुन लो मुसलमानों की शर्तें जो महा विकास अघाड़ी, उद्धव ठाकरे और शरद पवार मान चुके हैं, जिस बात की हिंदुओं को भनक तक नहीं पड़ने दी. अगर ये जीत गए तो हिंदू द्वितीय दर्जे के नागरिक हो जाएंगे. यह बात जानकर भी क्या किसी एक भी हिंदू को इन्हें वोट देना चाहिए? जागो हिंदू जागो और जगाओ.' (पोस्ट का आर्काइव लिंक)
सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक पर भी यह वीडियो इसी दावे के साथ वायरल है. (पोस्ट का आर्काइव लिंक)
फैक्ट चेक: वायरल वीडियो फेक है
बूम ने वायरल दावे की पड़ताल के लिए जब इससे जुड़े कीवर्ड को गूगल पर सर्च किया तो हमें महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी गठबंधन द्वारा मुस्लिम उलेमा की पांच सूत्री मांग मानने से जुड़ी कोई विश्वसनीय मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली.
इसके बाद जब हमने वायरल वीडियो को गौर से देखा तो हमें वीडियो के टिकर पर लिखा मिला, 'पीएम मोदी बीएचयू में 430 बेड और 74 बेड के दो अस्पतालों का उद्घाटन करेंगे, वाराणसी-उज्जैन-ओंकारेश्वर के बीच चलने वाली महाकाल एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाएंगे पीएम, 63 फीट ऊंची पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा का अनावरण करेंगे प्रधानमंत्री मोदी.'
इससे बाद हमने इससे जुड़े कीवर्ड को गूगल पर सर्च किया तो हमें न्यूज वेबसाइट TV9 Bharatvarsh की इससे जुड़ी 16 फरवरी 2020 की एक रिपोर्ट मिली.
इस रिपोर्ट के मुताबिक, 16 फरवरी 2020 को प्रधानमंत्री मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दौरे पर थे. इस दौरान उन्होंने 30 से ज्यादा प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया था.
इसके अलावा न्यूज वेबसाइट DainikBhaskar, DainikJagran, AmarUjala ने भी इस वाकये पर खबरें प्रकाशित की थीं. इससे पता चलता है कि वायरल वीडियो को 2020 के आजतक के बुलेटिन का उपयोग करके बनाया गया है, क्योंकि टिकर में खबर उसी समय की है, हाल की नहीं.
साथ ही वायरल वीडियो में इस्तेमाल की गई उद्धव ठाकरे की क्लिप भी साल 2019 की है जब उद्धव ठाकरे सरकार बनाने से पहले महाराष्ट्र के तत्कालीन गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी से मिलने राजभवन पहुंचे थे.
बूम ने पड़ताल के लिए जमीयत उलेमा-ए-हिंद के मीडिया कॉर्डिनेटर अजीमुल्लाह से भी बात की. उन्होंने बूम से कहा, "हमारी ओर से महाराष्ट्र चुनाव में किसी भी गठबंधन से कोई मांग नहीं की गई है. आजतक का वायरल वीडियो फेक है. हम इस दावे का पूरी तरह से खंडन करते हैं."
साथ ही जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महाराष्ट्र के अध्यक्ष मौलाना हाफिज नदीम सिद्दीकी ने भी बूम से इस दावे का खंडन किया. उन्होंने कहा, "महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में हमने कोई मांग नहीं की है. हम चुनाव से दूर है. वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत है."