'...आखिर ये एंटी रोमियो स्क्वाड किस लिए बनाई गई है?? अपनी बहन बेटी को समझायें, हिंदुओ भारत सरकार और सभी राज्यों के सरकार को कुछ सिखना चाहिए लव जिहाद के सम्बन्ध मे...' एक लम्बे से दावे की दो लाइनें.
इसके साथ वायरल तस्वीर में आप एक पुलिस वाले को एक नवयुवक से कुछ कहते देख सकते हैं. तस्वीर के साथ दिए लम्बे कैप्शन में ये दावा भी किया गया है कि यह नोएडा के बुद्ध पार्क की घटना है जहाँ योगी आदित्यनाथ की एंटी-रोमियो स्क्वाड (Anti-Romeo Squad) ने लव जिहाद (Love Jihad) के एक मामले का पर्दाफाश किया है. यह दावा गलत है.
बूम ने पाया कि यह तस्वीर चार साल पुरानी है. इसे लखनऊ (Lucknow) में एक कॉलेज के सामने 23 मार्च 2017 को खिंचा गया था. इसका नोएडा से कोई सम्बन्ध नहीं है. तस्वीर एंटी-रोमियो स्क्वाड के बनने के दूसरे दिन की है.
वायरल हो रही इस तस्वीर के साथ एक लम्बा कैप्शन है जिसमें इस मामले को 'लव जिहाद' का मसला बताया गया है.
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एक फ़ेसबुक यूज़र ने लिखा है: "कुछ दायित्व आपके भी हैं. नोएडा में ओखला के पास एक पार्क है। नाम है बुद्ध पार्क...कल वहाँ एक लड़का और एक लड़की को पकड़ लिया योगी जी की एंटी रोमियो squad ने। लड़के से नाम पूछा तो बताया ललित और लड़की ने बताया वंदना। दोनों बोले मर्जी से बैठे है...पुलिसवाले कहाँ मानने वाले थे। बोले अपना आई डी दिखाओ. लड़की ने झट कालेज का ID निकालकर दिखा दिया। लड़का ना नुकर करने लगा तो दरोगा जी ने कान पकड़ लिए। फिर आख़िरकार पर्स में से DL निकाला। नाम था रेहान। लड़की के पैरों तले जमीन खिसक गई। वंदना तो ललित के गले में हनुमान जी का लाकेट के अलावा कुछ देख ही नही पाई थी...कुछ समझे..?? आखिर ये एंटी रोमियो स्क्वाड किस लिए बनाई गई है?? अपनी बहन बेटी को समझायें, हिंदुओ भारत सरकार और सभी राज्यों के सरकार को कुछ सिखना चाहिए लव जिहाद के सम्बन्ध मे..."
नीचे कुछ पोस्ट्स देखें और इनके आर्काइव्ड वर्शन यहां और यहां देखें.
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फ़ैक्ट चेक
बूम ने तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च कर देखा तो हमें टाइम्स ऑफ़ इंडिया और द क्विंट की रिपोर्ट्स मिली. यह रिपोर्ट्स मार्च 2017 में प्रकाशित की गयी थीं.
टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक़ तस्वीर लखनऊ में स्थित नेशनल पी.जी कॉलेज के सामने की है. रिपोर्ट में कहीं भी 'लव जिहाद' का उल्लेख नहीं आता है बल्क़ि यह एंटी-रोमियो स्क्वाड द्वारा लड़के को फटकारा गया है.
योगी आदित्यनाथ सरकार ने लड़कियों कि सुरक्षा को देखते हुए एंटी-रोमियो स्क्वाड का गठन किया था. एंटी-रोमियो स्क्वाड 22 मार्च 2017 को बना था.
द क्विंट की रिपोर्ट में भी यही तस्वीर प्रकाशित है. इस रिपोर्ट में 'मोरल पुलिसिंग' को लेकर बच्चों में वैचारिक विभाजन का उल्लेख है. हालांकि इस तस्वीर का 'लव जिहाद' से सम्बन्ध द क्विंट की रिपोर्ट में भी देखने को नहीं मिलता है.
यही तस्वीर आउटलुक की एक फ़ोटो गैलेरी में भी प्रकाशित हुई है.