सोशल मीडिया पर हरियाणा विधानसभा चुनाव के बीच एक बाइक रैली का वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो में रैली में शामिल लोगों के हाथों में इस्लामिक झंडे नजर आ रहे हैं. इसके साथ दावा किया जा रहा है कि यह हरियाणा के मेवात में कांग्रेस की रैली का वीडियो है.
बूम ने पाया कि वायरल दावा गलत है. यह महाराष्ट्र के लातूर में मिलाद-उन-नबी के मौके पर निकाली गई रैली का वीडियो है. इसका हरियाणा विधानसभा चुनाव से कोई ताल्लुक नहीं है.
गौरतलब है कि हरियाणा में 90 सीटों के लिए 5 अक्टूबर को मतदान होना है और इसके नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे.
एक्स पर दक्षिणपंथी यूजर जितेंद्र प्रताप सिंह ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, 'यह जुलूस किसी इस्लामिक देश का नहीं है बल्कि हरियाणा के मुस्लिम एरिया मेवात में कांग्रेस का चुनाव प्रचार जुलूस है. इस जुलूस में आपको सऊदी अरब का कलमा लिखा झंडा दिखेगा, फिलिस्तीन का झंडा दिखेगा, खलीफा का इस्लामी झंडा दिखेगा, लेकिन कांग्रेस पार्टी की जुलूस में आपको हिंदू धर्म, सिख धर्म या जैन धर्म या पारसी धर्म का कोई झंडा नहीं दिखेगा.'
पोस्ट का आर्काइव लिंक.
फेसबुक पर भी यह वीडियो हरियाणा की कांग्रेस रैली के दावे से ही वायरल है.
पोस्ट का आर्काइव लिंक.
इसके अलावा, यह वीडियो बूम के टिपलाइन नंबर पर भी प्राप्त हुआ.
फैक्ट चेक: वायरल वीडियो लातूर का है
वीडियो को गौर से देखने पर हमें ऐसे कई संकेत मिले जिससे पता चलता है कि वायरल वीडियो महाराष्ट्र का है. सबसे पहले हमने पाया कि पुलिस वैन पर महाराष्ट्र पुलिस का लोगो का है. आगे हमने पाया कि पास के दुकान के बोर्ड पर 'लातूर...' लिखा हुआ है. इसके अलावा वीडियो में दिख रही एक एम्बुलेंस पर 'एस. एम. सना मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल' और एक फोन नंबर मेंशन था, पड़ताल करने पर हमने पाया कि यह अस्पताल महाराष्ट्र के लातूर में स्थित है. इससे हमें अंदेशा हुआ कि वायरल दावा गलत है.
आगे वीडियो के कीफ्रेम को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें कुछ यूजर्स द्वारा अपलोड किया गया यही वीडियो मिला, जिसमें इसे लातूर में मिलाद-उन-नबी के मौके पर निकाले गए जुलूस का बताया गया था.
यहां से संकेत लेकर हमने यूट्यूब पर इससे संबंधित कुछ कीवर्ड्स सर्च किए. इस दौरान हमें 'लातूर न्यूज ऑफिशियल' और 'भारतसत्ता' नाम के स्थानीय न्यूज चैनल पर इस रैली के अन्य वीडियो मिले.
नीचे हमने लातूर न्यूज के वीडियो और वायरल वीडियो के विजुअल्स की तुलना की है.
मिलाद-उन-नबी के मौके पर निकाली गई थी यह रैली
पुष्टि के लिए हमने 'भारतसत्ता' के संपादक हामिद शेख से भी संपर्क किया. उन्होंने बूम से बातचीत में बताया कि यह वीडियो लातूर का ही है. मिलाद-उन-नबी के मौके पर 19 सितंबर को लातूर शहर में यह रैली निकाली गई थी. यह रैली शहर के सूफिया मस्जिद से निकाली जाती है, जो गंज गोलाई, गांधी चौक और शिवाजी महाराज चौक जैसे शहर के सभी प्रमुख स्थानों से होकर गुजरती है.
हामिद ने वीडियो की लोकेशन के बारे में बताते हुए कहा कि यह गांधी चौक का इलाका है. इसमें बगल में दिख रहा बोर्ड 'लातूर अतिदक्षता हॉस्पिटल' का है और वीडियो में पीछे बीएसएनएल ऑफिस का टॉवर है. उन्होंने यह भी बताया कि लोगों ने जो झंडे ले रखें हैं, वह इस्लामिक झंडे हैं.
उन्होंने बूम को इस लोकेशन की कुछ तस्वीरें भी उपलब्ध कराईं. लोकेशन का स्ट्रीट व्यू नीचे देखा जा सकता है.
हामिद के मुताबिक, हर साल लातूर शहर में मिलाद-उन-नबी के मौके पर ऐसी रैली निकाली जाती है. गणपति विसर्जन से डेट क्लैश होने के चलते यह रैली विसर्जन के दो दिन बाद 19 सितंबर को आयोजित की गई थी.
नीचे मूल लोकेशन और वायरल वीडियो में तुलना देखी जा सकती है.
बूम से लातूर सिटी पुलिस ने भी इसकी पुष्टि की कि यह मिलाद-उन-नबी का वीडियो है. आपको बताते चलें पिछले महीने 16 सितंबर को मिलाद-उन-नबी (ईद-ए-मिलाद) का त्यौहार था, जो मुस्लिम समुदाय के प्रमुख त्योहारों में से एक है. ऐसी मान्यता है कि इस महीने इस्लाम के आखिरी पैगंबर हजरत मोहम्मद का जन्म हुआ था. मुस्लिम समुदाय, पैगंबर मोहम्मद के जन्म के इस अवसर पर प्रार्थना करते हैं और जगह-जगह जुलूस भी निकालते हैं.