सोशल मीडिया पर एक तस्वीर इस दावे के साथ वायरल है कि ये इटली की मशहूर गायिका जूलिया मार्किन (Italian Singer Julia Markin) को साल 1955 में शहर के एक चौक पर खड़े होकर लोगों को अपनी ब्रा बेचते दिखाती है.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल तस्वीर के साथ किया गया दावा फ़र्ज़ी है. तस्वीर में अभिनेत्री केटी होम्स को हार्पर्स बाज़ार मैगज़ीन के फीचर के लिए पोज़ देते हुए दिखाया गया है.
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वायरल तस्वीर के साथ कैप्शन दिया गया है, "इटली की मशहूर गायिका (जूलिया मार्किन) ने 1955 में शहर के एक चौक पर खड़ी होकर अपने सीने से ब्रेजर निकालकर लोगों से कहा, " कितना दोगे ..लोगों ने 3000 डॉलर तक बोली लगाई __!"
"आखिर में वो मुस्कुराकर बोली कितने बेवकूफ हो तुम लोग जो अपनी यौन इच्छाओं के लिए मामूली कपड़ों पर इतना पैसा खर्च कर देते हो...लेकिन गरीब लोगों का पेट नहीं भर सकते,,,मुझे आपकी मानवता के लिए बहुत शर्मिंदा और खेद है."
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फ़ैक्ट चेक
बूम ने पाया कि वायरल तस्वीर के साथ किया गया दावा फ़र्ज़ी है. तस्वीर में इटली की मशहूर गायिका जूलिया मार्किन नहीं बल्कि अभिनेत्री केटी होम्स हैं, जो हार्पर्स बाज़ार मैगज़ीन के फीचर के लिए पोज़ दे रही हैं.
हमने वायरल तस्वीर पर रिवर्स इमेज सर्च चलाया तो हमें यह तस्वीर अमेरिकी फैशन मैगज़ीन हार्पर्स बाज़ार में प्रकाशित 20 नवंबर 2018 के एक आर्टिकल में मिली.
आर्टिकल में लिखा है, "यहां केटी होम्स द्वारा हालिया प्रतिरोध और महिला मुक्ति आंदोलन में इसकी शुरुआत का जो पुनर्मंचन किया गया है, रोक्सान गे उसी के बारे में बात कर रही हैं"
तस्वीर के कैप्शन में लिखा है, केटी होम्स ने प्रदर्शनकारी की बहादुरी को श्रद्धांजलि दी', और तस्वीर का श्रेय फ़ोटोग्राफर ज़ोई ग्रॉसमैन को दिया गया है.
इससे हिंट लेते हुए हमने फ़ोटोग्राफर ज़ोई ग्रॉसमैन के इंस्टाग्राम अकाउंट पर पहुंचे. हमें उनकी खींची गई तस्वीरों के बीच 20 दिसंबर 2018 को अपलोड की गई वही तस्वीर मिली, जो उन्होंने हार्पर्स बाज़ार मैगज़ीन के लिए खींची थी.
ज़ोई ग्रॉसमैन ने तस्वीर के साथ कैप्शन में लिखा था, "हार्पर्स बाज़ार के साथ मेरी स्टोरी की एक और तस्वीर इतिहास के प्रतिष्ठित क्षणों को दर्शाती है. 1969 में महिलाओं के अधिकारों के लिए एक प्रदर्शनकारी को श्रद्धांजलि देने के लिए मुझे इस तस्वीर पर प्रतिभाशाली और अद्भुत केटी होम्स के साथ काम करने का मौक़ा मिला."
हमने वायरल तस्वीर और हार्पर्स बाज़ार मैगज़ीन के 20 नवंबर 2018 के आर्टिकल में प्रकाशित तस्वीर के बीच तुलनात्मक विश्लेषण करने पर पाते हैं कि दोनों तस्वीरें एकसमान हैं.
हार्पर्स बाज़ार के इस आर्टिकल में पिछली शताब्दी में एक्टिविज़्म के तीन क्षणों पर दोबारा गौर किया गया और तीन प्रमुख विचारकों से चर्चा करने के लिए कहा गया कि हम कितनी दूर आ गए हैं और हमें अभी भी कितनी दूर जाना है.
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