'मथुरा में कृष्ण भक्तों की भीड़' के दावे से वायरल वीडियो का सच क्या है
बूम ने पाया कि वायरल वीडियो अक्टूबर में छत्तीसगढ़ के कोरबा में हुई विश्व हिंदू परिषद की एक रैली का है.
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है जिसे शेयर कर दावा किया जा रहा है कि ये उत्तर प्रदेश के मथुरा का है. वीडियो में लोगों की भीड़ भगवा झंडों के साथ पुलिस से धक्कामुक्की करके सड़क में लगी टीन और बैरिकेडिंग हटाकर दौड़ती हुई नज़र आ रही है. कहा जा रहा है कि ये वीडियो मथुरा में हिन्दुत्ववादी समूहों द्वारा हाल ही में प्रायोजित एक रैली का है.
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India today की ख़बर के मुताबिक़ 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी पर कुछ हिंदुत्ववादी संगठनों की तरफ़ से मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद में श्रीकृष्ण की मूर्ति रखने का ऐलान किया गया था. ख़बर के मुताबिक़ सरकार ने सख़्ती से पूरे इलाक़े में धारा 144 लगाई थी और सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए थे. वायरल वीडियो इसी संदर्भ से जोड़कर शेयर किया जा रहा है.
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वीडियो को फ़ेसबुक पर शेयर करते हुए एक यूज़र ने कैप्शन लिखा, "अयोध्या तो एक झाकी है मथुरा काशी बाकि है.आज मथुरा में श्री कृष्ण भक्तों ने अपनी एकता दिखाते हुये बेरीकेटिंग तोड़ दी और श्री क्रष्ण जन्मभुमी पर बनी मस्जिद को हटाने के लिये पहुच गये पुलिस प्रशासन ने भी इस नेक कार्य मे समर्थन किया योगी जी ने वादा किया है कारसेवको पर गोलिया नही सिर्फ फुलो की वर्षा होगी जय श्री कृष्णा हर हर महादेव"
ट्विटर पर भी ये वीडियो इसी दावे के साथ वायरल है.
फ़ैक्ट-चेक
बूम ने वायरल वीडियो को ध्यान से देखा और उसमें संबंधित जगह के बारे में सुराग खोजने की कोशिश की लेकिन वीडियो में कोई भी ऐसा चिन्ह या बोर्ड नहीं दिख रहा था जिससे जगह का पता चल सके.
हमें वायरल वीडियो के संबंध में मथुरा पुलिस का एक ट्वीट मिला जिसमे एक यूज़र की पोस्ट पर जवाब देते हुए मथुरा पुलिस ने ट्वीट कर लिखा, "इस वीडियो का सम्बन्ध जनपद मथुरा से नहीं है, जिस व्यक्ति द्वारा इस भ्रामक वीडियो को पोस्ट किया गया है उसके विरूद्ध मुकदमा पंजीकृत किया गया है. वैधानिक कार्यवाही की जा रही है । कृपया अफवाह न फेलायें. शांति व्यवस्था बनाये रखने में सहयोग करें."
बूम ने वायरल वीडियो और इसके साथ किये जा रहे दावे के बारे में मथुरा पुलिस से बात की. मथुरा पुलिस के सिक्योरिटी लाइन के एडिशनल एसपी (Addl SP) आनन्द कुमार ने बूम को बताया कि वायरल वीडियो मथुरा का नहीं है. उन्होंने कहा कि 6 दिसंबर को मथुरा में सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम थे और इस तरह की कोई भी घटना मथुरा में नहीं हुई है.
आनन्द कुमार ने कहा कि वायरल वीडियो छत्तीसगढ़ की है जिसमें पुलिसकर्मी गर्मी के कपड़े पहने दिख रहे हैं और उनकी वर्दी छत्तीसगढ़ पुलिस की है.
इसके बाद बूम ने मथुरा पुलिस के स्टेटमेंट पर आधारित करके कुछ कीवर्ड्स गूगल सर्च किये तो ETV भारत की एक रिपोर्ट मिली.
इस रिपोर्ट में जो वीडियो प्रयोग किया गया है उसके कई हिस्से वायरल वीडियो से एकदम मिलते जुलते हैं. ETV भारत की ख़बर के मुताबिक़ ये घटना अक्टूबर में छत्तीसगढ़ के कवर्धा में हुई साम्प्रदायिक हिंसा के बाद 12 अक्टूबर को कोरबा में विश्व हिंदू परिषद द्वारा आयोजित एक रैली की है.
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बूम ने वायरल वीडियो और ETV भारत की वीडियो स्टोरी के कुछ हिस्सों की तुलना की है जिसमें HDFC बैंक का लोगो, सड़क में लगा पीले रंग का बिलबोर्ड और बैरिकेडिंग के पास बिल्डिंग में लगा पोस्टर बिल्कुल मिलते जुलते नज़र आ रहे हैं.