प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पत्नी जशोदाबेन की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल है. तस्वीर में वह पेपर लेकर खड़ी हैं, जिसमें लिखा दिखाई दे रहा है, 'सबसे पहली गांरटी उसने मुझे दी थी.'
बूम ने अपनी जांच में पाया कि जशोदाबेन की वायरल तस्वीर एडिटेड है. मूल तस्वीर नवंबर 2014 की है, जब उन्होंने अपनी सुरक्षा के संबंध में जानकारी हासिल करने के लिए मेहसाणा में एक आरटीआई आवेदन दायर किया था.
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव 2024 के लिए दो दिन बाद, 19 अप्रैल को पहले चरण का मतदान होना है.
फेसबुक पर एक यूजर ने तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, 'जशोदाबेन जी आज तक इंतजार कर रही हैं.'
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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स भी यह तस्वीर वायरल है.
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फैक्ट चेक
बूम ने वायरल तस्वीर की पड़ताल के लिए इसे गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें बीबीसी की 25 नवंबर 2014 को प्रकाशित न्यूज रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट में एएफपी को क्रेडिट देते हुए एक तस्वीर को शामिल किया गया था, जो वायरल तस्वीर से काफी मिलती जुलती है.
रिपोर्ट के अनुसार, जशोदाबेन ने गुजरात के मेहसाणा में पुलिस अधिकारियों को अपनी सुरक्षा के संबंध में एक आरटीआई आवेदन दायर किया था.
रिपोर्ट में जशोदाबेन के हवाले से लिखा गया, "मैं जानना चाहती हूं कि भारत के कानून और संविधान के किन प्रावधानों के तहत मुझे क्या सुरक्षा प्रदान की जा रही है? और प्रधानमंत्री की पत्नी के रूप में मुझे क्या अधिकार मिलते हैं."
इसके अलावा वायरल तस्वीर को ध्यान से देखने पर प्रतीत होता है कि पेपर पर लिखे दिखाई दे रहे शब्द अलग से एडिट कर लगाए हैं. हमने वायरल तस्वीर और बीबीसी के न्यूज आर्टिकल में शामिल एएफपी की तस्वीर की तुलना भी की. इससे स्पष्ट पता चलता है कि तस्वीर वायरल इसी से एडिट कर बनाई गई है.
घटना की इसी खबर के साथ एएफपी ने जशोदाबेन की गाड़ी में बैठे हुए की एक अलग तस्वीर भी शेयर की थी, जिसमें वह इसी ड्रेस में कुछ डॉक्यूमेंट लिए दिख रही हैं.
इसके अलावा एनडीटीवी की वीडियो रिपोर्ट में भी जशोदाबेन को उसी ड्रेस में अपनी सुरक्षा के संबंध में बाइट देते हुए देखा जा सकता है.
जशोदाबेन की मार्च 2024 में भी इसी घटना की एक दूसरी तस्वीर वायरल हुई थी तब बूम ने इसका भी फैक्ट चेक किया था.