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फैक्ट चेक

सीरिया के गोलान हाइट्स में हुए प्रदर्शन का वीडियो मणिपुर हिंसा से जोड़कर वायरल

बूम ने जांच में पाया कि यह वीडियो इसराइल के कब्जे वाले सीरिया के गोलान हाइट्स में हुए हालिया प्रदर्शन का है.

By -  Hazel Gandhi |

1 July 2023 6:16 PM IST

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ लोग एक खेत के बीच से दौड़ते दिखाई दे रहे हैं. इस दौरान वहां चल रही गोलियों की आवाज को भी सुना जा सकता है और साथ ही खेत के बीच से उठते धुएं को भी देखा जा सकता हैं.

इस वीडियो को उत्तर-पूर्वी राज्य मणिपुर में जारी हिंसा से जोड़कर शेयर करते हुए यह दावा किया जा रहा है कि “भाजपा समर्थक उग्रवादियों ने आदिवासी इलाक़ों पर बमबारी की. जिसकी वजह से आदिवासियों को जान बचाने के लिए जंगल की ओर भागना पड़ा”.

हालांकि बूम ने जांच में पाया कि यह वीडियो इसराइल के कब्जे वाले सीरिया के गोलान हाइट्स में विंड टरबाइन परियोजना के ख़िलाफ़ हुए हालिया प्रदर्शन का है.

बीते मई महीने से ही मणिपुर में बड़े पैमाने पर हिंसा भड़की हुई है. यह हिंसा मणिपुर हाईकोर्ट के उस आदेश के बाद से भड़की हुई है, जिसमें गैर जनजाति मैतेई समुदाय को जनजाति में शामिल करने का आदेश दिया गया था. राज्य के नगा और कूकी जनजातियों ने इस आदेश के विरोध में प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. बाद में यह प्रदर्शन कई स्थानों पर जातीय हिंसा में तब्दील हो गया. इस हिंसा में अब तक क़रीब 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी हैं. वहीं हजारों लोगों को विस्थापित होना पड़ा है.

करीब 28 सेकेंड के वायरल वीडियो को ट्विटर पर मणिपुर के दावे वाले कैप्शन के साथ शेयर किया जा रहा है. कैप्शन में लिखा हुआ है, “मणिपुर भाजपा समर्थक उग्रवादियो ने आदिवासी इलाको पर फिर की भारी बमबारी आदिवासी अपनी जान बचाने के लिए जंगलो की और भागे 60 दिनो से मणिपुर जल रहा है और मोदी चुनावी फायदे के लिए अपने बूथ को मजबूत करने मे लगा है”.



फ़ैक्ट चेक

बूम ने वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए उसके कीफ़्रेम की मदद से रिवर्स इमेज सर्च किया तो हमें aljarmaq.net की वेबसाइट पर 22 जून 2023 को प्रकाशित रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में मौजूद फ़ीचर इमेज में दिख रहे दृश्य वायरल वीडियो वाले ही थे.



अरबी भाषा में लिखे इस न्यूज़ रिपोर्ट में गोलान हाइट्स के किसान के बयान मौजूद थे, जिसमें उन्होंने बताया था कि इसराइली सेना की मौजूदगी के कारण किसानों को फ़ल तोड़ने नहीं दिया जा रहा है. साथ ही रिपोर्ट में किसान के हवाले से यह भी बताया गया था कि स्थानीय लोग वहां चल रही विंड टरबाइन परियोजना का विरोध कर रहे हैं.

रिपोर्ट में मौजूद सीरियाई किसान अबू सालेह के बयान के अनुसार, “कल गोलान में कई प्रदर्शनकारियों को चोटें लगी और कईयों की गिरफ्तारियां हुई. बाद में लोगों और पुलिस के बीच भूमि से हटने के बदले में प्रदर्शन ख़त्म करने का करार हुआ और साथ ही कई दिनों तक काम रोकने की भी बात हुई. लेकिन उन्होंने काम बंद नहीं किया”.

अभी तक मिली जानकारी के आधार पर हमने फ़िर से गूगल सर्च किया तो हमें दुबई से संचालित होने वाले न्यूज़ आउटलेट Nabd पर 21 जून 2023 को प्रकाशित रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में वायरल वीडियो भी मौजूद था. वीडियो के साथ मौजूद हेडिंग में भी इसे गोलान हाइट्स का ही बताया गया था.



इसके अलावा तुर्की के न्यूज़ आउटलेट ओरिएंट टीवी ने भी इस वीडियो को 21 जून 2023 को प्रकाशित किया था.

Full View

जांच में हमने इस मामले से जुड़ी अन्य न्यूज़ रिपोर्ट खंगाली. समाचार एजेंसी एपी की वेबसाइट के अनुसार, इस इलाक़े में रहने वाले अल्पसंख्यक ड्रुज समुदाय का मानना है कि विंड टरबाइन परियोजना से उनके खेतों और घरों को नुकसान पहुंच सकता है. इसलिए वे लोग इस परियोजना का विरोध कर रहे हैं. बीते 19 जून को हजारों लोगों ने पुलिस स्टेशनों और पुलिस कारों में तोड़फोड़ करके इसके खिलाफ प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी और टायर जलाकर भी प्रदर्शन किया.

इसराइली पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई में आंसू गैस और पानी की बौछारें कीं. इस झड़प में कई लोग घायल हुए. झड़प के बाद पहले तो इसराइली पुलिस ने इस परियोजना के रोकने वाली रिपोर्टों का खंडन किया, लेकिन बाद में इसराइली प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने प्रदर्शनों के कारण परियोजना को कुछ समय के लिए रोकने का आदेश दे दिया.

बता दें कि गोलान हाइट्स सीरिया का एक पहाड़ी इलाका है, लेकिन इस पर इसराइल का कब्ज़ा है. इसराइल ने 1967 में सीरिया के साथ हुए युद्ध के बाद गोलान हाइट्स पर कब्ज़ा कर लिया था. हालांकि बाद में 1973 में सीरिया ने इसे हासिल करने की कोशिश की लेकिन सीरिया विफ़ल हो गया. 1981 में इसराइल ने गोलान हाइट्स को अपने में मिलाने की घोषणा कर दी, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इसे मंजूर नहीं किया गया. इस इलाके में यहूदी समुदाय के लोगों के अलावा क़रीब 20 हजार सीरीयाई भी रहते हैं.

वीडियो में 'लव जिहाद' को लेकर भड़काऊ दावे कर रही महिला आईपीएस अधिकारी नहीं है

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