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फैक्ट चेक

क्या वायरल वीडियो में दिख रहे ये शख्स आईपीएस शैलजाकांत मिश्र हैं?

बूम ने पाया कि वायरल वीडियो में दिख रहे शख्स कंटेंट क्रियेटर नीतीश राजपूत हैं न कि आईपीएस शैलजाकांत मिश्र.

By -  Runjay Kumar | By -  Srijit Das |

29 Aug 2022 4:43 PM IST

सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफ़ी वायरल हो रहा है जिसमें एक शख्स भारतीय राजनीति के हो रहे अपराधीकरण पर बातें करता दिख रहा है. वीडियो को इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि वायरल वीडियो में दिख रहे शख्स लखनऊ पुलिस के आईपीएस अधिकारी शैलजाकांत मिश्र हैं.

वायरल वीडियो में गहरे रंग का कोट पहने हुए एक शख्स संसद सदस्यों और विधानसभा सदस्यों के ऊपर दर्ज आपराधिक मुकदमों के बारे में बातें करता दिख रहा है. इस दौरान वह कुछ आंकड़े भी बता रहा है. वीडियो में सबसे नीचे अंग्रेजी में लिखा एक टेक्स्ट भी मौजूद है, जिसका हिंदी अनुवाद है " ये लखनऊ पुलिस के आईपीएस अधिकारी शैलजाकांत मिश्रा हैं. उनके गहरे ज्ञान को सलाम".

इस वीडियो को ट्विटर और फ़ेसबुक दोनों जगहों पर वायरल दावे के साथ शेयर किया गया है.

भारतीय नौसेना में अपनी सेवाएं दे चुके और लेखक हरिंदर एस सिक्का ने भी इस वीडियो को अपने वेरिफ़ाईड ट्विटर अकाउंट से साझा किया है और लिखा है, "कृपा हर देशवासी तक कड़वा सत्य पहुँचाए।आज़ादी के बाद से हम ग़ुलामों की तरह आपराधिक नेताओं को समर्पित हैं। इमर्जन्सी,ऑपरेशन ब्लूस्टार,1984 में सिखों की हत्या,गोदरा ट्रेन में हिंदुओं को ज़िंदा जलाना,दिल्ली में शराब पर छूट से पैसे कामना…? क़ुसूर हमारा है,हम नपुंसक हैं,नेता नहीं।"


फ़ेसबुक पर भी इस वीडियो को कई यूज़र्स ने शेयर किया है.


फ़ैक्ट चेक

बूम ने वीडियो के साथ किए जा रहे दावे की पड़ताल के लिए सबसे पहले वीडियो को ध्यान से देखा. तो हमने पाया कि वीडियो में कहीं कहीं एक वाटरमार्क भी दिखाई दे रहा है, जिसमें अंग्रेजी में नीतीश राजपूत लिखा हुआ है और साथ ही कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का लोगो भी मौजूद है. आमतौर पर इस तरह का वाटरमार्क उस वीडियो को बनाने वाले वास्तविक चैनल की तरफ़ से डाला जाता है.


इसलिए हमने वीडियो में दिखे वाटरमार्क में लिखे नाम को यूट्यूब पर सर्च किया तो हमें Nitish Rajput नाम का चैनल मिला. साथ ही हमें वह वीडियो भी मिला जो सोशल मीडिया पर वायरल है.


नीतीश राजपूत नाम के इस चैनल से वायरल वीडियो को 26 जुलाई 2020 को अपलोड किया गया था और अंग्रेज़ी में इसकी हेडिंग दी गई थी, जिसका हिंदी अनुवाद है "आखिर क्यों अपराधी चुनाव जीतते हैं". साथ ही इस वीडियो के डिस्क्रिप्शन में भी लिखा है कि वीडियो में भारतीय राजनीति के हो रहे अपराधीकरण की चर्चा की गई है.

उनके यूट्यूब चैनल पर हमें कई अन्य मुद्दों से जुड़े वीडियोज भी मिले, जिसमें वो उन मुद्दों से संबंधित तथ्यों और जानकारियां लोगों को बताते हैं. जैसे उन्होंने गोधरा कांड, क्रेडिट कार्ड, स्टॉक मार्केट के बारे में भी लोगों को समझाने के लिए वीडियोज बनाए हैं.


यूट्यूब चैनल पर ही हमें नीतीश राजपूत के ट्विटर अकाउंट का भी लिंक मिला. ट्विटर बायो में उन्होंने खुद को कंटेंट क्रियेटर बताया है. इसी से मिलता जुलता बायो उनके दूसरे सोशल मीडिया अकाउंट पर भी मौजूद है. हालांकि कहीं भी उन्होंने ख़ुद को आईपीएस अधिकारी नहीं बताया है.


हमारी अभी तक की जांच में यह तो स्पष्ट हो गया था कि वीडियो में दिख रहे शख्स नीतीश राजपूत हैं, जो एक कंटेंट क्रियेटर हैं और वे अलग अलग समसामयिक मुद्दों पर वीडियोज बनाते हैं. हमने अपनी जांच को और पुख्ता बनाने के लिए नीतीश राजपूत से भी संपर्क किया तो उनकी टीम ने भी वायरल दावे का खंडन करते हुए कहा कि नीतीश राजपूत आईपीएस अधिकारी नहीं है.

इसके बाद हमने वायरल वीडियो में जिस आईपीएस अधिकारी शैलजाकांत मिश्र का ज़िक्र किया जा रहा था, उनके बारे में भी पता लगाने की कोशिश की.

हमने पाया कि शैलजाकांत मिश्र पुलिस सेवा से रिटायर हो चुके हैं और वर्तमान में वे उत्तरप्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद् के उपाध्यक्ष हैं.


मिश्र पहले लखनऊ रेंज के डीआईजी समेत कई पदों पर रह चुके हैं. शैलजाकांत मिश्र का भी एक वीडियो पहले काफ़ी वायरल हो चुका है, जिसमें वो गाज़ियाबाद के भूमाफियों के बारें में बातें कर रहे थे.

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