अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प के बाद से एक वीडियो सोशल मीडिया पर ख़ूब शेयर किया जा रहा है. तवांग की घटना से जोड़कर वायरल हो रहे इस वीडियो में एक चीनी सैनिक ज़ख़्मी हालत में नज़र आ रहा है. दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो तवांग में झड़प के दौरान घायल हुए चीन के सैनिक को दिखाता है.
हालांकि, बूम ने पाया कि वायरल वीडियो असल में पुराना है और इसका संबंध हालिया तवांग की घटना से नहीं है.
बीते 9 दिसंबर 2022 को अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी. इस झड़प में दोनों देशों के कुछ सैनिकों को चोट आई है. अंग्रेज़ी अख़बार द हिन्दू में प्रकाशित रिपोर्ट में भारतीय रक्षा अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि तवांग में हुई झड़प में भारतीय सेना के जवानों के मुक़ाबले चीनी सैनिक अधिक संख्या में घायल हुए हैं.
ट्विटर पर ख़ुद को भारतीय जनता युवा मोर्चा हरियाणा का प्रदेश मीडिया प्रभारी बताने वाले संदीप सजूमा ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "बोला था न भारतीय सेना से नो पंगा,भुगतो अब मोमोस, #tawang #ArunachalPradesh"
वीडियो यहां और आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.
ट्विटर पर वीडियो को इसी दावे के साथ बड़े पैमाने पर शेयर किया गया है.
फ़ेसबुक पर वायरल
फ़ेसबुक पर वीडियो शेयर करते हुए एक यूज़र ने कैप्शन दिया, "हमारे जवानों ने तवांग में चीनी सेना को लाल आँखें दिखा दी हैं."
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2000 रुपए का नोट वापस लिए जाने के दावे से एबीपी न्यूज़ का एडिटेड वीडियो वायरल
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल वीडियो का स्क्रीनग्रैब निकालकर उसे यांडेक्स इमेज सर्च पर खोजा तो यूट्यूब पर 19 फ़रवरी 2021 को अपलोड हुआ एक वीडियो मिला.
इस वीडियो में 1 मिनट 30 सेकंड की समयावधि पर ठीक वही दृश्य देखा जा सकता.
इस वीडियो के डिस्क्रिप्शन में बताया गया है कि चीनी टेलीविजन चैनल CCTV7 ने चीनी और भारतीय सेना के बीच जून 2020 में गलवान घाटी में हुई खूनी झड़प के अनदेखे वीडियो फुटेज जारी किए हैं.
जांच के दौरान ही हमें चीनी न्यूज़ चैनल सीजीटीएन के यूट्यूब चैनल पर 20 फ़रवरी 2021 को अपलोड हुआ एक वीडियो मिला, जिसमें 1 मिनट 45 सेकंड की समयावधि पर वायरल वीडियो में नज़र आने वाले उसी दृश्य को देखा जा सकता है.
वीडियो के टाइटल में बताया गया है कि यह रिपोर्ट साल 2020 में विदेशी सैनिकों (भारतीय सैनिकों) के साथ सीमा संघर्ष का सच दिखाती है.
सीजीटीएन की रिपोर्ट में वीडियो में घायल अवस्था में नज़र आने वाले चीनी सैनिक की पहचान रेजिमेंट कमांडर ची फैबाओ के रूप में की गई है. पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) सैन्य कमान के रेजिमेंटल कमांडर ची फैबाओ को बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक 2022 का मशालची बनाया गया था. इसपर काफ़ी विवाद भी हुआ था.
हमने पाया कि यही वीडियो सीजीटीएन की 20 फ़रवरी 2021 की एक रिपोर्ट में भी मौजूद है.
मनीकंट्रोल वेबसाइट पर 20 फ़रवरी 2021 को प्रकाशित एसोसिएटेड प्रेस की एक रिपोर्ट में वायरल वीडियो में घायल अवस्था में नज़र आने वाले चीनी सैनिक की तस्वीर मौजूद है.
इस तस्वीर के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया है कि यह ग़लवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के संघर्ष के दौरान चीनी सैनिकों को पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के रेजिमेंटल कमांडर ची फैबाओ के सिर पर पट्टी बांधते दिखाती है.
इस तस्वीर का श्रेय एपी वीडियो को दिखाया गया है.
15 जून, 2020 को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास, पूर्वी लद्दाख की ग़लवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच संघर्ष हुआ था. चीन की सेना ने 19 फरवरी 2021 को सार्वजनिक रूप स्वीकारा था कि इस झड़प में उसके चार सैनिक मारे गए थे.
बता दें कि 15-16 जून 2020 को लद्दाख की गलवान घाटी में एलएसी पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच संघर्ष हुआ था. इस झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 सैनिकों की मौत हुई थी.
बीबीसी हिंदी की रिपोर्ट के मुताबिक़. गलवान घाटी में भारत-चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच हुए संघर्ष में हथियार के तौर पर लोहे के रॉड का इस्तेमाल किया गया था जिसपर कीलें लगी हुई थीं.