सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें एक शख्स बांग्लादेशी झंडे को हाथ में लिए भारतीय तिरंगे पर पैर रखे नजर आ रहा है.
यूजर्स इस तस्वीर को सच मानते हुए दावा कर रहे हैं कि बांग्लादेशी भारतीय तिरंगे का अपमान कर रहे हैं.
बूम ने अपने फैक्ट चेक में पाया कि तिरंगे का अपमान दिखाती यह तस्वीर काल्पनिक है. इसे एआई की मदद से बनाया गया है.
इस तस्वीर में सर पर इस्लामी टोपी पहने एक शख्स एक हाथ में बांग्लादेश का झंडा लिए है, वहीं उसके पैरों के नीचे भारत का झंडा देखा जा सकता है.
एक्स पर वेरिफाइड यूजर चंदन शर्मा ने इसे शेयर करते हुए लिखा, 'इसे ही नमकहराम कहते हैं. भारत के फेंके हुए टुकड़ों पर पलने वाले बांग्लादेशी अब पाकिस्तान से प्रेरणा प्राप्त करके अपने मन के अंदर के इस्लामिक कट्टरता को बाहर लाते हुए कैसे भारत के तिरंगा झंडा को अपने पैरों तले रौंद रहे हैं...'
एक्स पर 'वॉयस ऑफ बंगलादेशी हिंदुज' नाम के एक हैंडल ने तस्वीर को शेयर कर दावा किया कि तिरंगे का अपमान करने वाला यह शख्स बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का सलाहकार आसिफ महमूद है, जिसने हसीना विरोधी आंदोलन का समन्वय किया था. हालांकि इस हैंडल ने बाद में यह पोस्ट डिलीट कर दिया. इसका आर्काइव लिंक यहां देखा जा सकता है.
इसके बाद आरएसएस के मुखपत्र पांचजन्य ने भी अपने एक लेख में आसिफ महमूद की तस्वीर के साथ यही दावा किया.
फैक्ट चेक
तस्वीर को गौर से देखने पर हमने पाया कि इसमें ऐसी कई विसंगतियां थीं, जो आम तौर पर एआई जनित तस्वीरों में होती हैं. उदाहरण के तौर पर इसमें दिख रहे शख्स के पैर की उंगलियों की बनावट और उसकी आंखें देखी जा सकती हैं.
हमने यह भी पाया कि सलाहकार आसिफ महमूद का चेहरा वायरल तस्वीर वाले शख्स से मेल नहीं खाता.
तिरंगे का अपमान दिखाती यह तस्वीर AI जनित है
इसकी सच्चाई जानने के लिए हमने एआई डिटेक्टर टूल ट्रूमीडिया पर तस्वीर की जांच की. इस टूल ने तस्वीर के एआई जनरेटेड होने की संभावना 99 प्रतिशत जताई.
पुष्टि के लिए हमने तस्वीर को एक अन्य एआई डिटेक्टर टूल Hive Moderation पर भी चेक किया. इस टूल के मुताबिक भी तस्वीर के एआई जनरेटेड होने की संभावना 99 फीसदी थी.
आनंद बाजार समेत कई बांग्लादेशी न्यूज आउटलेट्स ने भी इस तस्वीर का खंडन करते हुए खबरें प्रकाशित की हैं. इसके अलावा बांग्लादेशी फैक्ट चेकर शोहनुर रहमान ने अपने एक्स पर इस तस्वीर का खंडन करते हुए एक पोस्ट किया और इसे एआई जनरेटेड बताया.
सलाहकार आसिफ महमूद ने भी अपने एक्स पर इस तस्वीर के साथ किए जा रहे दावे को लेकर प्रतिक्रिया दी और इसे फर्जी करार दिया. इस पोस्ट में आसिफ ने लिखा, "यह आरोप पूरी तरह से झूठा और निराधार है. हम किसी भी देश के राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करते हैं."