सेना के जवान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है जिसमें वह रोते हुए युद्धग्रस्त रूस के हालात बयां कर रहा है और बता रहा है कि उसके साथ के दस लोग मारे जा चुके हैं.
यूजर इस वीडियो के साथ दावा कर रहे हैं कि रूस पढ़ने गए हरियाणा के बच्चों को वहां 10 दिन की ट्रेनिंग देकर युद्ध के मैदान में भेज दिया गया है, जिसमें से एक बचा हुआ है तो भारत सरकार से सहायता मांग रहा है.
बूम ने जांच में पाया कि वायरल वीडियो एआई जनरेटेड है. एआई डिटेक्टर टूल Hive Moderation और Deepfake-O-Meter ने वीडियो के 99 प्रतिशत से अधिक एआई से बने होने की संभावना व्यक्त की है.
सोशल मीडिया पर क्या है वायरल?
एक्स पर एक यूजर (आर्काइव लिंक) ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, ‘भारत में पढ़ाई बहुत महंगी है तो हरियाणा के बच्चे रूस चले गए. वहां युद्ध चल रहा है तो बच्चों को 10 दिन की ट्रेनिंग देकर युद्ध के मैदान में भेज दिया. अब कुछ युवाओं के पार्थिव शरीर घर पहुंच गए है, कुछ लापता हैं. एक युवा बचा हुआ है तो भारत सरकार से सहायता मांग रहा है.’
फेसबुक (आर्काइव लिंक) और इंस्टाग्राम (आर्काइव लिंक) पर भी यह वीडियो इसी दावे से वायरल है.
पड़ताल में क्या मिला:
बूम ने वीडियो की पड़ताल के लिए दावे से संबंधित कीवर्ड से गूगल पर सर्च किया. हमें कुछ न्यूज रिपोर्ट मिलीं, जिसमें बताया गया कि हरियाणा सहित कई राज्यों के युवा एजेंट के जाल में फंसकर पढ़ाई या जॉब के नाम पर रूस गए और कम समय की ट्रेनिंग के बाद उन्हें युद्ध के मैदान में भेजा दिया गया.
विदेश मंत्रालय और मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भारत ने कम से कम 44 भारतीयों की पहचान की है जो अभी रूसी सेना में हैं. दिल्ली में कई परिवारों ने नवंबर के शुरुआती हफ्ते में धरना देकर भारत सरकार से मदद भी मांगी है.
नवभारत टाइम्स की 23 नवंबर 2025 की रिपोर्ट में बताया गया कि हरियाणा के कई युवक रूस में फंस गए हैं. लगभग 60 नौजवानों को जबरन रूस की सेना में भर्ती कराया गया है. परिजनों ने आरोप लगाया गया है कि इन युवकों को यूक्रेन के खिलाफ युद्ध लड़ने के लिए रूस की सेना में जबरन भर्ती किया गया है, जिनमें से कई युवकों की मौत हो गई है और 2 युवकों की डेड बॉडी भी आ चुकी है.
अमर उजाला की 29 अक्टूबर 2025 की रिपोर्ट में रूस-यूक्रेन युद्ध में हरियाणा के युवक की मौत होने की खबर रिपोर्ट की गई थी. रिपोर्ट में बताया गया कि हिसार का एक लड़का सोनू मई 2024 में रशियन भाषा सीखने के लिए रूस गया था, वहां एजेंट ने उसे धोखे से रूसी सेना में भर्ती करा दिया और 10 दिन के प्रशिक्षण के बाद युद्ध के मैदान में भेज दिया, जहां यूक्रेन के ड्रोन हमले में उसकी मौत हो गई है. 29 अक्टूबर को उसका शव एयरलिफ्ट कर भारत भेजा गया.
हालांकि हमें वायरल वीडियो की पुष्टि करने वाली कोई विश्वसनीय न्यूज रिपोर्ट नहीं मिली. वायरल वीडियो को ध्यान से देखने पर हमें इसके एआई जनरेटेड होने संदेह हुआ.
वायरल वीडियो एआई जनरेटेड
हमने वीडियो को एआई डिटेक्टर टूल Hive Moderation और Deepfake-O-Meter पर इसे चेक किया तो पाया कि यह वीडियो वास्तविक नहीं है, बल्कि एआई जनरेटेड है. Hive Moderation के मुताबिक इस वीडियो के एआई से बने होने की 99 प्रतिशत से अधिक संभावना है.
वहीं Deepfake-O-Meter के AVSRDD (2025) मॉडल के मुताबिक यह वीडियो 100 प्रतिशत फेक है और संभावित तौर पर एआई जनरेटेड है.


