सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफ़ी वायरल हो रहा है. वीडियो में कुछ पुलिसकर्मी दो महिला को पकड़ कर ले जाते दिख रहे हैं. इस दौरान वहां मौजूद महिला और पुरुष पुलिसकर्मी उन्हें डंडे से पीटते भी नज़र आ रहे हैं. वीडियो को बीते दिनों हरियाणा के नूंह ज़िले में भड़की हिंसा से जोड़ कर शेयर किया जा रहा है.
हालांकि, बूम ने अपनी जांच में पाया कि यह वीडियो साल 2020 का है हरियाणा के पलवल जिले का है. वीडियो में दिख रही दोनों महिला एक गोकशी के मामले में नामजद थी और यह वीडियो उन्हें हिरासत में लिए जाने के दौरान का है.
बीते 31 जुलाई को हरियाणा के मेवात इलाक़े में बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद की तरफ़ से निकाली गई बृजमंडल जलाभिषेक यात्रा के दौरान हिंसा भड़क गई. इसके बाद यह हिंसा आसपास के ज़िलों फ़रीदाबाद और गुरुग्राम में भी फ़ैल गई. इस हिंसा में क़रीब 6 लोगों की मौत हो गई थी.
क़रीब 37 सेकेंड के वायरल वीडियो में हरियाणा सरकार लिखी एक गाड़ी के साथ मौजूद पुलिस गाड़ी में दो महिलाओं को पकड़ कर बिठाते हुए देखा जा सकता है. इस दौरान वहां मौजूद महिला और पुरुष पुलिसकर्मी उन महिलाओं को डंडे से पीटते भी नज़र आ रहे हैं.
वीडियो को कई वेरिफ़ाईड ट्विटर हैंडल द्वारा इस दावे वाले कैप्शन से शेयर किया जा रहा है कि हरियाणा के नूंह और मेवात में लागू कर्फ्यू के दौरान पुलिस द्वारा महिलाओं पर लाठी-डंडे का प्रयोग किया जा रहा है.
वहीं एआईएमआईएम नेता वारिस पठान ने भी इसे हालिया बताकर अपने ट्विटर अकाउंट से शेयर किया है.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए उसके कीफ़्रेम की मदद से रिवर्स इमेज सर्च किया तो हमें एक ट्विटर यूज़र द्वारा अप्रैल 2020 में शेयर किया गया यह वीडियो मिला. वीडियो को ट्विटर यूज़र ने हरियाणा के पलवल ज़िले के उटावड़ गांव का बताया था.
वीडियो के साथ मौजूद कैप्शन में लिखा हुआ था, “यह घटना पलवल जिले के उटावड़ गांव की है।एक पुरुष पुलिस वाला औरतों पर लाठी चार्ज कर रही है।जबकि कानून में यह मना है”.
इसके बाद हमने प्राप्त ज़ानकारी के आधार पर संबंधित कीवर्ड की मदद से गूगल सर्च किया, लेकिन हमें कोई भी न्यूज़ रिपोर्ट्स नहीं मिली.
इसके बाद हमने उटावड़ थाने के एसएचओ टेक सिंह से संपर्क किया तो उन्होंने पुष्टि करते हुए कहा कि यह वीडियो उनके ही थाने क्षेत्र का है. इस दौरान उन्होंने बताया कि “यह वीडियो 2020 का है, दरअसल पुलिस गोकशी के एक मामले में नामजद दो महिलाओं को पकड़ने गई थी. तभी महिला के पहचान वालों और पड़ोसियों ने पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया. हमले की सूचना मिलने पर कई अन्य पुलिसकर्मी और कोरोना काल होने की वजह इलाक़े के मजिस्ट्रेट भी वहां पहुंच गए. भारी पुलिसबल की मौजूदगी में दोनों महिलाओं को हिरासत में लिया गया और इस दौरान कुछ पुलिसकर्मियों ने दोनों महिलाओं को लाठी की मदद से डराने की भी कोशिश की थी”.
हालांकि, इस दौरान हमें पुलिस ने इस घटना की वास्तविक तारीख़ नहीं बताई लेकिन उन्होंने यह साफ़ किया कि यह घटना 2020 की ही है.