दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. वीडियो को 2002 गुजरात दंगो की रेप पीड़िता बिलकिस बानो के मुद्दे पर कथित तौर पर चुप्पी साधे 'आप' नेताओं की चौतरफ़ा आलोचना की पृष्ठभूमि में शेयर किया जा रहा है. वीडियो के साथ दावा है कि यह बलात्कार और बलात्कारियों पर अरविंद केजरीवाल के कड़े रुख़ को दर्शाता है.
इस वीडियो को मीडिया के उस आरोप के जवाब में शेयर किया गया है जिसमें गुजरात चुनाव में पूरे लश्कर के साथ प्रचार में जुटी आम आदमी पार्टी गुजरात दंगों की रेप पीड़िता बिलकिस बानो के मामले पर दूरी बनाये हुए है. इस वीडियो को उन आरोपों पर अरविंद केजरीवाल के जवाब के तौर पर पेश किया जा रहा है.
24 सेकंड के इस वीडियो में केजरीवाल को प्रेस वार्ता में यह कहते हुए सुना जा सकता है: "किसी को नहीं छोड़ना. उनके ख़िलाफ़ सख्त़ से सख्त़ एक्शन लो. उसपे बयान क्या पूछ रहे हो...क्या कहने से दंगे वालों को सज़ा मिलेगी क्या? इससे सज़ा मिलेगी? ऐसे क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम चलेगा हमारा? उठा के जेल में डालो जो भी दोषी हैं."
हालांकि, बूम ने पाया कि इस वीडियो में अरविंद केजरीवाल बलात्कारियों को सज़ा देने की बात नहीं बल्कि 2020 के दिल्ली दंगों के दोषियों के बारे में अपनी बात कर रहे हैं.
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बीते मंगलवार को गुजरात में चुनाव प्रचार करने पहुंचे दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से जब रोड शो के दौरान एक पत्रकार ने बिलकिस बानो मामले पर उनके विचार जानने चाहे तो उन्होंने सवाल से पूरी तरह दूरी बना ली थी.
एबीपी न्यूज़ के पत्रकार ने मनीष सिसोदिया से सवाल किया था कि "गुजरात में एक सवाल पूछा जा रहा है कि 'आप' बिलकिस बानो पर बात नहीं करती, आप मुसलमानों पर बात नहीं करते...."
इसके जवाब में मनीष सिसोदिया ने कहा कि "हम लोग शिक्षा पर चल रहे हैं, स्कूल-अस्पताल पर चल रहे हैं, ...हमको इससे मतलब. जिसको जिससे मतलब है वो उस पर बात कर रहा है."
मनीष सिसोदिया का ये वीडियो सामने के बाद उन पर और आम आदमी पार्टी पर बिलकिस बानो के मामले से दूर भागने का आरोप लग रहा है. अरविंद केजरीवाल का वीडियो इस पृष्ठभूमि में शेयर किया जा रहा है.
दिल्ली के आम आदमी पार्टी विधायक नरेश बाल्यान ने ट्विटर पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "रेप का ख़िलाफ़ अरविंद केजरीवाल जी का स्टैंड बिल्कुल साफ़ है. ये उनका बयान है. मंडी हाउस में बैठ कर कटिंग चाय पीते हुए लफ़ंगागिरी करने वाले नहीं बतायेंगे कि केजरीवाल को किसपे बोलना है और किसपे नहीं. बयानवीरो को बयान चाहिये. इनकी रोज़ी-रोटी इसी से चलती है."
ट्वीट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.
इसी वीडियो को पहले आम आदमी पार्टी यूपी प्रवक्ता प्रियंका कक्कड ने शेयर किया था.
इसी वीडियो को फ़ेसबुक पर भी हूबहू दावे के साथ शेयर किया गया है.
एक यूज़र ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "रेप के ख़िलाफ़ अरविंद केजरीवाल जी का स्टैंड बिल्कुल साफ़ है. ये उनका बयान है."
पोस्ट यहां देखें.
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फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल वीडियो की सत्यता जांचने के लिए वीडियो के कीफ़्रेम्स निकालकर संबंधित कीवर्ड के साथ खोजबीन शुरू की तो 27 फ़रवरी 2020 को आज तक के यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया एक वीडियो मिला.
"Delhi Violence: दिल्ली सरकार का ऐलान, हिंसा में मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख मुआवजा" शीर्षक के साथ अपलोड किये गए इस वीडियो में दिल्ली के मुख्यमंत्री दिल्ली दंगों पर प्रेस कांफ्रेंस करते नज़र आते हैं.
इस वीडियो में अरविंद केजरीवाल दंगा ग्रस्त क्षेत्रों में राहत पहुँचाने, दंगा पीड़ितों के इलाज और दंगे में शामिल लोगों के ख़िलाफ़ सख्त़ कार्यवाई करने की बात कहते नज़र आते हैं.
वीडियो में 9 मिनट 24 सेकंड की समयावधि पर अरविंद केजरीवाल उन्हीं बातों को कहते नज़र आते हैं, जिसे वायरल वीडियो के रूप में बलात्कार पर उनके स्पष्ट रुख़ के तौर शेयर किया गया था.
अरविंद केजरीवाल प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहते हैं, "मैं सुबह से देख रहा हूं कि इसके ऊपर राजनीति नहीं होनी चाहिए. आम आदमी पार्टी का है कोई, या बीजेपी का है या कोई कांग्रेस का है. जिन-जिन लोगों ने दंगों को उकसाने की कोशिश की, जिन-जिन लोगों ने दंगे करवाए, उनको बख़्शा नहीं जाना चाहिए. चाहे कोई भी हो, चाहे मेरे मंत्रिमंडल में कोई है. किसी को नहीं छोड़ना. उनके ख़िलाफ़ सख्त़ से सख्त़ एक्शन लो. उसपे बयान क्या पूछ रहे हो...क्या कहने से दंगे वालों को सज़ा मिलेगी क्या? इससे सज़ा मिलेगी? ऐसे क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम चलेगा हमारा? उठा के जेल में डालो जो भी दोषी हैं."
एनडीटीवी के 27 फ़रवरी 2020 के वीडियो में भी अरविंद केजरीवाल दिल्ली दंगों में शामिल लोगों पर सख्त़ से सख्त़ कार्यवाई करने की बात कहते नज़र आते हैं. संभवतः वीडियो के इसी हिस्से को काटकर गुजरात चुनाव के मद्देनज़र बिलकिस बानो के मामले से जोड़कर शेयर किया गया है.
हमें साल 2020 के दिल्ली दंगों पर अरविंद केजरीवाल की इसी प्रेस कांफ्रेंस से जुड़ी कई मीडिया रिपोर्ट्स भी मिलीं. इंडिया टीवी वेबसाइट पर 27 फ़रवरी 2020 को प्रकाशित रिपोर्ट में उस प्रेस कांफ्रेंस का वीडियो मौजूद है.
रिपोर्ट में भी उनकी प्रेस कांफ्रेंस का ज़िक्र करते हुए बताया गया है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि जिसने भी दंगे करवाए उन्हें बख़्शा नहीं जाना चाहिये. चाहे मेरे मंत्रिमंडल से ही कोई क्यों न हो. कहने से दंगे वालों को सज़ा मिलेगी क्या? किसी को भी नहीं बख़्शा जाना चाहिए.
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